Nivesh kya hai? : क्या आपने कभी सोंचा है कि धन से धन कमाया जा सकता है! जी हाँ, बिल्कुल कमाया जा सकता है और इसके लिए आपको निवेश करना होगा. हम में से अधिकतर लोग नौकरी करके या अन्य आय स्रोतों से पैसा कमाना तो जानते हैं किन्तु अपनी मेहनत की कमाई से कुछ बचत करके निवेश करने की समझदारी नहीं होती है.
निवेश का प्रमुख उद्देश्य भविष्य में आय अर्जित करना या भविष्य में धन का सृजन करना होता है. इसमें आपका पैसा आपके लिए काम करता है. हालाँकि निवेश के साथ निवेश के साधन के अनुसार हमेशा कम या ज्यादा जोखिम जुड़ा होता है फिर भी लोग निवेश करते हैं, ऐसा क्यों?
ऐसा इसलिए है क्योंकि वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आपकी बचत अकेले पर्याप्त नहीं हो सकती है. इसके पीछे एक कारण यह भी है कि यदि आप अपने बचत बैंक खाते में अतिरिक्त पैसे पड़े रहने देंगे तो वह पैसा आपके वित्तीय उद्देश्य को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा क्योंकि वह अधिक पैसा बनाने में सक्षम नहीं है.
जब भी हम कहीं निवेश करते हैं तो हम अपने अतिरिक्त धन को ऐसी जगह लगाते हैं जहाँ से हमें अतिरिक्त आय की संभावना नजर आती है. हम सभी काफी मेहनत करके पैसे कमाते हैं लेकिन बुद्धिमानी तो इसी में है कि हम अपनी मेहनत की कमाई से जितना हो सके बचत करके निवेश करने की कला सीख जाएँ.
एक महत्वपूर्ण बात हमेश याद रखें कि निवेश वह साधन है जो आपकी भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है. तभी तो रोबर्ट कियोसाकी कहते हैं “अमीर अपना पैसा निवेश करते हैं और जो बचा हुआ पैसा है उसे खर्च करते हैं. गरीब अपना पैसा खर्च करते हैं और जो बचा हुआ पैसा है उसे निवेश करते हैं.”
निवेश क्या है? यह आपके लिए क्यों आवश्यक है? निवेश की सिद्धांत एवं प्रकार के बारे में हम इस लेख के जरिये विस्तारपूर्वक समझेंगे.
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निवेश क्या है?
हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में ‘निवेश’ शब्द सुनते रहते हैं, लेकिन हकीकत में सभी लोगों को इससे जुड़ी पूरी जानकारी नहीं होती है. निवेश भविष्य में धन उत्पन्न करने का वह तरीका है जिसके माध्यम से एक निवेशक भविष्य में अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होता है.
सरल शब्दों में, यदि लोग अपनी अतिरिक्त धन या पूंजी किसी ऐसी जगह लगाते हैं जहां एक निश्चित अवधि के बाद वह धन या पूंजी बढ़ती है, तो उस लगाये गए धन को ‘निवेश’ कहा जाता है. जो निवेश (Investment) करते हैं उन्हें (investor) कहा जाता है. लोग इस इरादे से निवेश करते हैं कि उनका निवेश किया हुआ पैसा भविष्य में कुछ रिटर्न अर्जित करेगा.
निवेश पैसे लगाने की वह प्रक्रिया है जिसके जरिये भविष्य में और अधिक धन प्राप्त किया जा सकता है.
निवेश के जरिये पैसे से पैसा कमाया जा सकता है. मान लेते हैं आज आपके पास 1000 रुपया है और आप इस पैसे को 5 वर्षों के लिए निवेश के किसी साधन में निवेश कर देते हैं. आगे 5 वर्षों के बाद वह पैसा 1500 रुपया हो जाता है. इसतरह से आप यहाँ पर देख सकते हैं कि यहाँ आपका पैसा ही पैसा कमाने का काम करता है.
इसतरह से आप कह सकते हैं कि निवेश का उद्देश्य भविष्य में आय अर्जित करना या भविष्य में धन का सृजन करना है. एक निवेशक के तौर पर आपको यह भी हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि निवेश के साथ हमेशा जोखिम का एक तत्व जुड़ा होता है जिसकी चर्चा हम आगे करेंगे.
