Pongal festival in Hindi – 2022 : पोंगल कब मनाया जाता है?

Pongal festival in Hindi – 2022 : भारत त्योहारों का देश है. यहां कई धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं, इसलिए इस देश में त्योहारों का सिलसिला लगातार चलता रहता है. त्योहारों की इस श्रृंखला में, पोंगल देश में सबसे लोकप्रिय फसल त्योहारों में से एक है. यहां प्रत्येक त्योहार अपनी विशेष संस्कृति और परंपरा के अनुसार मनाया जाता है.

जिस तरह उत्तर भारत में लोग जनवरी में लोहड़ी और मकर संक्रांति मनाते हैं, तमिलनाडु में पोंगल मनाया जाता है जो हमारी कृषि अर्थव्यवस्था के लिए धन्यवाद देने पर आधारित एक प्रमुख दक्षिण भारतीय फसल उत्सव है.

पोंगल दक्षिण भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है जो चार दिनों तक चलता है. यह त्यौहार पूरी दुनिया में तमिल समुदाय द्वारा उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस पर्व का आगमन प्रत्येक वर्ष जनवरी के मध्य में होता है, जो इस वर्ष 2022 में 14-17 जनवरी तक मनाया जाएगा.

सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर जहाँ उत्तर भारत के लोग ‘मकर संक्रांति’ का त्यौहार मनाते हैं वहीँ दक्षिण भारत में चार दिवसीय पर्व के रूप में पोंगल मनाया जाता है. प्रत्येक दिन इसका अलग-अलग नाम होता है. अगर आप पोंगल के बारे में और इसके महत्व से अवगत होना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए बहुत उपयोगी है.

Pongal festival in Hindi : पोंगल क्या है?

पोंगल दक्षिणी क्षेत्र में एक बहुत लोकप्रिय त्योहार है यानी तमिल हिंदुओं द्वारा इस त्योहार को बहुत उल्लास के साथ मनाया जाता है. तमिल साहित्य से व्युत्पन्न ‘पोंगल’ शब्द का अर्थ है ‘उबलना’. इस त्योहार के लिए पारंपरिक रूप से चावल के व्यंजन विशेष रूप से तैयार किए जाते हैं. यह चावल उबालने की प्रथा से जुड़ा है. मूल रूप से देखा जाए तो यह फसल या खेती से जुड़ा त्योहार है.

यह त्यौहार हर साल जनवरी के मध्य में ठीक उसी समय मनाया जाता है जब उत्तर भारत के लोग मकर संक्रांति मनाते हैं. यह भारत के तमिलनाडु राज्य में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है, जिसका एक लंबा इतिहास है. अनुमान है कि यह पर्व 200 ईसा पूर्व से 300 ईस्वी के पूर्व का यानि संगम काल के दौरान का हो सकता है.

अच्छी फसल के लिए वर्षा, धुप और खेतीहर मवेशियों का विशेष महत्त्व होता है इसीलिए समृद्धि प्राप्ति हेतु सम्पन्नता को समर्पित पोंगल त्यौहार में इनका आभार व्यक्त किया जाता है अर्थात मुख्य रूप से यह पर्व प्रकृति को समर्पित है. इस दिन लोग लोग नए – नए कपडे पहनते हैं, अपने मवेशियों को सजाते हैं, अपने घरों को रंगते हैं, घरों की सफाई करते हैं, महिलायें रंगोली बनाती है, कई प्रकार के पकवान बनायें जाते हैं, लोग परिवार के साथ मिलकर पूजा करते हैं तथा अच्छी फसल के लिए प्रार्थना और ईश्वर को धन्यवाद व्यक्त करते हैं.

पोंगल वास्तव में समृद्धि के प्रतिक के रूप में अच्छी फसल होने पर पुरे उत्साह के साथ मनाया जाता है. यह 4 दिवसीय लंबा फसल उत्सव तब मनाया जाता है जब जब राज्य में कई प्रकार के फसल जैसे चावल, गन्ना, हल्दी आदि फसलों की कटाई की जाती है.

जैसा कि आप समझ चुके हैं यह एक चार दिवसीय पर्व है और प्रत्येक दिन का अपना महत्व, रीति-रिवाज और अनुष्ठान होते हैं. प्रत्येक दिन इसका अलग – अलग नाम भी होता है जैसे –

  1. भोगी पोंगल – यह दिन देवराज इंद्र की पूजा से जुड़ा है.
  2. सूर्य पोंगल – यह दिन भगवान् सूर्य की पूजा की जाती है.
  3. मट्टू पोंगल – इस दिन भगवान् शिव की बैल की पूजा की जाती है या यह दिन मवेशियों की पूजा के लिए समर्पित है.
  4. कानुम/कनु पोंगल -उत्सव के अंत का प्रतीक है, जिसमें बहनें अपने भाइयों की खुशी के लिए करती हैं पूजा.

2022 में पोंगल कब है?

पोंगल का त्यौहार जो इस वर्ष 2022 में 14-17 जनवरी तक मनाया जाएगा. आमतौर पर यह त्यौहार हिंदू सौर कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है. इस तारीख को सूर्य उत्तर की ओर गति शुरू करता है अर्थात यह त्यौहार सूर्य के उत्तरायण होने के पुण्यकाल में मनाया जाता है जिसका प्रारम्भ तमिल महीने के पहली तारीख को होती है.

पोंगल का महत्त्व

पोंगल का त्योहार मूल रूप से एक फसल कटाई का त्योहार है जो समृद्धि और अच्छी फसल के भगवान्प्र को धन्यवाद देने के रूप में प्रत्येक वर्ष आता है. किसानों को बेहतर फसल प्राप्त करने में मददगार के रूप में भी इस त्यौहार का काफी महत्त्व है. हमारे देश में ऐसे कई त्यौहार मनाये जाते हैं जिनका झुकाव प्रकृति की ओर होता है और उनमें से पोंगल का अहम् स्थान है.

विशेष रूप से सूर्य देव को समर्पित पोंगल का त्यौहार मूल रूप से एक सामूहिक उत्सव है. यह परिवार और दोस्तों के साथ मिलने का विशेष अवसर प्रदान करता है साथ ही सामाजिक एकजुटता को बनाये रखने और उपहारों का आदान-प्रदान करने का एक पावन अवसर होता है.पोंगल एक प्राचीन त्योहार है लेकिन इसे आज भी पुरे उत्साह और जोश के साथ गांवों के अलावा, आधुनिक शहरों में रहने वाले तमिल लोगों द्वारा मनाया जाता है.

Lal Anant Nath Shahdeo

मैं इस हिंदी ब्लॉग का संस्थापक हूँ जहाँ मैं नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए उपयोगी जानकारी प्रस्तुत करता हूँ. मैं अपनी शिक्षा की बात करूँ तो मैंने Accounts Hons. (B.Com) किया हुआ है और मैं पेशे से एक Accountant भी रहा हूँ.

Spread your love:

Leave a Comment