Writer कैसे बनें? एक अच्छा लेखक (lekhak kaise bane) कैसे बनें? यदि आप इस प्रश्न का उत्तर जानना चाहते हैं तो आज का article आपके लिए ही है. बहुत से ऐसे लोग होते हैं जिनका शौक होता है (Writing) लिखना. कुछ लोगों को अपना मुकाम मिल जाता है किन्तु कुछ लोगों का यह सपना अधुरा ही रह जाता है.
मैं ऐसे कई लोगों को जानता हूँ जो अपनी ज़िन्दगी के प्रत्येक घटनाक्रम को dairy में note करते हैं. पहले तो मैं सोंचता था कि यह क्या बकवास है किन्तु अब समझ में आ गया की सबकुछ लिखते जाना जिंदगी को एक लेखक के तौर पर देखने की एक महत्वपूर्ण आदत है. यह अच्छा लेखक बनने की तयारी है; इस आदत के कारण और लिखने की भूख जगती है.
यदि आपका शौक भी लिखने का है और आप भी कहानी, कविता, टॉपिक या आर्टिकल ब्लोगिंग करना चाहते है तो आपकी चाह जरुर पूरी होगी, जरुरी है आपके अन्दर कार्य के प्रति जूनून होना चाहिए. आज के इस लेख के जरिये मैं आपको कुछ जरुरी tips बता रहा हूँ जिसे follow करके आप आगे बढ़ सकते हैं.
आप यदि यह सोंचकर परेशान हैं कि अच्छा लेखक वही बन सकता है जिसे पास बड़ी डिग्री है या मेरी जिंदगी में समय का आभाव है या कोई अन्य परेशानी है तो आप गलत हैं. इसके लिए मैं आपको एक उदहारण दे रहा हूँ – रामवृक्ष बेनीपुरी (कलम का जादूगर) शायद आपने नाम सुना होगा.
रामवृक्ष बेनीपुरी के बारे में कहा जाता है कि – जिसके हाथों में लेखनी क्या थी, मानो ‘जादू की छड़ी’ थी और जिसके शब्द ही क्यों, कोमा और फुल स्टॉप तक बोलते थे. बचपन में ही इनके माता – पिता का देहांत हो गया था. इन्होने अध्ययन छोड़कर गाँधीजी के नेतृत्व में असहयोग आन्दोलन प्रारंभ होने पर ये राष्ट्र सेवा में लग गये.
रामचरितमानस के पठन – पाठन से इनकी रूचि साहित्य की और हुई. ये पत्र – पत्रिकाओं में मात्र 15 वर्ष की आयु से ही लिखने लगे थे. देश – सेवा करने के फलस्वरूप इन्हें अपने जीवन का एक बड़ा अंश कारागार में बिताना पड़ा.
अब आप सहज ही अनुमान लगा सकते हैं कि इनके जीवन काल में विपरीत परिस्थितियाँ आयीं फिर भी इन्होने कई प्रसिद्द रचनाएँ की जैसे : पतितों के देश में (उपन्यास), चिता के फूल (कहानी), गेहूं और गुलाब (निबंध और रेखाचित्र), पैरों में पंख बांधकर (यात्रा – विवरण) आदि.
कहा जाता है कि जहाँ चाह वहां राह, आईये जानते हैं कुछ महत्वपूर्ण tips जिसे अपनाकर आप भी लेखक बनने की चाह तो पूरा कर सकते हैं –
Writer कैसे बनें?
यदि आप लीक से हटकर सोचते और लिखते हैं जो हर किसी को आपका फैन बना दे तो आपमें एक लेखक के गुण है. आपको लिखने का शौक है, आपके मन में लेखक बनने की चाह उत्पन्न हो रही है तो लग जाईये तन – मन से अपनी चाहत को नयी उंचाई देने के लिए.