निवेश के प्रकार
आपको बता दें कि मौजूदा समय में भारतीय वित्तीय बाजार काफी विकसित एवं विस्तारित हो चूका है. हमारे देश में आज निवेशकों के पास long-term investment और short-term investment प्लान के साथ कई सारे विकल्प मौजूद हैं. आइये निवेश के कुछ प्रमुख तरीकों के बारे में नजर डालें –
- स्टॉक
- बांड
- म्यूचुअल फंड्स
- रियल एस्टेट
- फिक्स्ड डिपोजिट
- रेकरिंग डिपाजिट
- गोल्ड
- सुकन्या समृद्धि योजना
- नेशनल पेंशन स्कीम (NPS)
- पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड (PPF)
- वरिष्ठ नागरिक बचत योजना आदि
निवेश में जोखिम क्या हैं?
जैसा कि मैं आपको बता चूका हूँ कि निवेश के साथ हमेशा कम या ज्यादा जोखिम जुड़ा होता है इसलिए वित्तीय सलाहकारों द्वारा यह सलाह दिया जाता है निवेशकों को अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार ही किसी स्कीम का चयन करना चाहिए.
निवेश आर्थिक उन्नति के लिए आवश्यक है लेकिन यह बात भी सत्य है कि एक निवेशक को निवेश करने से पहले इसके जोखिम की अवधारणा की भी समझ होनी चाहिए और अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार ही निवेश करना चाहिए.
यह सच है कि कोई भी व्यक्ति केवल तभी निवेश करेगा जब किसी संपत्ति के मूल्य में वृद्धि होने की संभावना होगी. कुछ लोग ज्यादा return पाने की उम्मीद में शेयर मार्केट या म्यूचुअल फंड में निवेश करना पसंद करते हैं लेकिन यहाँ उन्हें कुछ risk उठाना पड़ता है. जो लोग बिल्कुल सुरक्षित निवेश चाहते हैं वैसे लोग fixed deposit या पोस्ट ऑफिस के विभिन्न बचत योजनाओं में निवेश करते हैं.
आपको एक महत्वपूर्ण बात यह भी ध्यान रखना चाहिए कि निवेश सम्बंधित सामान्य नियम यह भी है कि जोखिम जितना अधिक होगा, रिटर्न उतना ही बेहतर होगा. एक सफल निवेशक वही हो सकता है जो निवेश जोखिम का प्रबंधन करना जानता है.
निवेश क्यों करना चाहिए?
लोग रिटर्न कमाने के लिए पैसा निवेश करते हैं और इसका मूल उद्देश्य ही अपनी संपत्ति को बढ़ाना है. अपनी वित्तीय स्थिति को और अधिक मजबूत करने के लिए हमें निवेश करना चाहिए. यदि आप अपने लक्ष्यों को पूरा करना चाहते हैं जैसे अपने सपनो का घर बनाना, कार खरीदना, अपने बच्चों की उच्च शिक्षा आदि तो शायद आपकी अपनी कमाई से की गयी बचत इसके लिए काफी न हो.
जिस प्रकार महंगाई दिन – प्रतिदिन बढ़ रही है उसके लिए हमारी छोटी – मोटी बचत हमारे लक्ष्यों को पूरा करने के लिए काफी नहीं हो सकता है. लोगों के सामने कई प्रकार की वित्तीय चुनौतियाँ होती हैं जिसके कारण वे आर्थिक रूप से खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं.
जिन लोगों के पास आय सिमित होती है उनके पास कई वित्तीय चुनौतियाँ होती हैं जैसे – बढ़ती महंगाई, बच्चों की शादी या पढाई, रिहायशी खर्च से निपटना, करों के बोझ, मेडिकल खर्च, आपातकालीन खर्च आदि.
सही इनवेस्टमेंट-प्लान करके ऐसे वित्तीय चुनौतियों का आसानी से सामना किया जा सकता है. उदाहरण के लिए कोई व्यक्ति नियमित रूप से किसी रिटायरमेंट के अनुकूल योजना में निवेश करके अपने रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी को आर्थिक रूप से सुरक्षित कर सकता है. कुछ निवेश ऐसे भी होते हैं जहाँ आप निवेश करके टैक्स भी बचा सकते हैं.
