What Is Depreciation in Hindi? जैसा कि हम सभी जानते हैं accounting में depreciation एक महत्वपूर्ण टॉपिक है और यह practically हमारी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ा हुआ विषय है इसीलिए इसे हम आसानी से समझ सकते हैं.
वास्तव में depreciation की शुरुआत तब होती है जब हम कोई assets खरीदते हैं और जैसे – जैसे हम उसका उपयोग करते हैं तो उसकी value रोज – रोज कम होती जाती है. चलिए जानते हैं कि – What Is Depreciation in Hindi? Depreciation क्या है? किसी assets की value loss होने के क्या कारण होते हैं? Balance sheet पर depreciation के प्रभाव क्या हैं?
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Depreciation क्या है?
सामान्यतः जब हम depreciation कह रहे होते हैं तो हम किसी assets की value में होनेवाली कमी को कह रहे होते हैं जो कई कारणों से होते हैं. हिंदी भाषा में इसे ‘मूल्यह्रास’ कहते हैं जिसका शाब्दिक अर्थ होता मूल्य में कमी होना.
इसतरह से हम पारिभाषिक रूप से (accounting की दृष्टि से) कहें तो – Depreciation means fall in the value of assets (fixed) due to some reasons अर्थात किन्ही कारणों से fixed assets की value में कमी आना depreciation कहलाता है.
जब हम कहते हैं कि depreciation किन्ही कारणों से किसी assets की value में होनेवाली कमी हैं तो एक महत्वपूर्ण सवाल ये भी है कि ऐसा कौन सा कारण है जिससे किसी assets की value में कमी आती है?
किसी assets की value loss होने के निम्न कारण होते हैं –
- उपयोग के कारण
- समय के साथ जब कोई assets पुरानी हो जाती है
- टूट – फूट के कारण
- जब वह out of fashion हो जाये
- Technology के बदल जाने या upgrade हो जाने से
उपरोक्त सारी वजहों से assets की value में कमी हो सकती है.
मान लीजिये अपने व्यवसाय के संचालन हेतु आपने कोई नयी मशीन खरीदी और उसका उपयोग आपने कभी नहीं किया. वह ऐसे ही रखी हुई है फिर भी उसकी value में कमी आएगी क्योंकि machine एक ऐसी वस्तु है जिसकी technology समय के साथ upgrade होती रहती है.
Depreciation एक नजर में
- Depreciation को हिंदी में मूल्यह्रास कहते हैं
- इसका अर्थ स्थायी संपत्ति के मूल्य में कमी आना है
- किसी भी नयी assets की value ज्यादा होती है
- पुरानी चीजों की value कम होती है
- Depreciation एक व्यय है
- सामान्य रूप से जब हम किसी assets का उपयोग करना शुरू करते हैं तो रोज – रोज उसकी value कम होती है.
Balance sheet पर depreciation के प्रभाव क्या हैं?
जैसा कि कंपनी के खर्चों को profit and loss अकाउंट में दिखाया जाता है इसीतरह से जब किसी assets पर depreciation चार्ज किया जाता है तो उसे भी profit and loss अकाउंट के debit पक्ष में show किया जाता है. चूँकि depreciation भी एक प्रकार का व्यय है और यदि इसे चार्ज नहीं किया गया तो हमारा net profit सही show नहीं करेगा. इसके बाद balance sheet में इस assets को depreciation निकालने के बाद की value show की जाती है.
अन्य महत्वपूर्ण बात
अब तक आप समझ चुके हैं कि depreciation कई वजहों से हो सकता है. मान लेते हैं आपने कोई मोबाइल फ़ोन 10 हज़ार रूपये का purchase किया है और एक साल use करने के बाद जब आप उसी फ़ोन को market में sale करने जाते हैं तो उसकी कीमत आपको मात्र 5 हज़ार मिलते हैं. क्या आपने कभी ये सोंचा है कि जिस फ़ोन को आपने 10 हज़ार रूपये में ख़रीदा था उसी फ़ोन को एक साल बाद मात्र 5 हज़ार रूपये मिल रहे हैं अर्थात आपको 5 हज़ार रूपये का loss सहना पड़ रहा है, लेकिन क्यों?
वास्तव में 5 हज़ार रूपये का जो loss आपको सहना पड़ रहा है यही depreciation है और यह निम्न कारणों से हो सकता है –
- आपके फ़ोन की technology change या upgrade हो गयी हो
- या आपके फ़ोन में स्क्रैचेस आ गए हों
- आपके फ़ोन की बैटरी बैकअप भी कम हो गयी हो
तो दोस्तों, उम्मीद करता हूँ आपको यह लेख What Is Depreciation in Hindi? पसंद आयी होगी और यदि इस विषय के सम्बन्ध में आपको कुछ कहना का पूछना हो तो आप हमें कमेंट कर सकते हैं.
Bahot hi achha lekh h apka…. dhanyawad is mahattavpurn jankari k liye