Pharmacist course details in Hindi : फार्मासिस्ट कैसे बनें? : आज मेडिकल क्षेत्र काफी विस्तृत हो चूका है फलस्वरूप यहाँ पर नौकरी के अच्छे अवसर प्राप्त होने के chances बढ़ जाते हैं. जरुरी नहीं है कि आप MBBS और BDS जैसे प्रतिष्ठित कोर्स ही करें, इस क्षेत्र में ऐसे कई courses और भी मौजूद हैं जैसे ANM, GNM, BSc Nursing, Pharmacy course आदि मेडिकल प्रोग्राम से जुड़कर अच्छे वेतन के साथ नौकरी के अच्छे अवसर प्राप्त किया जा सकता है.
इस पोस्ट के माध्यम से आपको फार्मासिस्ट कोर्स के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की जायेगी इसलिए यदि आप इस विषय पर पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो कृपया इस लेख के साथ अंत तक जरूर बनें रहें.
वास्तव में फार्मेसी कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य छात्रों को दवाओं का सही उपयोग और खुराक के बारे में उचित जानकारी प्रदान करना है ताकि वे रोगियों को उचित मार्गदर्शन करने में सक्षम हो सकें. यह पाठ्यक्रम विज्ञान के क्षेत्र से सम्बंधित है जिसके अंतर्गत pharmaceutical दवाओं का अध्ययन और विकास शामिल है. इस कार्यक्रम से जुड़ने के लिए उम्मीदवार को आवश्यक पात्रता मानदंडों को पूरा करना जरुरी है. आप अपनी सुविधानुसार सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं.
ज्ञात हो कि फार्मेसी केवल दवा की दूकान तक ही सिमित नहीं है. इस कोर्स को कर रहे छात्रों के पास कई करियर विकल्प मौजूद होते हैं जैसे वे दवाओं के विकास और अनुसन्धान से सम्बंधित क्षेत्र का चुनाव कर सकते हैं. दवाओं को बाजार में पेश किये जाने से पहले उसको कई प्रकार के परीक्षणों से गुजरना पड़ता है और इस पूरी प्रक्रिया के दौरान एक फार्मासिस्ट का अहम् योगदान होता है.
आइए विस्तारपूर्वक समझते हैं कि Pharmacist कैसे बनें? किन्तु इस प्रश्न का उत्तर जानने से पहले आपको यह समझना आवश्यक है कि वास्तव में फार्मासिस्ट क्या है? Pharmacist course details in Hindi.
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Pharmacist course details in Hindi
Pharmacists (फार्मासिस्ट) वैसे पेशेवर होते हैं जो दवाओं का उपयोग, भण्डारण, संरक्षण, वितरण एवं प्रबंधन, सही खुराक या दवाओं को सही तरीकों से प्रदान करने की विशेषज्ञता हासिल की होती है. वह मरीजों को डॉक्टर द्वारा लिखे गए प्रिस्क्रिप्शन के अनुसार मार्गदर्शन करता है तथा वह दवाओं के संभावित फायदों और दुष्प्रभावों के बारे में सलाह प्रदान करता है.
एक फार्मासिस्ट का कार्य काफी जिम्मेदारीपूर्ण होता है क्योंकि वह कई प्रकार के सामान्य स्वास्थ्य विषयों पर महत्वपूर्ण सलाह प्रदान करने का काम करता है. वह डॉक्टर द्वारा लिखे गए प्रिस्क्रिप्शन को समझकर मरीजों को उसके बारे में जानकारी प्रदान करने में सक्षम होता है. एक फार्मासिस्ट का कार्य यह भी सुनिश्चित करना होता है कि स्टॉक में दवाओं की पूरी उपलब्धता है या नहीं है.
एक फार्मासिस्ट के पास निम्न योग्यता होती है –
- वह डॉक्टर द्वारा लिखे प्रिस्क्रिप्शन को पढ़ने में सक्षम होता है.
- वह डॉक्टर द्वारा लिखी हुई प्रिस्क्रिप्शन के बारे में मरीजों को समझा सकता है.
- वह दवाओं के प्रभाव और दुष्प्रभाव के बारे में मरीजों को बताने में सक्षम होता है.
- वह रोगों के अनुरूप उपयोग की जानेवाली प्रचलित दवाओं के बारे में जानकारी रखता है.
- वह डॉक्टर के निर्देशानुसार मरीजों को दवा उपलब्ध कराता है.
भारत में फार्मेसी पाठ्यक्रमों की सूची
एक फार्मासिस्ट के तौर पर यदि आप इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में विस्तार होने के कारण यह विषय अध्ययन के लिए लोकप्रिय क्षेत्रों में से एक है. आप अपनी रूचि और योग्यता के अनुसार फार्मेसी में डिप्लोमा या डिग्री कोर्स के विकल्प का चुनाव कर सकते हैं. आप चाहें तो फार्मेसी में पीजी कोर्स का चुनाव करके आगे की पढाई भी जारी रख सकते हैं. आप 10+2 (भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान या गणित के साथ) के बाद फार्मेसी कोर्स में नामांकन लेने के योग्य हो जाते हैं.
