क्या आपने कभी सोचा है कि कंपनियां कैसे अपनी संपत्ति और देनदारियों का हिसाब रखती हैं? क्या आप जानना चाहते हैं कि किसी कंपनी की वित्तीय सेहत कैसी है? इसका जवाब है — बैलेंस शीट!
इस लेख में, हम बहुत ही सरल भाषा में समझेंगे कि बैलेंस शीट को कैसे पढ़ा जाता है, इसके लिए हम एक काल्पनिक उदाहरण लेंगे – ABC Finance Ltd. की बैलेंस शीट (31 मार्च 2025) को लेकर बिलकुल आसान भाषा में समझेंगे कि बैलेंस शीट को कैसे पढ़ा जाता है।
बैलेंस शीट क्या होती है?
दरअसल, बैलेंस शीट कंपनी की वित्तीय स्थिति का एक स्नैपशॉट प्रदान करती है। यह एक वित्तीय दस्तावेज है जो किसी खास तारीख पर कंपनी की संपत्ति, देनदारियों और इक्विटी को दर्शाता है। इसे इस तरह से आसान तरीके से समझा जा सकता है:
बैलेंस शीट एक वित्तीय दस्तावेज होता है जो किसी कंपनी की एक निश्चित तारीख पर:
- कितनी संपत्ति (Assets) है,
- कितनी देनदारियां (Liabilities) हैं, और
- कंपनी के मालिकों ने कितना पैसा लगाया है (इक्विटी/Equity),
इन सबका लेखा-जोखा दिखाता है। बैलेंस शीट का फार्मूला होता है:
बैलेंस शीट का फॉर्मूला
बैलेंस शीट एक वित्तीय विवरण है जो किसी निश्चित तिथि पर किसी व्यवसाय की वित्तीय स्थिति को दर्शाता है। इसका मूल फार्मूला है:
संपत्ति (Assets)=देयताएं (Liabilities)+स्वामित्व पूंजी (Owner’s Equity). इस फार्मूला को आसान तरीके से हम कह सकते हैं कि: संपत्ति = देनदारियाँ + मालिक की पूंजी। बैलेंस शीट का मुख्य भाग की हम बात करें तो इसमें संपत्तियाँ (Assets), देनदारियाँ (Liabilities) और स्वामित्व पूंजी (Owner’s Equity) होती है।
बैलेंस शीट को कैसे पढ़ें?
अब उदाहरण से समझते हैं – ABC कंपनी की बैलेंस शीट (31 मार्च 2025)। इस कंपनी की बैलेंस शीट इस तरह दी गई है।

I. इक्विटी और देनदारियां (Equity & Liabilities)
1. शेयरधारकों की पूंजी (Shareholder’s Funds)
- शेयर पूंजी: ₹5,00,00,000
- रिजर्व और अधिशेष: ₹7,90,579
मतलब: मालिकों ने कंपनी में कुल ₹5 करोड़ का निवेश किया है और कंपनी ने अब तक ₹7.9 लाख का मुनाफा जोड़ा है।
2. दीर्घकालिक देनदारियां (Long-Term Liabilities)
- लंबी अवधि का कर्ज: ₹1,38,28,700
मतलब: कंपनी ने बैंक या अन्य स्रोतों से लगभग ₹1.38 करोड़ का कर्ज लिया है जो लंबे समय में चुकाना है।
3. तात्कालिक देनदारियां (Current Liabilities)
- अन्य देनदारियां: ₹22,70,903
- तात्कालिक प्रावधान: ₹19,42,143
मतलब: यह वे छोटी अवधि की देनदारियां हैं जो अगले 12 महीनों में चुकानी होंगी। कुल देनदारियां और पूंजी: ₹6,88,32,325
II. संपत्तियां (Assets)
1. दीर्घकालिक संपत्तियां (Non-Current Assets)
- मशीनरी और उपकरण: ₹6,81,706
- लंबी अवधि का कर्ज (जो कंपनी ने दूसरों को दिया है): ₹6,13,64,145
- डिफर्ड टैक्स एसेट: ₹1,03,691
मतलब: कंपनी ने दूसरों को ₹6.13 करोड़ का लोन दिया हुआ है, जो एक निवेश है।
2. तात्कालिक संपत्तियां (Current Assets)
- नकद और बैंक बैलेंस: ₹61,85,214
- अन्य वर्तमान संपत्तियां: ₹4,97,575
मतलब: कंपनी के पास ₹61 लाख से अधिक नकद है, जिससे वो रोजमर्रा के खर्च कर सकती है। कुल संपत्तियां: ₹6,88,32,331
बैलेंस शीट पढ़ने के मुख्य बिंदु
1. बैलेंस होता है या नहीं?
हां! कुल संपत्तियां = कुल देनदारियां + इक्विटी (₹6,88,32,000 के आसपास) बैलेंस शीट संतुलित है।
2. कंपनी की वित्तीय स्थिति:
- इक्विटी में भारी बढ़ोतरी हुई है (शेयर पूंजी दोगुनी से अधिक हुई)।
- कर्ज बहुत घटा है — कंपनी ने कर्ज चुकाया है।
- नकद थोड़ी घटी है, पर अभी भी मजबूत है।
- कुल संपत्तियां थोड़ी कम हुईं, लेकिन कंपनी की स्थिति स्थिर लगती है।
3. आप क्या समझ सकते हैं?
- यह कंपनी कर्ज से बाहर निकलने की कोशिश कर रही है।
- निवेशक इसमें पैसा लगा रहे हैं (इक्विटी बढ़ी)।
- कंपनी के पास अभी भी लोन देने की ताकत है (₹6 करोड़ से ज्यादा लोन अन्य को दिया हुआ है)।
बैलेंस शीट पढ़ने का तरीका क्या है?
- ऊपर से नीचे पढ़ें — पहले Equity & Liabilities, फिर Assets
- तुलना करें — पिछले साल के आंकड़ों से
प्रमुख संकेत देखें:
- क्या नकदी बढ़ रही है?
- कर्ज कितना है?
- कंपनी ने लाभ कमाया या नहीं?
- कुल संपत्तियों में कौन-सी प्रमुख हैं?
निष्कर्ष (Conclusion)
तो दोस्तों, मुझे उम्मीद है कि आप समझ गए होंगे कि बैलेंस शीट कैसे पढ़ी जाती है। बैलेंस शीट कोई डरावनी चीज नहीं है। अगर आप इसे ऊपर दिए गए आसान तरीकों से पढ़ेंगे, तो आप भी किसी भी कंपनी की वित्तीय स्थिति का विश्लेषण कर सकते हैं। ABC Finance Ltd.का उदाहरण दिखाता है कि कैसे कोई कंपनी अपने कर्ज को कम करके, इक्विटी बढ़ाकर और नकदी बनाए रखकर कैसे संतुलन में रह सकती है।