Journal Entries करने के बाद accounting terms के अंदर जो अगला पड़ाव होता है वो Ledger Account का है. आज के इस लेख में मैं आपको बताऊंगा कि – लेज़र अकाउंट का प्रारूप कैसा होता है? What is the format of a ledger account?
क्या आप accounting terms के निम्न topic समझ चुके हैं (यदि नहीं तो step-wise accounts सीखने के लिए हमारे निम्न लेख पढ़ें ) –
- Journal Entry क्या है?
- Format Of Journal Entries : जर्नल का प्रारूप कैसा होता है?
- Journal Entries Example
- What Is A Ledger In Accounting In Hindi : खाता बही क्या है?
आप यदि उपरोक्त सभी बातों को समझ चुके हैं तो चलिए विस्तारपूर्वक समझते हैं – Format of ledger account : लेज़र अकाउंट का प्रारूप कैसा होता है?
Format of ledger account
Ledger account बनाने के लिए “T” format तैयार किया जाता है. यह प्रारूप दो भागों में विभाजित रहता है जिसके दो पक्ष होते हैं – Debit side और Credit side.
हम इसके प्रारूप में देख सकते हैं कि left hand side डेबिट पक्ष है और right hand side क्रेडिट पक्ष है –

आप ऊपर “performa of ledger” में देख सकते हैं प्रत्येक पक्ष में चार कॉलम हैं –
- Date : इस कॉलम में लेनदेन (transactions) की तारीख दर्ज की जाती है.
2. Particulars : प्रत्येक लेनदेन दो खाते को प्रभावित करता है, दूसरे खाते का नाम जो लेनदेन से प्रभावित होता है, इस कॉलम में लिखा जाता है अर्थात डेबिट या क्रेडिट किया गया खाता इस कॉलम में दर्ज किया गया है. Debit side की जो प्रविष्टियां होती है वह ‘To’ के साथ और क्रेडिट पक्ष में, प्रविष्टियाँ ‘By’ के साथ शुरू होती है.
3. J.F. : इसका full form Journal Folio होता है और इस कॉलम में, जर्नल का पेज नंबर जिसमें से उस विशेष प्रविष्टि को स्थानांतरित किया जाता है, दर्ज किया जाता है.
4. Amount : खाते से संबंधित लेनदेन की राशि इस कॉलम में दर्ज की जाती है.
मुझ उम्मीद है कि आपको Format of ledger account : लेज़र अकाउंट का प्रारूप कैसा होता है? समझ में आ गयी होगी. जैसा की हम समझ चुके हैं कि – Journal उसके बाद Ledger और उसके बाद Trial Balance तैयार किया जाता है.
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बहुत बढ़िया जानकारी है