आप एक professional writer बन सकते हैं अर्थात लेखन कार्य को अपनी आय का माध्यम भी बना सकते हैं यदि आप कुछ अच्छा लिख सकते हैं जो पाठकों को आकर्षित कर सके. इसके लिए आपको कुछ निम्न गुण विकसित करने के जरुरत है–
- दिमाग में आये विचारों को नोट करें.
- भाषा में मजबूत पकड़ बनायें.
- लिखना चाहते हैं तो पढ़ना सीखें.
- अपने लेख को आकर्षक बनायें.
- लिखने का निरंतर अभ्यास करें.
- लेख कभी अधूरा नहीं छोड़ें.
- खुद पर विश्वास करें.
दिमाग में आये विचारों को note करना सीखें
जैसा की मैंने आपको ऊपर ही बताया है कि सबकुछ लिखते जाना जिंदगी को एक लेखक के तौर पर देखने की एक महत्वपूर्ण आदत है और आप एक अच्छा लेखक बनना चाहते है तो इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं. संभव हो सके तो इस कार्य करने के लिए अपने पास हमेशा एक notebook रखें और आपके दीमाग में जो भी बात आये उसे तुरंत नोट कर लें.
इसके अनेक फायदे हैं एक तो आपको लिखने की आदत हो जाएगी और दूसरा कि जब आप कुछ लिखने जायेंगे उस वक़्त ये नोट किये गये लेख आपकी मदद करेगी. हो सकता है जब आप कोई बात note कर रहे हों उस वक़्त वह प्रासंगिक न हो कितु बाद में इसका लाभ आपको जरुर मिलेगा.
भाषा में मजबूत पकड़ बनायें
एक अच्छा लेखक के रूप में अपनी पहचान बनाने के लिए जरुरी है आपकी भाषा ओजपूर्ण और प्रभावपूर्ण हो. वाक्य रचना उलझी हुई नहीं होनी चाहिए. आपको ऐसी भाषा शैली विकसित करने की जरुरत होगी जो पाठकों को बांधकर रखे. जिस भाषा में आप लिखना चाहते हैं उस भाषा में मजबूक पकड़ बनायें, व्याकरण की जानकारी रखें.
आप जो कुछ भी लिख रहे हैं तो कोशिश करें कि आपकी भाषा सरल हो जो पाठकों को आसानी से समझ में आ जाये. दूसरों की अनुसरण करने के बजाय आप अपनी शैली में ज्यादा ध्यान दें. याद रखें आपकी ख़ास शैली ही आगे आपकी पहचान बनेगी. भाषा और साहित्यिक ज्ञान का होना जरुरी है.
लिखना चाहते हैं तो पढना सीखें
ये बात सत्य है कि ‘लिखना चाहते हैं तो पढना सीखें.’ एक लेखक काल्पनिक और गैर – काल्पनिक दोनों तरह के लेख लिखता है और इसके लिए जरुरी है कल्पना शक्ति विकसित करने की. कल्पना शक्ति बढाने का उत्तम उपाय है पढना. इसके लिए आप श्रेष्ठ लेखकों द्वारा लिखित अनेक विधाओं जैसे उपन्यास, कहानी, कविता, रेखाचित्र, नाटक, निबंध आदि का अध्ययन कर सकते हैं.
आप जितना पढेंगे उतनी कलात्मक ढंग से लिख सकेंगे, छोटी छोटी वाक्यों में बहुत कुछ कहने की कला विकसित कर पाएंगे, कैसे लिखा जाता है उस तरीका को सीख पायेंगे. अच्छा लेखक बनना है तो नियमित रूप से पढना सीखिए, जितना हो सके पढ़िए.
जो लिखें आकर्षक लिखें
आप जो कुछ भी लिख रहे हैं स्वतंत्र रूप से लिखें तभी आपकी लेख आकर्षक हो पाएगी. स्वतंत्र रूप से लिखने का मतलब यह है कि आप जो कुछ भी लिख रहे हैं उसके लिए किसी अन्य से राय कभी मत मांगे. मेरा व्यक्तिगत मत यह है की यदि आप किसी दुसरे से राय मांगेंगे तो हो सकता है कि आपकी रचनात्मकता पर इसका असर पड़े. हो सकता है आप अपने topic से भी भटक जायें.
