कई कंपनियों के बारे में हम सब अकसर पढ़ते – सुनते रहते हैं. इनमें से कुछ कम्पनियाँ बड़ी होती है और कुछ छोटी अर्थात प्रत्येक कंपनी की बाजार में अपनी एक कीमत होती है. कोई कंपनी कितनी बड़ी है या छोटी है यह सब हम Market Cap के जरिये समझ सकते हैं.
निवेशकों को कंपनियों के Market Cap के बारे में जरूर पता होना चाहिए ताकि वे आकार के हिसाब से एक कंपनी को किसी दुसरे कंपनी से तुलनात्मक अध्ययन कर सके. मार्केट कैप वास्तव में कंपनियों के आकार को समझने में मदद करता है. Experts की माने तो वह एक निवेशक को शेयर खरीदने के समय सम्बंधित कंपनी का मार्केट कैप पता करने की राय देते हैं.
ज्ञात हो कि share market में कंपनियों का वर्गीकरण उसके market cap के आधार पर ही किया जाता है किन्तु क्या आप जानते हैं कि – Market Cap क्या है? यदि आपको इसके बारे में पता नहीं है तो इस लेख को अंत तक पढ़ें, आपको पूरी बातें समझ में आ जायेगी.
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What is market cap in Hindi
Market Cap अर्थात market capitalization जिसे हिंदी में बाजार पूंजीकरण कहा जाता है. यह वह प्रभावपूर्ण तरीका है जिससे किसी कंपनी के मूल्य (value) का मूल्यांकन किया जाता है. किसी कंपनी के मूल्य का मूल्यांकन उसके वर्तमान शेयर मूल्य और बकाया शेयरों (Outstanding Shares) की कूल संख्या के आधार पर किया जाता है.
जैसा कि आप जानते हैं कि कंपनियों द्वारा शेयर्स जारी किये जाते हैं जो ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होते हैं. इन shares के कुछ मूल्य होते हैं. इसतरह से आप कह सकते हैं कि market capitalization किसी कंपनी का कूल बाजार मूल्य होता है जिसके जरिये हम कंपनियों के आकार को समझ सकते हैं.
यहाँ पर कंपनियों के आकार से मतलब है कि वह share capital के हिसाब से कितनी बड़ी या छोटी है. जब किसी कंपनी के शेयर के मूल्य में बदलाव आता है तो इसका सीधा असर उसके मर्केट कैप पर पड़ता है.
Market Cap को और भी बेहतर तरीके से समझने के लिए हमें उसके calculation को समझना होगा. आईए सरलतापूर्वक समझते हैं कि market कैप कैसे पता कर सकते हैं –
Market Cap की गणना कैसे किया जाता है?
Market Capitalization की गणना करने के लिए कंपनी के बकाया कूल शेयरों की संख्या को संबंधित कंपनी के प्रत्येक शेयर की वर्तमान कीमत के साथ गुणा किया जाता है अर्थात – Market Cap = (Total Number of Outstanding Share) X (Current Price of each Share).
आइये इसे एक उदाहरण द्वारा समझने का प्रयास करते हैं – मान लेते हैं कि ABC एक कंपनी है जिसकी बकाया शेयर की कुल संख्या (Total Number of Outstanding Share) 100000 (एक लाख) है और प्रत्येक शेयर की वर्तमान कीमत (Current Price of each Share) 100 (एक सौ) रुपया है तो उस कंपनी का Market Cap (100000 x 100) = 10000000 (एक करोड़) रुपया होगा.
अब जैसा कि आप Market Capitalization अथवा बाजार पूंजीकरण को समझ चुके हैं तो अब ये समझना आवश्यक है कि मार्केट कैप के आधार पर कंपनियों को कितने प्रकार से वर्गीकृत किया गया है-
मार्केट कैप के आधार पर कंपनियों के कितने प्रकार होते हैं?
मार्केट कैप के आधार पर कंपनियों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है जो निम्न है –
- लार्ज कैप कंपनी
- मिडकैप कंपनी और
- स्मॉल कैप कंपनी
मार्केट कैप से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Market Capitalization को ही Market Cap के नाम से जाना जाता है.
- हिंदी में इसे बाज़ार पूंजीकरण कहा जाता है.
- मार्केट कैप अर्थात कंपनी के बकाया शेयरों का Total Market Value है.
- मार्केट कैप के हिसाब से BSE Sensex में टॉप 30 शेयर्स शामिल हैं इसीतरह Nifty में टॉप 50 कंपनियों के शेयर्स शामिल हैं.
- एक निवेशक के तौर पर इसे समझना आवश्यक है.
- यह विभिन्न कंपनियों के बीच तुलनात्मक अध्ययन करने में मददगार है.
- कंपनी का मार्केट कैप घटता – बढ़ता रहता है.
- आमतौर पर लार्ज कैप कंपनियों में निवेश करना कम जोखिम वाला माना जाता है.
- इस बात की संभावना रहती है कि आने वाले समय में मिड कैप कंपनी लार्ज कैप कंपनियों में शामिल हो सकती है.
Market Cap क्यों महत्वपूर्ण है?
मार्केट कैप महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी के आकार और मूल्य को निर्धारित करता है। किसी कंपनी का मार्केट कैप आपको यह समझने में मदद कर सकता है कि उसका स्टॉक कितना जोखिम भरा है.
यह निवेशकों को जोखिम का आकलन करने, कंपनियों की तुलना करने और बाजार के रुझान की पहचान करने में मदद करता है। बड़ी कंपनियाँ अक्सर अधिक स्थापित होती हैं और उनके स्टॉक कम अस्थिर होते हैं। छोटी कंपनियों के स्टॉक अधिक अस्थिर हो सकते हैं.