One person company (OPC) क्या है? एक व्यक्ति कंपनी पंजीकरण प्रक्रिया

One person company (OPC) क्या है? : भारत में एक व्यक्ति कंपनी (One person company) का विचार नया है. कंपनी अधिनियम 2013 के आ जाने से अब एक व्यक्ति द्वारा भी कंपनी चलाया जा सकता है जो कि इससे पहले संभव नहीं था. इसे आप एकल व्यक्ति के साथ गठित कंपनी कह सकते हैं.

जब कंपनी की बात आती है तो आमतौर पर हम यही समझते हैं कि इसे शुरू करने के लिए इसे शुरू करने के लिए कम से कम दो लोगों की आवश्यकता होती है किन्तु 2013 के नई अवधारणा के आ जाने से दो सदस्यों के पारंपरिक तरीके के विपरीत अब एक व्यक्ति के साथ भी कंपनी गठित किया जा सकता है.

वैसे तो देश में प्रोपराइटरशिप के रूप में अपने नाम से ही फर्म बनाकर व्यापार करना एक प्रचलित और प्रसिद्ध तरीका है फिर भी एक प्रोपराइटरशिप फर्म के मुकाबले लोगों का भरोसा एक कंपनी में ज्यादा होता है.

One person company में वह लाभ मौजूद होते हैं जो एक कॉर्पोरेट को मिलता है.

वास्तव में कंपनी के अधिनियम 2013 में एक व्यक्ति कंपनी के बारे में एक नई अवधारणा पेश की गई है जो कि इससे पहले संभव नहीं थी.

आइये इसके बारे में विस्तारपूर्वक समझते हैं कि One person company (OPC) क्या है? एक व्यक्ति कंपनी पंजीकरण प्रक्रिया क्या है? इसके क्या – क्या लाभ हैं. इसके निगमन लिए कौन – कौन से आवश्यक दस्तावेजों की आवश्यकता होती है आदि.

One person company क्या है?

One Person Company (OPC) अर्थात एक व्यक्ति द्वारा निगमित कंपनी होती है. एक व्यक्ति द्वारा भी कंपनी स्थापित करना कंपनी अधिनियम, 2013 के लागू होने के बाद से ही संभव हो सका है. OPC को एक-व्यक्ति कंपनी के रूप में जाना जाता है. कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2(62) के अनुसार, एक व्यक्ति कंपनी एक ऐसी कंपनी होती है जिसमें एक शेयरधारक के रूप में एक व्यक्ति शामिल होता है.

एक व्यक्ति द्वारा व्यवसाय करने का एक और प्रसिद्ध तरीका sole proprietorship भी होता है किन्तु इसके विपरीत OPC में मालिक की सीमित देयता होती है. One Person Company को एक अलग क़ानूनी संगठन के रूप में मान्यता प्राप्त है. एक आदमी कंपनी पंजीकरण करके इसे शुरू किया जा सकता है. यहाँ कंपनी का मालिक कंपनी के निदेशक और शेयरधारक दोनों के रूप में कार्य करता है. कंपनी का स्वामित्व और प्रबंधन एक व्यक्ति के हाथ में होता है.

OPC भारत में व्यापार करने का एक नया तरीका है जो कि 2013 में कंपनी अधिनियम, 2013 के रूप में अस्तित्व में आया. इस नियम के आने से आप बगैर अन्य लोगों पर निर्भर हुए भी एक कंपनी के रूप में व्यवसाय करने के लिए सक्षम होते हैं. यह कंपनी का वह रूप है जिसे केवल एक भी शेयरहोल्डर संचालित कर सकता है.

अपने व्यवसायिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए कोई भी व्यक्ति एक व्यक्ति कंपनी बनाकर संचालन कर सकता है. OPC पंजीकृत करते समय नॉमिनी का उल्लेख करना जरुरी होता है ताकि मालिक की मृत्यु के मामले में नामांकित व्यक्ति को कंपनी का उत्तराधिकार चुना जा सके.

OPC के रूप में केवल एक व्यक्ति द्वारा भी कंपनी का निर्माण किया जा सकता है जहाँ डायरेक्टर्स की न्यूनतम संख्या 1 तथा अधिकतम संख्या 15 हो सकती है. OPC को किसी भी समय किसी भी प्रकार की कंपनी में परिवर्तित किया जा सकता है.

One Person Company के लाभ

ज्ञात हो कि One Person Company को एक निजी कंपनी के सभी लाभ मिलते हैं जैसे –

  • अलग कानूनी इकाई का दर्जा प्राप्त होना – इसका फायदा यही होता है कि इसके सदस्य की दायित्व उसके शेयरों तक सीमित होता है. कोई भी शेयरधारक कंपनी के नुकसान के लिए व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी नहीं हो सकता है.
  • One Person Company शुरू करना आसान – इसे न्यूनतम आवश्यकताओं के साथ शुरू किया जा सकता है.
  • कंपनी पर पूर्ण नियंत्रण – इसे सिंगल ओनर द्वारा नियंत्रित और प्रबंधित किया जा सकता है जिसके चलते निर्णय लेना आसान होता है साथ ही यहाँ निर्णय लेने की प्रक्रिया भी तेज होती है.
  • शाश्वत उत्तराधिकार की विशेषता – इसमें नॉमिनी नियुक्त करने की आवश्यकता होती है जिसका अर्थ यह हुआ कि सदस्य की मृत्यु होने पर, उसके स्थान पर नॉमिनी कंपनी चलाएगा अर्थात इसको शाश्वत उत्तराधिकार प्राप्त हो जाता है.
  • विश्वास की भावना प्रदान करना – जैसा कि आप जानते हैं कि OPC को Legal status प्राप्त है जिसके कारण ग्राहकों को व्यवसाय में विश्वास की भावना जागृत होती है. यह एक लोकप्रिय व्यावसायिक संरचना है.

