Artificial Intelligence (AI) इन दिनों प्रौद्योगिकी में सबसे लोकप्रिय शब्दों में से एक है. वैसे तो यह पिछले कई दशकों से चर्चा के केंद्र में है, लेकिन वर्तमान समय में यह एक ज्वलंत विषय है. अभी के समय में लगभग हर उद्योग एआई तकनीक का उपयोग करते हैं, जिसके कारण यह सबसे अधिक मांग वाले करियर में से एक बनकर उभरा है.
वास्तव में, यह मशीनों के लिए एक कृत्रिम दिमाग है जो नए इनपुट को अपनाता है और इसे मानव जैसे कार्य करने में सक्षम बनाता है. आप कंप्यूटर पर शतरंज खेलने से लेकर सेल्फ-ड्राइविंग कारों तक इसके कई उदाहरण देख सकते हैं. इन तकनीकों का उपयोग करके कंप्यूटर को कमांड देकर विशिष्ट कार्य करने के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है.
भविष्य में जब कोई मशीन इंसानों की तरह इंसान का काम सोच-समझकर करने लगेगी तो आपको आश्चर्य नहीं होना चाहिए क्योंकि यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का कमाल होगा.
यदि आप इसके बारे में नहीं जानते हैं तो इस लेख के माध्यम से आपको इसके बारे में पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है इसीलिए इस आर्टिकल के साथ अंत तक बने रहें.
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Artificial Intelligence (AI) क्या है?
What is Artificial Intelligence in Hindi- Artificial Intelligence (AI) अर्थात कृत्रिम बुद्धिमत्ता जिसका अर्थ होता है कृत्रिम रूप से विकसित बौद्धिक क्षमताएँ जो एक कंप्यूटर, कंप्यूटर-नियंत्रित रोबोट या सॉफ़्टवेयर को मानव मस्तिष्क की तरह बुद्धिमानी से सोचने में सक्षम बनाता है. अगर सरल शब्दों में कहा जाए तो इस विधि के अंतर्गत मशीनों का दिमाग इतना उन्नत किया जाता है कि वह इंसानों की तरह सोच और काम कर सके.
इस परिकल्पना के तहत, मशीनों को प्राकृतिक बुद्धिमत्ता के विपरीत कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रदान करना है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर विज्ञान की वह शाखा है जो मशीनें और सॉफ्टवेयर को बुद्धिमत्ता के साथ विकसित करती है.
अगर आपने टर्मिनेटर, स्टार वॉर, मैट्रिक्स, आई रोबोट जैसी हॉलीवुड फिल्में देखी हैं तो आपको वहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की झलक जरूर देखने को मिला होगा. वर्तमान समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को नजरअंदाज करना लगभग नामुमकिन है क्योंकि यह हमारे दैनिक जीवन की जरूरत बन गई है.
Artificial Intelligence (AI) कैसे काम करता है?
How does Artificial Intelligence (AI) work?- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर विज्ञान की एक बहुत ही उन्नत शाखा है जिसके अंतर्गत कृत्रिम बुद्धिमत्ता का विकास किया जाता है.
इसमें कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के जरिए एक मशीन को इतना बुद्धिमान बनाया जाता है, ताकि वह इंसानों की तरह सोच-समझकर काम कर सके. इसे विशिष्ट कार्य करने के लिए प्रशिक्षित और केंद्रित किया जाता है.
सैद्धांतिक रूप से एक ऐसी मशीन विकसित करने का विचार है जो इतनी बुद्धिमान हो कि उसमें समस्याओं को सुलझाने, सीखने और भविष्य के लिए योजना बनाने की क्षमता हो.
Artificial Intelligence (AI) के प्रकार
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को उसकी कार्य क्षमता के अनुसार चार प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है जो इस प्रकार हैं
- Purely Reactive (पूर्णतः प्रतिक्रियात्मक)
- Brain Theory (मस्तिष्क सिद्धांत)
- Self Conscious (आत्म-चेतन)
- Limited Memory (सीमित स्मृति)
1) Purely Reactive (पूर्णतः प्रतिक्रियात्मक) AI
यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सबसे बुनियादी प्रकार है. ऐसा AI सिस्टम किसी भी काम को करने के लिए न तो मेमोरी का और न ही पिछले अनुभवों का उपयोग करता है; यह केवल वर्तमान परिदृश्यों पर ध्यान केंद्रित करके काम करता है. आईबीएम का डीप ब्लू सिस्टम इसका एक उदाहरण है.
चूँकि यह वर्तमान डेटा के आधार पर काम करता है, इसलिए यह अपने भविष्य के कार्यों का मूल्यांकन करने के लिए डेटा से निष्कर्ष नहीं निकाल सकता है.
2) Brain Theory (मस्तिष्क सिद्धांत) AI
यह अधिक उन्नत प्रकार की कृत्रिम बुद्धिमत्ता है. इस प्रकार का एआई मुख्य रूप से मानवीय विश्वासों और विचारों को बेहतर ढंग से समझने के लिए भावनात्मक बुद्धिमत्ता पर ध्यान केंद्रित करेगा. इसकी सोचने और समझने की शक्ति इंसानी मस्तिष्क की तरह होगी.
इस प्रकार की AI मशीनें अभी विकसित नहीं हुई हैं, लेकिन शोधकर्ता ऐसी मशीनें विकसित करने के लिए नियमित रूप से काम कर रहे हैं. आनेवाला भविष्य इसी का है.
3) Self Conscious (आत्म-चेतन)
आपको जानकर हैरानी होगी कि Self Conscious (आत्म-चेतन) मशीनें इंसान के दिमाग से भी ज्यादा स्मार्ट होंगी. जैसा कि नाम से पता चलता है, ये मशीनें अत्यधिक बुद्धिमान होंगी और उनकी अपनी चेतना, भावनाएं और आत्म-जागरूकता होगी. फिलहाल ये हकीकत में मौजूद नहीं है लेकिन ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भविष्य है जिस पर काफी रिसर्च हो रही है.
4) Limited Memory (सीमित स्मृति)
सीमित मेमोरी मशीनें पिछले अनुभवों या कुछ डेटा को थोड़े समय के लिए संग्रहीत कर सकती हैं और उस संग्रहीत डेटा को सीमित समय अवधि के लिए उपयोग कर सकती हैं. इसका सबसे अच्छा उदाहरण सेल्फ-ड्राइविंग कारें हैं.
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का भविष्य
कृत्रिम बुद्धिमत्ता का भविष्य बहुत आशाजनक है क्योंकि यह मानव क्षमताओं को बढ़ा सकता है, उद्योगों में क्रांति ला सकता है और जटिल चुनौतियों को हल करने में मदद कर सकता है.
1951 से अब तक AI ने काफ़ी लंबा सफ़र तय किया है. आज, ऐसा कोई भी बड़ा उद्योग नहीं है जो आधुनिक AI से प्रभावित न हुआ हो. स्वास्थ्य सेवा, विनिर्माण, शिक्षा, वित्त, परिवहन, मीडिया आदि ऐसे प्रमुख उद्योग हैं जहाँ AI मौजूद है. अनुमान है कि वर्ष 2030 तक यह तकनीक वैश्विक अर्थव्यवस्था को लगभग 14% तक बढ़ा सकने में सक्षम होगी.