एक आकर्षक लेख (कहानी) वही होता है जिसमें प्रेरणा, थ्रिलर, सस्पेंस, भावना आदि हो यही सब चीजें पाठकों को बांधकर रखती है.
लेखक बना भी जा सकता है
कुछ लोगों का मत यह है की लेखक पैदा होते हैं लेखक बना नहीं जा सकता है किन्तु मेरा मत इससे थोडा भिन्न है. लेखक बना भी जा सकता है इसके लिए आपको खूब पढना होगा ; व्याकरण का अभ्यास करना होगा. हाँ ये बात मैं मानता हूँ की लेखन प्रवृत्ति हर किसी में नहीं होती है और ना ही यह प्रवृत्ति आसानी से किसी में जागृत की जा सकती है. कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनमें जन्मजात लेखन प्रवृत्ति होती है.
यदि आपमें लेखन प्रवृत्ति है और आप कुछ लिखना चाहते हैं तो अपनी भाषा और शैली में निखार लायें और इसके लिए खूब पढ़ें. आपको साहित्य प्रेमी होना होगा. यदि आप साहित्य से प्रेम नहीं कर सकते हैं तो आप कभी भी अच्छा लेखक नहीं बन पाएंगे.
लेख कभी अधुरा ना छोड़ें
आप यह जानकर चौंक जायेंगे कि 90% से ज्यादा ऐसे लेख होते हैं जो बीच में ही अधूरा छोड़ दिए जाते हैं. यह बात सत्य है की कोई किताब लिखना इतना आसान नहीं होता है और इस कार्य में बहुत कम लोग ही सफल हो पाते हैं.
आपकी शुरुआत गलतियों के साथ ही होगी इससे कभी न डरें और आपने जो कुछ भी लिखना शुरू किया है उसे अंजाम तक जरुर पहुँचाने की कोशिश करें. पूरी लेख लिखने के बाद उसकी गहनतम जांच करें और जहाँ – जहाँ आपको लगता है की गलतियाँ हुई है उसे दुबारा लिखें.
जब आप किसी topic पर पूरा लेख लिख लें तो उसे दूसरों को पढने के लिए दें और क्या प्रतिक्रिया आ रही है इसका भी विश्लेषण करें. हो सकता है शुरुआत में अच्छी प्रतिक्रिया न आये यह भी आपके लिए एक सीख होगी और जो आपको अच्छा लिखने के लिए प्रेरित करेगी.
आप तुरंत अच्छा नहीं लिख सकते हैं इसके लिए आपको निरंतर प्रयत्नशील रहना होगा, आपकी रूचि और अभ्यास महत्वपूर्ण है. अपने मन में आये विचारों को निसंकोच लिखते रहें, याद रहे ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्ति विरले ही हैं जो अपनी पहली लेख से प्रसिद्द हुए हों.
खुद पर विश्वास करें और निरंतर अभ्यास करें
जो करना है आपको करना है और आपकी काबलियत का अंदाजा दूसरा कोई नहीं लगा सकता है. आज इन्टरनेट में सर्च किया जाए कि एक अच्छा लेखक कैसे बनें? तो आपको इस विषय में बहुत सारे tips मिल जायेंगे किन्तु मैं ये साफ़ तौर पर कह सकता हूँ की ये tips आपके लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद नहीं होगी. हाँ, कुछ मार्गदर्शन जरुर करेगी.
आपको चीजें अपने अनुसार ढालना सीखना होगा और लेखन की प्रवृत्ति आपमें है तो आप जरुर लेखक बन सकते हैं. इसके लिए किसी tips का हू – बहु अनुसरण करना जरुरी नहीं है. अपनी कमजोरी और मजबूती का आंकलन आप स्वयं करके केवल निरंतर अभ्यास करते रहें. कहा जाता है –
करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान, रसरी आवत-जात ते सिल पर परत निशान.