फार्मेसी पाठ्यक्रमों की सूची इसप्रकार है –
D.Pharma (Diploma in Pharmacy)
D.Pharma (Diploma in Pharmacy) : यह फार्मेसी में डिप्लोमा कोर्स है. यह उन उम्मीदवारों के लिए उपयुक्त है जो अल्पकालिक फार्मेसी कोर्स करना चाहते हैं. इस कोर्स की अवधि 2 वर्षों का होता है.
B.Pharma (Bachelor of Pharmacy)
B.Pharma (Bachelor of Pharmacy) : बैचलर ऑफ फार्मेसी एक स्नातक डिग्री कोर्स है जिस कोर्स की अवधि 4 वर्षों का होता है. कक्षा 12वीं के बाद विज्ञान के छात्रों के बीच यह एक लोकप्रिय कोर्स है. यदि आप B.Pharma की डिग्री पूरी कर लेते हैं तो उसके बाद आप चाहें तो उच्च अध्ययन के लिए Master of Pharmacy (M.Pharma) कोर्स के साथ आगे जा सकते हैं.
M. Pharma (Master of Pharmacy)
M. Pharma (Master of Pharmacy) : यह एक post-graduate degree है. बहुत से छात्र B.Pharma पूरी करने के पश्चात इस कोर्स को करना पसंद करते हैं. इस पाठ्यक्रम की अवधि 2 वर्षों का होता है. यह विषय दवाओं के विश्लेषण, परीक्षण और शोध से सम्बंधित है. इस कोर्स के अंतर्गत छात्रों को दवा तैयार करने, दवाओं के दुष्प्रभाव, खुराक आदि विषयों पर जानकारी प्रदान किया जाता है. एम.फार्मा के पूरा होने के पश्चात छात्र सरकारी नौकरी, शिक्षक, शोधकर्ता आदि के रूप में करियर बना सकता हैं.
Pharma.D (Doctor of Pharmacy)
Pharma.D (Doctor of Pharmacy) : इस पाठ्यक्रम को विकसित करने का प्रमुख उद्देश्य यह था कि रोगी के देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने हेतु फार्मासिस्टों को और विकसित किया जाये. यह 6 वर्षों का एक लम्बा कार्यक्रम है जहाँ 5 साल का शैक्षणिक सत्र और आखिरी 1 साल में अनिवार्य रूप से इंटर्नशिप शामिल है. डी.फार्मा पास हो चुके छात्र इस कोर्स के लिए योग्य हो जाते हैं.
फार्मेसी कोर्स के लिए आवश्यक योग्यता
वैसे उम्मीदवार जो फार्मेसी कोर्स करना चाहते हैं या फार्मासिस्ट बनना चाहते हैं उनके लिए जरुरी है कि वे विभिन्न प्रकार के फार्मेसी पाठ्यक्रमों के लिए फार्मेसी पाठ्यक्रम पात्रता मानदंडों को पूरा करें. आइये देखते हैं कि फार्मासिस्ट बनने के लिए आवश्यक पात्रता मानदंड क्या – क्या हैं-
- उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से विज्ञान विषय (Physics, Chemistry, Biology या Mathematics) के साथ 12वीं उत्तीर्ण होना जरुरी है. अर्थात उन्हें PCB या PCM विषयों से 10+2 पास करना जरुरी है.
- इस पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने के लिए राज्य स्तर या राष्ट्रिय स्तर की फार्मेसी प्रवेश परीक्षा में शामिल होना पड़ सकता है. इसके लिए विभिन्न प्रवेश परीक्षायें निजी और सार्वजनिक विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित की जाती है. यहाँ पर मैं एक बात और स्पष्ट कर दूँ कि ऐसे कई संस्थान भी होते हैं जो बिना एंट्रेंस एग्जाम लिए भी सीधे नामांकन दे देते हैं.
- इस पाठ्यक्रम में नामांकन के लिए कम से कम 12वीं कक्षा न्यूनतम 50% अंकों के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है.
फार्मेसी कोर्स में करियर की संभावनाएं
फार्मेसी डिग्री कोर्स पूरा कर चुके छात्रों के पास करियर की बहुत सी संभावनाएं मौजूद होती है. हमारे देश भारत की यदि बात की जाये तो फार्मेसी उद्योग काफी महत्वपूर्ण उद्योगों में से एक माना जाता है. एक फार्मासिस्ट के पास सार्वजानिक और निजी क्षेत्र में नौकरी करने का तो अवसर रहता ही है साथ ही उसके पास अपना खुद का व्यवसाय करने का भी मौका होता है. वह चाहे तो खुद का केमिस्ट शॉप भी शुरू कर सकता है.
आपने गौर किया होगा कि covid-19 वैश्विक महामारी के दौर में जब देश में लॉकडाउन लगा हुआ था उस दौरान भी फार्मेसी व्यवसायों और दुकानों को संचालित करने की अनुमति प्राप्त थी. इसका कारण आप समझ सकते ही सकते हैं. यह समय की मांग थी और इस महामारी के दौर में फार्मेसी उद्योग की क्या भूमिका रही है यह बताने की जरुरत नहीं है.
D.Pharma या B.Pharma के बाद यदि कोई चाहे तो अपनी आगे की पढाई भी जारी रख सकता है और इसका फायदा यह होता है कि उम्मीदवार प्रबंधकीय पदों या अन्य पदों पर सुनहरा करियर बनाने का मौका प्राप्त कर सकता है या मेडिकल क्षेत्र में रिसर्च कार्यों को करने का मौका प्राप्त कर सकता है.