Easter Sunday का मतलब क्या होता है? – क्या आप जानते हैं कि ईस्टर क्या है और हम इसे क्यों मनाते हैं? यदि नहीं जानते हैं तो आज हम इसी विषय पर विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान कर रहे हैं. दोस्तों, ईस्टर दुनिया भर में मनाया जाने वाला एक धार्मिक ईसाई पर्व है. क्रिसमस की तरह यह भी ईसाइयों के लिए एक महत्त्वपूर्ण धार्मिक पर्व है.
ईस्टर संडे वास्तव में यह यीशु को मृत्युदंड के तीन दिन बाद मृतकों में से जी उठने का जश्न मनाने का दिन है. गुड फ्राइडे के बाद ईस्टर संडे मनाया जाता है. कथा अनुसार गुड फ्राइडे के दिन ईसा मसीह का बलिदान का दिन है और ईस्टर संडे उनके तीन दिन बाद मृतकों में से जी उठने का जश्न के रूप में मनाया जानेवाला दिन है.
ईसाइयों के लिए ईस्टर डे का बहुत महत्व है. यह ईसाइयों का बहुत बड़ा त्योहार है.
ईस्टर ईसा मसीह के पुनरुत्थान का प्रतीक है और यही कारण है कि यह पर्व ईसाई समुदाय के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है. आप सभी जानते हैं कि हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस डे मनाया जाता है किन्तु ईस्टर की कोई निश्चित तारीख नहीं है. आइये आगे इसके बारे में विस्तारपुरक समझते हैं.
Table of Contents
Easter Sunday का मतलब क्या होता है?
परमेश्वर के पुत्र तथा जगत के उद्धारकर्ता प्रभु ईसा मसीह की अनुपम कथा हमें ईसाई धार्मिक ग्रन्थ में पढ़ने को मिलते हैं. वे साक्षात् प्रेमस्वरूप थे. दुनिया को प्रेम और करुणा का सन्देश देनेवाले को रोमन अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था क्योंकि उन्होंने परमेश्वर का पुत्र होने का दावा किया था, और बाद में मुकदमा चलाकर उन्हें सूली पर चढ़ा दिया गया था.
यहाँ पर पाठकगण यह जरूर ध्यान देंगे कि जब ईसा मसीह को क्रूस पर चढ़ाया गया तब उन्होंने यह प्रार्थना की ” हे स्वर्गिक पिता, इन्हें तू क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं.” कितना विशाल ह्रदय था उनका! लोग उनके बलिदान को ‘गुड फ्राइडे’ के रूप में मनाकर उन्हें याद करते हैं. गुड फ्राइडे ईस्टर संडे से पहले का शुक्रवार है जिस दिन लोग यीशु के कष्ट और क्रूस पर मृत्यु को याद कर दुखी होते हैं.
ईस्टर संडे यीशु के पुनरुत्थान का प्रतीक है अर्थात कथानुसार इस दिन यीशु मृतकों में से जी उठा था. उनके शव को एक कब्र में रख दिया गया था और घटना के तीन दिन बाद संडे के दिन वे पुनः जीवित हो उठे थे. इसके बाद वे 40 दिन तक इस संसार में रहे और उन्होंने बहुत से लोगों को दर्शन दिया और उन्हें कई उपदेश दिए इसके बाद स्वर्ग चले गये. इसके बाद से फ्राइडे को गुड फ्राइडे और संडे को ईस्टर संडे संडे मनाया गया.
Easter Sunday कब मनाया जाता है?
जैसा कि मैंने आपको पहले ही बताया है कि ईस्टर की कोई निश्चित तारीख नहीं है. ज्ञात हो कि ईस्टर संडे की तारीख साल-दर-साल बदलती रहती है. यह 21 मार्च के बाद पूर्णिमा के बाद पहले रविवार को मनाया जाता है. क्या आप जानते है कि इस बार वर्ष 2023 में ईस्टर संडे कब मनाया जायेगा?
2023 में Easter Sunday कब है?
ईस्टर संडे साल-दर-साल तारीखों में बदलता रहता है. इस वर्ष, ईस्टर रविवार, 9 अप्रैल, 2023 को है. जैसा कि आप समझ चुके हैं कि ईस्टर संडे यीशु के पुनरुत्थान का प्रतीक है. इस दिन, ईस्टर अंडे का उपयोग यीशु के पुनरुत्थान के प्रतीक के रूप में किया जाता है क्योंकि अंडा नए जीवन का प्रतीक माना जाता है. ईस्टर पर अंडों का विशेष महत्त्व होता है.
ईस्टर कैसे मनाया जाता है?
इस दिन लोग गिरजाघरों में एकत्रित होते हैं और ईसा मसीह को याद करते हैं. इस दिन को एक खुशी के अवसर के रूप में मनाया जाता है. चर्च में बाइबिल पढ़ी जाती है, मोमबत्तियां जलायी जाती है. इस दिन अंडे गिफ्ट करने की एक ख़ास परम्परा भी शामिल है. लोग एक दुसरे को यीशु को पुनः जीवित होने की ख़ुशी में बधाइयाँ भी देते हैं तथा अन्य धार्मिक परम्पराएं पूरी करते हैं.
ऐसी मान्यता है कि ईसा मसीह ने स्वयं उन लोगों को क्षमा कर दिया जिन्होंने उन्हें चोट पहुँचाई थी. यह पर्व हमें हिंसा पर अहिंसा की जीत का और दुश्मनी भुलाकर क्षमा करने का संदेश देता है.