आज का हमारा जो विषय है Capital Revenue and Liabilities ये तीनों टॉपिक को मैं इस लेख में एकसाथ cover करूँगा. आपके मन में कोई सवाल उठे उससे पहले मैं आपको बता देना चाहता हूँ कि मेरे एक user के request पे मैं इन तीनों टॉपिक के बारे में एक साथ लिख रहा हूँ.
तो चलिए विस्तारपूर्वक सरल शब्दों में समझने का प्रयास करते हैं कि Capital Revenue and Liabilities क्या है? सबसे पहले देखेंगे कि Capital क्या होता है?
Table of Contents
Capital क्या है?
हिंदी में capital को पूँजी कहा जाता है अर्थात इसी से किसी व्यवसाय की शुरुआत की जाती है. अपने रोजमर्रा के जीवन में हम पूँजी यानि capital से भलीभांति परिचित होते हैं. मान लीजिये कोई व्यक्ति खुद का व्यापार शुरू करना चाहता है तो सबसे पहले उसे किस चीज की आवश्यकता होगी?
किसी व्यवसाय को शुरू करने के लिए सबसे पहले हमें पूँजी की आवश्यकता होगी. इसप्रकार हम कह सकते हैं कि Capital वह धनराशि है जिसे लगाकर कोई व्यक्ति व्यापार शुरू करता है. व्यापार शुरू करने वाला व्यक्ति को हम व्यापारी या व्यवसायी के नाम से जानते हैं.
अब यहाँ पर आपको एक महत्वपूर्ण बात ये समझना है कि किसी व्यवसाय का स्वामी पूँजी लगाकर व्यवसाय शुरू कर लिया. व्यवसाय शुरू करने के लिए उसने भूमि, भवन, मशीनरी तथा अन्य दुसरे प्रकार का संयंत्र क्रय किया जिसके लिए उसे पैसे खर्च करने पड़े. इसप्रकार सम्पतियों को क्रय करने के लिए जो धनराशि व्यय किये गये उसे हम स्थिर पूँजी कह सकते हैं.
अब जरा आप सोंचिये क्या इतने से काम चल जायेगा? नहीं चलेगा क्योंकि सम्पतियों को क्रय करने के पश्चात भी उसे दैनिक कार्यों में इस्तेमाल करने के लिए भी पूँजी की आवश्यकता होगी. ये भी पूँजी का ही एक भाग है जो दैनिक कार्यों में इस्तेमाल होता है जिसे हम – Working Capital के नाम से जानते हैं और हिंदी में इसे कार्यशील पूँजी कह सकते हैं.
आईये देखते हैं कि Capital यानि पूँजी का journal entry किसप्रकार होता है. मान लेते हैं कि 01 August को Siya Ram नाम का एक व्यक्ति 50000 रूपये से business start करता है ( Siya Ram started business with cash – 50000)
Revenue क्या है?
चलिए अब हम देखते हैं कि किसी कंपनी के सन्दर्भ में Revenue क्या होता है. हिंदी में हम Revenue को आगम के नाम से जानते हैं और इसका सीधा – सीधा आशय किसी व्यवसाय की आय से है.
जब किसी व्यवसाय की आय यानि आगम में वृद्धि होगी तो जाहिर सी बात है कंपनी का पूँजी यानि capital भी increase करेगा अर्थात हम कह सकते हैं कि Revenue से Capital में भी growth होती है.
किसी व्यवसाय की आय (आगम) कई प्रकार से होती है जैसे माल के विक्रय से, अर्जित कमीशन, किराया, ब्याज, लाभांश आदि.
Liabilities क्या है?
अब चलिए आज का अंतिम accounting term liabilities के बारे में समझते हैं. Liabilities को हम कह सकते हैं दायित्व, ऋण या कर्ज. मान लेते हैं कोई व्यक्ति या व्यवसाय किसी बैंक से कर्ज लेता है तो उसका ये दायित्व होता है कि वह समय पर लिए गये ऋण का भुगतान करे.
Liabilities के कई उदहारण हैं जैसे बिजली का बिल, नियुक्त किये गये कर्मी का salary, घर, ऑफिस या दूकान का किराया. यदि सरल शब्दों में कहा जाए तो हमें किसी दुसरे पार्टी को पैसे देने हैं तो तो वह हमारी liabilities है.
यह दो प्रकार के होते हैं :
- Non – Current Liabilities (एक वित्तीय वर्ष या उससे अधिक समय में चुकाना हो)
- Current Liabilities (एक वित्तीय वर्ष या उससे कम समय में चुकाना हो)
Final Words,
तो दोस्तों आशा करता हूँ कि आपको आज का हमारा जो विषय है Capital Revenue and Liabilities में आपको बहुत कुछ समझ में आ गया होगा. यदि सम्बंधित विषय से आपको कुछ प्रश्न पूछना हो या अपनी राय देनी हो तो आप हमारा comment box का उपयोग कर सकते हैं.
इस लेख में आप सभी को ये ध्यान रहे कि मैंने इसके शुरूआती basic बातें ही बताएं हैं. गहन रूप से अध्ययन करने पर सम्बंधित विषय का विस्तार और भी है.