दोस्तों, आज के लेख में हम accounting का एक बहुत ही महत्वपूर्ण term – Final Accounts के बारे में सीखेंगे. Final Accounts क्या है? यह क्यों तैयार किया जाता है? इसका आधार क्या है आदि प्रश्नों का उत्तर इस लेख में हम विस्तारपूर्वक देखेंगे.
जब भी हम कोई कार्य करते हैं तो हम ये जरूर जानना चाहेंगे कि उस कार्य में हमारी progress कितनी हुई है?
एक छोटा सा ही उदहारण ले लीजिये जब कोई बच्चा स्कूल में पढाई करता है तो क्या एक वर्ष पढाई करने के बाद ये चेक नहीं किया जाता है की वह पढाई में कैसा है? उसकी progress report क्या है? यदि बच्चे की progress report चेक नहीं किया जाए तो ये पता ही नहीं चलेगा कि वह पढाई में कितना कमजोर या तेज है.
ठीक इसी तरह जब हम कोई business करते हैं तो हम भी देखना चाहेंगे कि पूरे वर्ष जो हमनें काम किया उससे हमारी progress कितनी हुई है? हमारा फ़ायदा कितना हुआ? हमारी व्यवसाय की स्तिथि क्या है?
जब हम व्यवसाय करते हैं तो आगे कि development के लिए progress report ज्ञात करना जरुरी है. हमारा आज का विषय Final Accounts इसी से सम्बंधित है तो चलिए विस्तारपूर्वक सरल भाषा में समझने का प्रयास करते हैं कि Final Accounts क्या है?
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Final Accounts क्या है?
जैसा कि मैंने आपको पहले ही समझा दिया है और साधारण भाषा में यदि कहा जाए तो Final Accounts के जरिये ही हम जानते हैं कि हमारा business की performance कैसी है.
वास्तव में Final Account इसलिए तैयार किया जाता है ताकि हम अपनी व्यवसाय की स्तिथि को प्रकट तथा profit and loss को निर्धारित कर सके. यह किसी व्यवसाय का प्रमुख और अति महत्वपूर्ण लेखा होता है.
Final Accounts में हम सीखते हैं कि कैसे किसी व्यवसाय का लाभ और हानि निकाला जाता है. किन्तु आपको एक अतिमहत्वपूर्ण बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि सिर्फ लाभ और हानि ज्ञात करना ही किसी व्यवसाय का प्रमुख हिस्सा नहीं होता है.
किसी व्यवसाय के लिए profit कमाना तो एक important factor है ही किन्तु इसके आलावा assets और liabilities का management कैसे किया जाता है दूसरा महत्वपूर्ण factor है. आपकी व्यवसाय की स्तिथि (Position) अर्थात आपके पास कौन – कौन सी assets है और आप उसका management किसप्रकार करते हैं. आपके पास capital और liabilities कितनी है आदि.
शब्दों पर गौर कीजियेगा, जैसा की मैंने आपको ऊपर बताया है कि – Final Account इसलिए तैयार किया जाता है ताकि हम अपनी व्यवसाय की स्तिथि को प्रकट तथा profit and loss को निर्धारित कर सके, यहाँ पर कंपनी की स्तिथि से क्या मतलब है?
कंपनी की स्तिथि अर्थात कंपनी की position की calculation करना अर्थात assets, capital और liabilities हमारी कितनी है?
इसतरह हम Final Accounts में प्रमुख रूप से दो चीजों का calculation करते हैं – पहला profit and loss ज्ञात करना और दूसरा कंपनी की position calculation करना.
Final Accounts क्यों तैयार किया जाता है?
हम वित्तीय वर्ष (Financial year) के अंत में किसी व्यवसाय में सकल लाभ (Gross profit) या सकल हानि (Gross Loss) और शुद्ध लाभ (Net Profit) या शुद्ध हानि (Net Loss) ज्ञात करने के लिए अंतिम खाते (Final Accounts) तैयार करते हैं और व्यवसाय की वित्तीय स्थिति (Financial Position) भी दिखाते हैं.
