कारगिल विजय दिवस क्यों और कब मनाया जाता है? कारगिल का इतिहास

भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध के बारे में तो आपने सुना ही होगा. आपको बता दें कि यह युद्ध करीब 60 दिनों तक चला था और 26 जुलाई को खत्म हुआ था जिसमें भारत की जीत हुई थी. देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सपूतों की वीरता को याद करने के लिए हर साल कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है.

भारत के वीर जवानों ने उन दुर्गम स्थानों पर फिर से तिरंगा फहराया जहां पाकिस्तानी सेना ने घुसपैठ कर कब्जा कर लिया था. भारत की भूमि को घुसपैठियों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध के दौरान सफलतापूर्वक ‘ऑपरेशन विजय’ चलाया और जीत हासिल की.

भारतीय सेना के शौर्य के फलस्वरूप कारगिल की पहाड़ियों को घुसपैठियों के चंगुल से पूरी तरह मुक्त कराकर इतिहास रचा गया. तभी से इस दिन को युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के सम्मान में Kargil Vijay Diwas के रूप में मनाया जाता है. आइये इसके बारे में विस्तारपूर्वक जानते हैं.

कारगिल विजय दिवस क्यों मनाया जाता है?

कारगिल विजय दिवस भारतियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है. कारगिल युद्ध साल 1999 में भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच सीमा विवाद को लेकर हुआ था. पाकिस्तानी सेना ने कारगिल के भारतीय क्षेत्र की ऊंची चोटियों पर कब्जा कर लिया लेकिन हमारे बहादुर भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार भगाया. 26 जुलाई 1999 को, कारगिल युद्ध में जीत हासिल कर अपने शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया.

भारतीय सेना ने “ऑपरेशन विजय” चलाकर टाइगर हिल और अन्य चौकियों पर कब्जा कर लिया. यह युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई को समाप्त हुआ, जिसमें भारत विजयी हुआ. इस जीत को हासिल करने के लिए देश के वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी. कई सैनिक शहीद हुए, लेकिन भारत ने अंततः कारगिल युद्ध जीत लिया.

यह भारतीय सेना के सम्मान का दिन है. कारगिल विजय दिवस हर साल देश के उन वीर सपूतों की याद में मनाया जाता है जिन्होंने पाकिस्तान के कब्जे से कारगिल की ऊंची चोटियों को आजाद कराते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी.

इस दिन, भारतीय कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैकड़ों भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हैं और उनके योगदान को याद करने के लिए देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

कारगिल विजय दिवस कब मनाया जाता है?

कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है. इसे भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. इस अवसर पर देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सपूतों की वीरता को याद किया जाता है. 26 जुलाई को भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाली चौकियों पर तिरंगा फहराया और युद्ध में विजय हासिल की.

कारगिल का इतिहास

कारगिल युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के कारगिल जिले में और नियंत्रण रेखा (LOC) पर लड़ा गया था. यह युद्ध मई और जुलाई 1999 के बीच हुआ था. पाकिस्तान की सेना और कश्मीरी उग्रवादियों ने भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा को पार करके भारत की भूमि पर कब्जा करने की कोशिश की, इस वजह से भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच वर्ष 1999 में लगभग 60 दिनों तक कारगिल युद्ध चला.

भारत ने ‘ऑपरेशन विजय’ के जरिए पाकिस्तानी घुसपैठियों को कारगिल से खदेड़ दिया और यह युद्ध 26 जुलाई को समाप्त हुआ जिसमें भारत की जीत हुई. भारतीय जवानों ने दो महीने के संघर्ष के बाद यह जीत हासिल की.

भारत और पाकिस्तान ने शांतिपूर्ण तरीके से कश्मीर मुद्दे को पारस्परिक रूप से हल करने के लिए 1999 में लाहौर समझौते पर हस्ताक्षर किए. लेकिन यह अनुमान लगाते हुए कि भारतीय सेना सियाचिन में हार जाएगी, पाकिस्तानी सैनिकों ने ऑपरेशन बद्र के तहत नियंत्रण रेखा (LOC) के भारतीय हिस्से में घुसपैठ शुरू कर दी.

पाकिस्तानी सैनिकों ने गुपचुप तरीके से घुसपैठ कर प्रमुख चोटियों पर कब्जा कर लिया था, जिसकी जानकारी भारतीय सेना को चरवाहों से मिली थी जिसका भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय शुरू करके जवाबी कार्रवाई की और मुँहतोड़ जवाब दिया.

करीब दो महीने तक चला कारगिल युद्ध 18 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़ा गया था, जिसमें देश को 527 वीर जवानों की शहादत की कीमत चुकानी पड़ी थी. इस युद्ध में 1300 से अधिक सैनिक घायल हुए थे. यह युद्ध भारतीय सेना के अदम्य साहस को दर्शाता है, हर देशवासी को उस जीत पर गर्व है जिसमें वीर जवानों ने दुश्मन को खदेड़ दिया.

Lal Anant Nath Shahdeo

मैं इस हिंदी ब्लॉग का संस्थापक हूँ जहाँ मैं नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए उपयोगी जानकारी प्रस्तुत करता हूँ. मैं अपनी शिक्षा की बात करूँ तो मैंने Accounts Hons. (B.Com) किया हुआ है और मैं पेशे से एक Accountant भी रहा हूँ.

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