Face Value क्या है? Face Value Meaning in Hindi-परिभाषा-महत्त्व

Face Value क्या है?  Hi, Friends आज के लेख में हम जानेंगे कि फेस वैल्यू क्या है? शेयर बाजार में इसका क्या महत्व है? शेयर बाजार में face value क्या है? शेयरों के face value और market value के बीच क्या अंतर है?

शेयर बाजार में विभिन्न शब्दों का प्रयोग किया जाता है और यदि आप share market में रूचि रखते हैं, इसके हर पहलुओं को समझना चाहते हैं तो इसके सन्दर्भ में आपको ये भी जानना आवश्यक है कि – फेस वैल्यू क्या है? क्या Stock Split और Face value के बीच कोई सम्बन्ध है या नहीं ये भी आपको समझना चाहिए.

आज के इस लेख में आप उपरोक्त तमाम प्रश्नों का उत्तर बिल्कुल सरल भाषा में समझ पायेंगे. चलिए शुरू करते हैं, सबसे पहले हम जानेंगे कि फेस वैल्यू क्या होता है?

Face Value क्या है?

What is Face Value? – Face Value जिसे हिंदी भाषा में अंकित मूल्य कहा जाता है. इसके अन्य नाम Nominal value और Par value भी है. यह वह मूल्य है जो share certificates (शेयर प्रमाणपत्र) पर अंकित रहती है. वास्तव में यह किसी शेयर की वास्तविक मूल्य होती है. जब कोई कंपनी IPO के जरिए पहली बार अपने शेयर जारी करती है तो कंपनी सबसे पहले फेस वैल्यू तय करती है. आपको बता दें कि अंकित मूल्य निर्धारित करने के लिए कोई पैमाना नहीं है, कंपनी इसे अपनी मर्जी से तय करती है.

फेस वैल्यू कंपनी द्वारा shares जारी करते समय तय किया जाता है. प्रत्येक कंपनी एक निश्चित मूल्य पर शेयर जारी करती है और शेयरधारकों को कंपनी द्वारा शेयरों का विवरण युक्त एक शेयर प्रमाणपत्र जारी किया जाता है. इसी प्रमाणपत्र पर स्पस्ट रूप से shares का फेस वैल्यू इंगित रहता है. 

हम सभी जानते हैं कि stock market में listed सभी शेयरों का एक अपना value होता है जिसका मूल्य रोजाना घटता बढ़ता रहता है. यहाँ पर एक महत्वपूर्ण सवाल हमारे पास आता है कि क्या – Face Value भी रोजाना घटता – बढ़ता रहता है?

इसका सीधा सा जवाब है कि Face Value का price प्रायः fixed ही रहते हैं जो रोजाना घटते – बढ़ते नहीं हैं. यह वह मूल्य है जिसके आधार पर ही कोई कंपनी आपनी शेयर्स बाज़ार में जारी करते हैं. 

Face Value कब बदल सकती है?

जैसा की मैं आपको बता चुका हूँ कि Face Value का price प्रायः fixed ही रहते हैं जो रोजाना परिवर्तित नहीं होते हैं. मान लीजिये की किसी कंपनी के शेयर की face value 10 रूपये हैं और future में यदि इस एक शेयर की कीमत 200 रूपये हो जाए तो इसकी face value 10 रूपये ही रहेगा. 

किन्तु कोई कंपनी चाहे तो अपने shares की face value बदल सकती है किन्तु यह कैसे बदलता है? यह तब बदलता है जब stock split किया जाता है. Stock split का अर्थ होता है शेयर विभाजन. यह तब किया जाता है कि जब किसी कंपनी की shares की बाज़ार कीमत बहुत अधिक बढ़ जाती है. Share split इसलिए किया जाता है ताकि महंगे shares को विभाजित करके छोटे शेयर्स में बाँट दिया जाए जिससे छोटे – छोटे निवेशक भी शेयर खरीद सकें. 

Face Value और Market Value में क्या अंतर है?