इक्विटी जैसे साधनों में निवेश करके आप ऊँचा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं.
निवेश संबंधी निर्णय कैसे लें?
जब भी आप रिटर्न कमाने के लिए पैसा निवेश करते हैं तो उस निवेश के साथ जोखिम जुड़ा हुआ हो सकता है. जोखिम एक निवेश से दूसरे निवेश में भिन्न होता है इसलिए आप जिस भी साधन में निवेश करें तो उसमें शामिल जोखिम का आकलन हर स्तर से कर लेना चाहिए और अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार ही कोई निर्णय लेना चाहिए.
निवेश में शामिल जोखिमों से अवगत होना काफी महत्वपूर्ण होता है. आपके पास बाजार की समझ होनी चाहिए. ज्ञात हो कि वैश्विक मंदी, वित्तीय संकट, कानूनों और नीतियों में बदलाव आदि का असर बाजार में काफी गहरा होता है. कुछ वित्तीय सलाहकारों की राय मानें तो ऐसे जोखिमों से निबटने के लिए लम्बी अवधि के लिए निवेशित रहना मददगार हो सकता है.
जब भी आप किसी साधन में निवेश करने जा रहे हैं तो कुछ महत्वपूर्ण बातों का जरूर ध्यान रखें जैसे –
- आप जिस साधन में निवेश करने जा रहे हैं क्या वह आपके लिए सही है?
- आपका कितने समय के लिए निवेश करने जा रहे हैं?
- यदि आपका निवेश शेयर बाजार से सम्बंधित है तो पहले शेयर मार्केट को अच्छे से समझें.
- निवेश से जुड़े सभी जोखिमों को समझें.
- विभिन्न योजनाओं के बीच व्यापक अध्ययन करें.
- निवेश प्लानिंग के समय आप किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट की सलाह ले सकते हैं.
अन्य महत्वपूर्ण बात
अब तक आप समझ चुके हैं कि निवेश रिटर्न अर्जित करने की दृष्टि से किया जाता है. यह तब आवश्यक हो जाता है जब आप अपने वित्तीय लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किसी साधन की तलाश करते हैं. यहाँ समझने वाली महत्वपूर्ण बात यह है कि केवल बचत के भरोसे रहकर आप अपने वित्तीय लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते हैं.
जिस प्रकार दिनों दिन सामग्री और सेवाओं की कीमत में उछाल हो रहा है इसके कारण हमारे पैसे के मूल्य में कमी आ रही है. इसपर हमारा कोई नियंत्रण नहीं होता है. मुद्रास्फीति (Inflation) से हमें आगे रहने के लिए अधिक धन की आवश्यकता होगी. लेकिन धन कैसे बढ़ेगा? इसके लिए हमें रिटर्न अर्जित करने की आवश्यकता है और यह निवेश से संभव हो सकता है.
वर्तमान समय में हमारे पास कई निवेश विकल्प मौजूद हैं. केवल जरुरत है कि हम अपनी आवश्यकताओं और जोखिम प्रोफाइल का अच्छे से आकलन करने के बाद इसके बारे में सोंच सकते हैं.
यह भी ध्यान रखें कि यदि आप निवेश करने के लिए नए हैं, तो इस बात कि प्रबल संभावना हो सकता है कि आप सुनिश्चित नहीं हैं कि आपको अपना पैसा कहां निवेश करना चाहिए. गलत निवेश का चुनाव करने से आपको वित्तीय नुकसान भी हो सकता है क्योंकि हर एक निवेश के साथ जोखिम भी जुड़ा होता है.
अंत में मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि आपको आर्थिक उन्नति के लिए निवेश करना लाभदायक होगा किन्तु किसी भी निवेश विकल्प का चुनाव करने से पहले उससे सम्बंधित सभी आवश्यक जानकारी जरूर प्राप्त कर लें.
नोट: हम कोई वित्तीय सलाहकार नहीं हैं और किसी को भी निवेश संबंधी कोई सलाह नहीं देते हैं. हम आपको केवल महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं. किसी भी इंस्ट्रूमेंट में निवेश करने से पहले आप खुद उससे जुड़ी जानकारी हासिल कर लें.