ELSS mutual fund in hindi : ELSS फण्ड क्या है?

ELSS mutual fund in hindi : यदि आप एक निवेशक हैं तो आपको इस बात की जानकारी होगी कि बाजार में कई तरह के निवेश विकल्प उपलब्ध हैं और उनमें से ज्यादातर निवेश पर आयकर नियमों के तहत कर भी लगता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मार्केट में एक ऐसा म्यूचुअल फंड भी है जहां निवेश करके टैक्स बचाया जा सकता है.

इस टैक्स बचानेवाली mutual fund स्कीम को ‘ELSS mutual fund‘ के नाम से जाना जाता है. यह Tax saving mutual fund निवेशकों को आईटी एक्ट की धारा 80 सी के तहत आयकर बचाने में तथा धन संचय करने के उद्देश्य से काफी मददगार होती है.

इस निवेश स्कीम में निवेश करने से पहले आपको इस बात की भी जानकारी होनी चाहिए कि यह स्कीम अन्य कर बचत योजनाओं की तुलना में थोड़ा ज्यादा रिस्की हो सकता है क्योंकि ELSS में अधिकतम निवेश शेयरों में होते हैं. इसमें आपको गारंटीड रिटर्न नहीं दिया जाता है. यहाँ पर सुरक्षा के तौर पर कुछ हिस्सा गवर्नमेंट बांड्स, कॉर्पोरेट बॉन्ड्स में भी निवेश किया जाता है. यहाँ पर मैं आपको एक बात और बता देना चाहता हूँ कि आपका पैसा कहाँ निवेश किया जायेगा यह तय करने का काम फण्ड मैनेजर का होता है.

अब आप सोच रहे होंगे कि इस योजना में ऐसा क्या खास है कि आपको इसमें निवेश करना चाहिए? एक निवेशक के रूप में आपको जो सबसे महत्वपूर्ण बात हमेशा याद रखनी चाहिए, वह यह है कि निवेश में जोखिम लेने की आपकी क्षमता के अनुसार ही आपको रिटर्न मिलता है. ईएलएसएस योजना में उच्च रिटर्न क्षमता है इसलिए इसमें जोखिम भी उसी रूप से थोड़ा अधिक है.

ELSS mutual fund के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल के साथ अंत तक जरूर बने रहिये.

ELSS फण्ड क्या है?

ELSS अर्थात ‘Equity Linked Savings Schemes’ जो की एक प्रकार का म्यूचुअल फंड निवेश योजना है और इस योजना की ख़ास बात यही है कि यह आपको आयकर बचाने में मदद करती है जिस कारण से इस योजना को टैक्स सेविंग फंड के नाम से भी जाना जाता है.

वास्तव में यह एक equity mutual fund है क्योंकि इस फण्ड में निवेश किये गए पैसों में से अधिकांश हिस्सा शेयर बाजार में निवेश किया जाता है. इसमें निवेश पर आपको आयकर अधिनियम, धारा 80c के तहत 1.50 लाख रुपये तक टैक्‍स छूट मिलता है.

जैसा कि आप समझ चुके हैं कि यह इक्विटी आधारित स्कीम है और इस स्कीम में यदि आप निवेश करने जा रहे हैं तो आपको एक और महत्वपूर्ण बात समझना जरुरी है कि यह तीन वर्षों की अनिवार्य लॉक-इन अवधि के साथ आती है अर्थात आप अपने निवेश की गयी राशि को 3 साल से पहले नहीं निकाल सकते हैं. यह लम्बी अवधि के निवेश को बढ़ावा देनेवाली स्कीम है.