जैसा कि हम समझ चुके हैं कि फेस वैल्यू किसी शेयर का वास्तविक मूल्य होता है. इसे आसानी से एक छोटे से उदहारण द्वारा समझा जा सकता है. मान लिया जाये कि किसी कंपनी की शुरूआती पूँजी एक लाख (100000) रूपये है और इसे दस हज़ार (10000) शेयर्स में विभाजित किया जाता है तो ऐसी स्तिथि में कंपनी शेयर्स की initial value दस (10) रूपये होगी. इसी initial value को शेयर्स का फेस वैल्यू कहा जायेगा. 

अक्सर नए निवेशक पहली बार स्टॉक के अंकित मूल्य और स्टॉक के बाजार मूल्य के बीच अंतर कर पाने में भ्रमित हो जाते हैं. लेकिन असल में दोनों एक दुसरे से भिन्न हैं. फेस वैल्यू अक्सर निश्चित रहता है वहीँ दूसरी ओर बाजार मूल्य जो बाजार की स्थिति के अनुसार बदलता रहता है. बाज़ार  मूल्य निर्भर करता है कि shares की मौजूदा बाज़ार में मांग कितनी है.

Face Value क्यों चेक करना जरुरी है?

मान लीजिये XYZ कंपनी के share का फेस वैल्यू 5 रुपया है जो 100 रूपये में बेंचा जा रहा है वहीँ एक दूसरी कंपनी ABC भी है जिसके share का Face Value 10 रुपया है और यह भी 100 रूपये में ही बेंचा जा रहा है. अब यहाँ पर देखना यह है कि XYZ कंपनी का शेयर अपनी Face Value से 20 गुणा अधिक कीमत पर बिक्री हो रहा है और दूसरी ओर ABC कंपनी का share 10 गुणा अधिक कीमत पर बीक रहा है.

इसतरह से आप Face Value देखकर स्वयं आकलन कर सकते हैं कि किस कंपनी का शेयर्स अधिक प्रीमियम पर बेंचा जा रहा है. 

Top 10 Points on Face Value

  1. फेस वैल्यू को हिंदी में अंकित मूल्य कहते हैं.
  2. यह किसी भी स्टॉक या शेयर का वास्तविक मूल्य है.
  3. लगभग सभी कंपनियां अपने शेयरों को अंकित मूल्य से अधिक कीमत पर निवेशकों को पेश करती हैं.
  4. कोई कंपनी आईपीओ के जरिए पहली बार अपने शेयर जारी करती है तो कंपनी सबसे पहले फेस वैल्यू तय करती है.
  5. अंकित मूल्य हमेशा फिक्स्ड रहता है.
  6. फेस वैल्यू कंपनियां अपने हिसाब से रखती हैं, इसे तय करने का कोई पैमाना नहीं है.
  7. जब कंपनियां लाभांश की घोषणा करती हैं, तो यह अंकित मूल्य पर जारी किया जाता है.
  8. फेस वैल्यू तभी बदलती है जब स्टॉक स्पिलिट होता है.
  9. यह बाजार की स्थितियों से अप्रभावित रहता है.
  10. मार्केट वैल्यू और फेस वैल्यू अलग-अलग होते हैं.

फेस वैल्यू का महत्व

फेस वैल्यू का शेयर बाजार में काफी महत्व रखता है. निवेश, शेयर खरीदने या स्टॉक एक्सचेंज से बॉन्ड खरीदने की बात आने पर इसका बहुत महत्व है. निम्नलिखित कारक हैं जो शेयर बाजार में अंकित मूल्य के महत्व को दर्शाते हैं जैसे –

  • यह स्टॉक के बाजार मूल्य की गणना करने में सहायक हैं.
  • यह निवेश और रिटर्न की गणना करने के लिए सहायक है.
  • यह प्रीमियम की गणना करने में भी मदद करता है.
  • ब्याज दरों की गणना में इसकी अहम् भूमिका होती है.
  • कंपनियां शेयरों के अंकित मूल्य का उपयोग करके अपने लाभ की गणना कर सकती हैं.
Lal Anant Nath Shahdeo

मैं इस हिंदी ब्लॉग का संस्थापक हूँ जहाँ मैं नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए उपयोगी जानकारी प्रस्तुत करता हूँ. मैं अपनी शिक्षा की बात करूँ तो मैंने Accounts Hons. (B.Com) किया हुआ है और मैं पेशे से एक Accountant भी रहा हूँ.

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