Golden rules of accounting in Hindi- Accountancy में कदम रखने के लिए हमें इसके नियमो को याद रखना होगा तभी हम accounting से related काम को कर पायेंगे या समझ पायेंगे.
लेखांकन का कार्य करने से पहले हमारे लिए लेखांकन के सुनहरे नियमों (Golden rules of accounting) को जानना बहुत जरूरी है, क्योंकि इन नियमों के माध्यम से हमें अपने व्यवसाय में होने वाले वित्तीय लेनदेन को पहचानना और रिकॉर्ड करना होता है.
लेखांकन के 3 गोल्डन रूल्स दिन-प्रतिदिन के वित्तीय व्यापार लेनदेन को रिकॉर्ड करने का आधार हैं. इसे जाने बिना लेखांकन कार्य नहीं किया जा सकता.
Accounting हमारे लिए तब बहुत आसान हो जायेगा जब हम इसमें प्रयुक्त होने वाले शब्दों और उन शब्दों को नियमानुसार प्रयोग करने की कला को सीख लेंगे यानि हमारा basic concepts clear हो जायेगा.
मेरा प्रयास यही है की आसान से आसान भाषा में आपको एकाउंटिंग कांसेप्ट को clear करना. आज का हमारा विषय है Golden Rules of Accounting in Hindi.
Table of Contents
Accounts कितने प्रकार के होते हैं?
लेखांकन के नियम क्या है? जैसे हर चीज के लिए अपनी निश्चित की हुई कुछ नियम होते हैं उसी प्रकार लेखांकन के भी अपने कुछ नियम हैं और लेखांकन क्रिया को करने के लिए हमें उन नियमों का पालन करना पड़ता है.
किसी भी व्यवसाय के अंदर हज़ारों transactions होते हैं और उन transactions को record करके रखा जाता है किन्तु व्यवसाय के अंदर एक तरह के transactions नहीं होते हैं, अलग -अलग प्रकार के होते हैं जैसे खर्च, आमदनी, बकाया, खरीद, बिक्री इत्यादि. इसी तरह के लेनदेन को आधार बनाकर लेखांकन को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है –
- Personal Account (व्यक्तिगत खाता)
- Real Account (वास्तविक खाता)
- Nominal Account (अवास्तविक खाता)
1) Personal Account (व्यक्तिगत खाता)
Personal Account (व्यक्तिगत खाता) : जिस खाता का सम्बन्ध व्यक्तियों, कंपनियों, संगठनो या फार्मों से होता है Personal Account (व्यक्तिगत खाता) कहलाता है.
⇒ Examples of Personal Account (व्यक्तिगत खाता ) : Ram Account, XYZ Pvt. Ltd. Account, Bank Account, Creditors Account, Debtors Account, Veena Vastralaya Account etc.
2) Real Account (वास्तविक खाता)
Real Account (वास्तविक खाता ) : किसी भी प्रकार के संपत्ति या वस्तु से सम्बंधित खाता को Real Account (वास्तविक खाता ) कहते हैं. ये सम्पत्तियाँ मूर्त (tangible) या अमूर्त (Intangible) दोनों तरह की हो सकती है.
⇒ Example of Real Account (वास्तविक खाता ) : Machinery, Building, Stock, Land, Goodwill etc.
3) Nominal Account (अवास्तविक खाता)
Nominal Account (अवास्तविक खाता) : आय-व्यय तथा लाभ-हानि से जुड़े खातों को Nominal Account (अवास्तविक खाता) के नाम से जाना जाता है.
⇒ Example of Nominal Account (अवास्तविक खाता): Wages Account, Interest paid or received Account, Commission paid or received Account etc.
उपरोक्त खातों के बारे में तो हमने समझ लिया अब जानते हैं इनके Rules को जिसे Golden Rules of Accounting के नाम से जानते हैं –
Golden rules of accounting in Hindi
लेखांकन के कुछ नियम होते हैं, इस नियम को हम golden rules of accounting कहते हैं. लेखांकन के सुनहरे नियमों के अनुसार खातों को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है, आइए जानते हैं इन नियमों को –
Rules of Personal Account (व्यक्तिगत खाते के नियम)
1. Rules of Personal Account (व्यक्तिगत खाता)
- Debit the Receiver
- Credit the Giver
प्राप्तकर्ता को Receiver कहा जाता है और उसे Debit किया जाता है. देनेवाले को Giver कहा जाता है और उसे Credit किया जाता है.
Rules of Real Account (वास्तविक लेखा का नियम)
2. Rules of Real Account (वास्तविक खाता )
- Debit what comes in
- Credit what goes out
व्यवसाय में जो भी वस्तुएं आती है उसे Debit किया जाता है तथा जो वस्तुएं जाती है उसे Credit किया जाता है.
Rules of Nominal Account (अवास्तविक लेखा का नियम)
3. Rules of Nominal Account (अवास्तविक खाता)
- Debit all expenses and losses
- Credit all incomes and gains
व्यवसाय में खर्चे एवं हानियों के नाम को Debit किया जाता है तथा आमदनी एवं लाभ के नाम को Credit किया जाता है.
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