OPC रजिस्ट्रेशन कैसे करें?

आपको बता दें कि भारत में एक व्यक्ति कंपनी की अवधारणा को कंपनी अधिनियम, 2013 के माध्यम से पेश किया गया है. इसप्रकार की कंपनी से तात्पर्य है कि इसमें सदस्य के रूप में केवल एक व्यक्ति हो. एक व्यक्ति कंपनी (ओपीसी) पंजीकरण करने के लिए व्यक्ति को भारतीय नागरिक होना चाहिए.

  • Digital Signature प्राप्त करें.
  • Director Identification Number (DIN) के लिए आवेदन करें.
  • कंपनी का यूनिक नाम चुनकर अप्लाई करें अर्थात नाम आरक्षण के लिए आवेदन करें. नाम आरक्षण के लिए आवेदन एमसीए को प्रस्तुत किया जा सकता है. यह भी ध्यान रखें कि चयनित नाम नामकरण मानकों के अनुरूप होना चाहिए. कंपनी के नाम के पीछे ‘OPC’ यानी One Person Company लगाना पड़ता है.
  • निगमन प्रक्रिया पूरी करें.

OPC Incorporation प्रक्रिया क्या है?

आपको पहले यह समझ लेना चाहिए कि जिस प्रकार एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लिए आवश्यक अनुपालन औपचारिकताएं होती है ठीक उसी प्रकार ओपीसी के लिए भी है.

नाम अनुमोदन हो जाने के पश्चात आपको सभी आवश्यक दस्तावेजों को कंपनी रजिस्ट्रार को जमा करने की जरुरत होती है जैसे हस्ताक्षरित मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन (एमओए) और आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन (एओए) जमा करें.

OPC में जैसा कि आप जान चुके हैं कि इसमें एक सदस्य या एक निदेशक होता है और यहाँ इनके ओर से एक नामित व्यक्ति को नियुक्त किया जाना चाहिए और इसलिए इसके सदस्य के आलावा नामित व्यक्ति के पहचान प्रमाण, पते के प्रमाण और निवास प्रमाण की आवश्यकता होगी. नॉमिनी को लिखित तौर पर अपनी सहमति रजिस्ट्रार को सौंपनी पड़ती है.

निगमन के दौरान पंजीकृत कार्यालय से संबंधित आवशयक दस्तावेज भी चाहिए. इसके लिए स्वामित्व का प्रमाण और मालिक से एक एनओसी (नोटरीकृत प्रति) की जरुरत हो सकती है. ज्ञात हो कि निगमन दाखिल करने पर, कंपनी रजिस्ट्रार (आरओसी) द्वारा अनुमोदन प्रदान किया जाता है.

OPC रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज

एक व्यक्ति कंपनी के पंजीकरण के लिए निम्न आवश्यक दस्तावेजों की आवश्यकता होती है –

  • पहचान प्रमाण (पैन कार्ड/आधार कार्ड/ड्राइविंग लाइसेंस / मतदाता पहचान पत्र)
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • एड्रेस प्रूफ (टेलीफोन बिल / मोबाइल बिल/बैंक पासबुक/बिजली बिल / पानी का बिल)
  • पंजीकृत कार्यालय का पता

अन्य महत्वपूर्ण बात

OPC अर्थात One Person Company व्यवसाय का एक सफलतम रूप माना जाता है. यह छोटे व्यवसाय के लिए खासकर जो अपना एक कंपनी के रूप में व्यवसाय करना चाहते हैं उनके लिए यह एक आसान रास्ता है. इसमें सबसे अच्छी बात यही है कि आपको अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए बहुत से लोगों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है.

One Person Company के जरिये एक अकेला आदमी भी कंपनी खोल कर व्यवसाय कर सकता है. अपनी मर्जी से कंपनी बदल सकता है अर्थात जब चाहे प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में तब्दील कर सकता है. OPC में एक शेयरहोल्डर होता है और वही कंपनी का डायरेक्टर होता है. इसमें ऐसा नहीं है कि एक ही डायरेक्टर रहे जरुरत के हिसाब से एक से ज्यादा भी डायरेक्टर इसमें हो सकता है जिसकी अधिकतम सीमा 15 है.

आपने कई कंपनियों को अपने नामों के आगे प्राइवेट लिमिटेड लगाते हुए देखा होगा ठीक इसीप्रकार One Person Company में OPC लगाना होता है. इसे बनाने की प्रक्रिया लगभग किसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के ही जैसा होता है.

इस कंपनी का स्वामित्व एक ही व्यक्ति के हाथों में होता है इसीलिए इसमें एक नॉमिनी चुनने की एक प्रक्रिया भी शामिल की गयी है और उस चयनित नॉमिनी को लिखित तौर पर अपनी सहमति रजिस्ट्रार को सौपनी होती है.

Lal Anant Nath Shahdeo

मैं इस हिंदी ब्लॉग का संस्थापक हूँ जहाँ मैं नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए उपयोगी जानकारी प्रस्तुत करता हूँ. मैं अपनी शिक्षा की बात करूँ तो मैंने Accounts Hons. (B.Com) किया हुआ है और मैं पेशे से एक Accountant भी रहा हूँ.

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