Note : Final Accounts को हिंदी में अंतिम खता या अंतिम लेखा कहा जाता है. इसका आधार Trial balance होता है अर्थात यह trial balance पर दिए गए सूचनाओं के आधार पर बनाया जाता है.
Final Accounts में कौन – कौन सा accounts तैयार किया जाता है?
Final Accounts में निम्नलिखित तीन accounts तैयार किया जाता है –
- Trading Account : यह किसी निश्चित अवधि के लिए व्यवसायिक इकाई के सकल लाभ (gross profit) या सकल हानि (gross loss) को दर्शाता है.
- Profit and Loss Account : यह शुद्ध लाभ (net profit) या शुद्ध हानि (net loss) दर्शाता है.
- Balance Sheet : यह किसी विशेष अवधि पर उद्यम की वित्तीय स्थिति (financial position) दिखाने वाली संपत्ति (assets) और देनदारियों (liabilities) का सारांश है.
Gross Profit/Loss और Net Sales
ट्रेडिंग खाता लाभ और हानि खाते का पहला हिस्सा है. बेची गई वस्तुओं की बिक्री और लागत के बीच का अंतर सकल लाभ या सकल हानि होता है. ट्रेडिंग खाते का लेखा समीकरण है (accounting equation) इसप्रकार है –
Net Sales – Cost of Good Sold = Gross Profit
Cost of Goods Sold – Net Sales = Gross Loss
Net Sales = Sales – Sales returns
Cost of Goods Sold = Opening Stock + Net Purchases
अन्य महत्वपूर्ण बात जो आपको जानना चाहिए
Accounting में profit ज्ञात करना कोई मुश्किल कार्य नहीं है क्योंकि इसके लिए आपके पास केवल दो चीजों की list होनी चाहिए एक कहाँ – कहाँ से आपकी income हुई और दूसरा कहाँ – कहाँ आपकी expenses हुई.
कहने का तात्पर्य यह है कि income और expenses की difference ही profit है.
और जब हम Trial Balance देखते हैं तो accounting के rules के अनुरूप (Note : trial balance जर्नल एंट्रीज के rules से ही बनता है, Debit all expenses and losses और Credit all incomes and gains.) सारी की सारी expenses Debit पक्ष में होते हैं और जितने भी income होते हैं वो credit पक्ष में होते हैं.
अब profit और loss निकालने के लिए आपने income और expenses को इकठ्ठा कर लिया तो trial balance में आप देखेंगे की income और expenses के आलावा और भी कुछ होते हैं और वो है assets और liabilities.
इसतरह से income और expenses को निकालने के बाद जो बचा वह assets और liabilities होगी (जो चीजें income और expenses दोनों ही नहीं होगी वो assets और liabilities होगी) जिसे हम Balance sheet में दर्शाते हैं. Balance Sheet अर्थात Balance जो बच गया है उसकी sheet.
तो दोस्तों, Final Accounts को समझाने के लिए मैंने बहुत ही सरल तरीका अपनाया फिर भी यदि आपको इस विषय से सम्बंधित कोई सवाल हो तो आप comment box के जरिये पूछ सकते हैं. अंत में आशा करता हूँ कि आपको ये लेख जरूर पसंद आयी होगी, यदि हाँ तो इस लेख को सोशल साइट्स में शेयर करना ना भूलें.
Capitalise kya hai ?
Direct Expenses or Indirect expenses kya hai?
जब किसी item को capitalized किया जाता है तब इसे एक व्यय के रूप में दर्ज न करके एक संपत्ति के रूप में दर्ज किया जाता है. इसे बैलेंस शीट में दिखाया जाता है न कि आय – व्यय विवरण में. आमतौर पर जिसे संपत्ति के मूल्य में एक व्यय माना जाता है उसे add करना Capitalization of assets कहलाता है.
अब मैं आपके दुसरे सवाल का जवाब दे देता हूँ कि – Direct Expenses or Indirect expenses kya hai? तो इसका जवाब विस्तारपूर्वक जानने के लिए हमारा यह लेख पढ़ें – Difference Between Direct And Indirect Expenses In Hindi.