इसके और भी कई अन्य विशेषताएं हैं जैसे –

ELSS फण्ड की प्रमुख विशेषताएं

  • यह एक इक्विटी म्‍यूचुअल फंड है.
  • इसमें धारा 80सी के तहत 1.50 लाख रुपये तक की कर कटौती का लाभ उपलब्ध है.
  • इसमें लॉक-इन अवधि तीन वर्षों का होता है.
  • इसमें अन्य टैक्स सेविंग विकल्पों की तुलना में अधिक रिटर्न देने की क्षमता है.
  • आप एक साल में सेक्शन 80 सी के तहत सिर्फ 1,50,000 तक ही निवेश कर सकते हैं.
  • इसमें निवेश करने की कोई ऊपरी सीमा तय नहीं है अर्थात आप जितना चाहें इसमें निवेश कर सकते हैं.
  • इसमें आप निवेश एकमुश्‍त और प्रत्येक महीने सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए भी निवेश करने का विकल्प प्राप्त कर सकते हैं.
  • ELSS में भी LTCG के नियम लागू होते हैं अर्थात इसमें एक लाख से ज्यादा मुनाफे होने पर 10% LTCG कर लगता है.

LTCG क्या है?

LTCG अर्थात ‘long term capital gains’ यह एक प्रकार का कर है जो 1 लाख रुपये से अधिक के लाभ पर लगाया जाता है. यह बेचे गए शेयरों पर 1 लाख रुपये से अधिक के इक्विटी लाभ पर 10% कर लगाया जाता है. ज्ञात हो की taxation या तो शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स (STCG) या लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) के रूप में होता है.

पहले ELSS निवेश पर कोई कर नहीं लगता था किन्तु LTCG के लागु होने के बाद आपको इसमें प्राप्त रिटर्न पर कुछ शर्तों के साथ टैक्स देना पड़ता है. यदि आप म्यूचुअल फंड में एक वर्ष के लिए निवेश करते हैं तो आपको निवेश से मिलने वाले रिटर्न को long term capital gains के रूप में वर्गीकृत किया जाता है.

हालाँकि ELSS में LTCG लागू होने के बाद भी इसे टैक्स सेवर फंड माना जा सकता है क्योंकि यहाँ निवेश पर अब भी 1.50 लाख रुपये तक टैक्‍स डिडक्शन मिलता है.

अन्य महत्वपूर्ण बात

जैसा कि आप समझ चुके हैं कि यह थोड़ा ज्यादा रिस्की हो सकता है क्योंकि ELSS में अधिकतम निवेश शेयरों में होते हैं फिर भी यह तीन से पांच वर्ष अर्थात लम्बी अवधि में अच्छा रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं. और वैसे भी यहाँ 3 साल का लॉक-इन-पीरियड होते ही हैं. इसमें आप 12% -18% के बीच रिटर्न/ लाभ प्राप्त कर सकते हैं.

इसमें निवेश करने के लिए आपके पास पहला SIP और दूसरा lump-sum दोनों विकल्प मौजूद हैं आप अपनी सुविधानुसार दोनों में से कोई एक विकल्प का चुनाव कर सकते हैं.

ज्ञात हो कि ELSS म्यूच्यूअल फण्ड का ही एक प्रकार का स्कीम है इसलिए आप जिस भी फण्ड हाउस की स्कीम खरीदना चाहते हैं आप उस AMC (Asset Management Company) की आधिकारिक वेबसाइट से भी इसे खरीद सकते हैं.

Note : www.aryavartatalk.com आपको किसी भी प्रकार का निवेश सम्बन्धी सलाह नहीं देता है, हम कोई वित्तीय सलाहकार नहीं हैं. ध्यान रहे, mutual fund में निवेश बाजार के जोखिमों के अंतर्गत आते हैं इसलिए यहाँ निवेश करने से पहले किसी वित्तीय सलाहकार की राय अवश्य लें.

Lal Anant Nath Shahdeo

मैं इस हिंदी ब्लॉग का संस्थापक हूँ जहाँ मैं नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए उपयोगी जानकारी प्रस्तुत करता हूँ. मैं अपनी शिक्षा की बात करूँ तो मैंने Accounts Hons. (B.Com) किया हुआ है और मैं पेशे से एक Accountant भी रहा हूँ.

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