भारतीय रिजर्व बैंक का इतिहास, कार्य, उद्देश्य और अधिनियम की पूरी जानकारी

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India – RBI) क्या है, इसके मुख्य कार्य क्या हैं, इसकी स्थापना कब और क्यों हुई थी, इसका केंद्रीय कार्यालय कहाँ स्थित है, अब तक के गवर्नरों की सूची, तथा वर्तमान में RBI का गवर्नर कौन है. अगर आप इन सभी सवालों के उत्तर विस्तार से जानना चाहते हैं, तो कृपया लेख को अंत तक पढ़ें.

ज़्यादातर लोगों को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के बारे में कुछ बुनियादी जानकारी है – जैसे कि यह एक बैंक है जो देश की मौद्रिक प्रणाली को नियंत्रित करता है. लेकिन असल में, इसकी भूमिकाएँ और ज़िम्मेदारियाँ कहीं ज़्यादा व्यापक और महत्वपूर्ण हैं. आइए इसके बारे में विस्तार से जानें:

RBI क्या है?

भारतीय रिज़र्व बैंक को बैंकों का बैंक कहा जाता है. भारतीय अर्थव्यवस्था को नियंत्रण करना तथा भारत के सभी बैंकों का संचालन का कार्य RBI के द्वारा किया जाता है. यह भारत देश की केंद्रीय बैंक है. नोटों को छापने का एकाधिकार RBI के पास ही होता है.

भारत की मौद्रिक नीति को लागू करने की जिम्मेदारी इसी के पास होती है. भारतीय रिजर्व बैंक, जिसे संक्षेप में RBI कहा जाता है, भारत का केंद्रीय बैंक है. यह देश की मौद्रिक नीति को नियंत्रित करता है और भारतीय बैंकिंग प्रणाली की निगरानी करता है. सरल शब्दों में कहें तो RBI भारत की अर्थव्यवस्था की ‘रीढ़’ की भूमिका निभाता है.

भारतीय रिज़र्व बैंक कामकाज केंद्रीय निदेशक बोर्ड के द्वारा शासित होता है. बोर्ड की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम के अनुसार की जाती है.

भारतीय रिजर्व बैंक का इतिहास

भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी. इसका गठन भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 के तहत किया गया था. शुरुआत में यह बैंक एक निजी संस्था थी, लेकिन 1949 में इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया और यह भारत सरकार के अधीन आ गई.

ब्रिटिश राज के दौरान यह निजी स्वामित्व वाला बैंक हुआ करता था किन्तु स्वतंत्र भारत में 01 जनवरी 1949 में इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया. इसका राष्ट्रीयकरण होने के पश्चात इसपर भारत सरकार की पूर्ण स्वामित्व हो गयी.

प्रारंभ में इसे कलकत्ता (कोलकाता) में स्थापित किया गया था बाद में सन 1937 में इसे स्थायी रूप में बम्बई (मुंबई) स्थानांतरित कर दिया गया.

भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना कब और कहां हुई

  • इसकी स्थापना तिथि: 1 अप्रैल 1935 है
  • स्थापना स्थान: कोलकाता (पहला मुख्यालय)
  • बाद में इसे 1949 में मुंबई स्थानांतरित कर दिया गया, जो आज भी इसका मुख्यालय है.

रिज़र्व बैंक की केंद्रीय कार्यालय कहाँ है?

रिज़र्व बैंक की केंद्रीय कार्यालय वह कार्यालय होती है जहाँ से विभिन्न नीतियों का निर्धारण किया जाता है. यह वही कार्यालय है जहाँ पर रिज़र्व बैंक का गवर्नर बैठते हैं जो मुंबई में है. इसके अलावा भारत के कई प्रमुख शहरों में क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं जैसे दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, आदि.

भारतीय रिज़र्व बैंक के वर्तमान गवर्नर (2025)

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के वर्तमान गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​हैं, जो पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास की जगह पर आये हैं. उन्होंने 11 दिसंबर 2024 को 26वें गवर्नर के रूप में पदभार संभाला. RBI गवर्नर बनने से पहले, वे भारत सरकार में वित्तीय सेवा सचिव और राजस्व सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं.

RBI गवर्नर मौद्रिक नीति निर्धारण, मुद्रास्फीति नियंत्रण, वित्तीय स्थिरता बनाए रखने और विदेशी मुद्रा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए जिम्मेदार होते हैं.

भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर की सूचि

अब तक कई नामचीन हस्तियां आरबीआई के गवर्नर रह चुके हैं. पहले गवर्नर सर ऑसबोर्न स्मिथ थे, प्रत्येक गवर्नर का कार्यकाल देश की आर्थिक दिशा में महत्वपूर्ण रहा है.

  1. सर ओसबोर्न (प्रथम गवर्नर)
  2. Sir जेम्स ब्रेड टेलर
  3. Sir सी. डी. देशमुख
  4. सर बेनगेल रामा राव
  5. के. जी. अम्बेगाओंकर
  6. एच. वी. आर. आयंगर
  7. पी. सी. भट्टाचार्य
  8. लक्ष्मीकान्त झा
  9. बी. एन. आदरकार
  10. एस. जगन्नाथन
  11. एन. सी. सेनगुप्ता
  12. के. आर. पुरी
  13. एम. नरसिम्हन
  14. डॉ. आई. जी. पटेल
  15. डॉ. मनमोहन सिंह
  16. ए. घोष
  17. आर. एन. मल्होत्रा
  18. एस. वेंकटरमन
  19. सी. रंगराजन
  20. डॉ. विमल जलान
  21. डॉ. वाय. वी. रेड्डी
  22. डी. सुब्बाराव
  23. रघुराम राजन
  24. उर्जित पटेल
  25. शक्तिकांत दास (वर्तमान गवर्नर)

भारतीय रिज़र्व बैंक के मुख्य कार्य

भारतीय रिज़र्व बैंक के मुख्य कार्यों में से यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए नोटों की छपाई का काम करता है. नोटों के छपाई के साथ – साथ पैसों के आपूर्ति का प्रबंधन करने की जिम्मेदारी इसी का है. ब्याज दरें तय करना, मुद्रा की आपूर्ति को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी इसी की होती है.

भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा के संरक्षक के तौर पर काम करता है. विदशी विनिमय की दर को स्थिर बनाये रखने के लिए यह विदेशी मुद्राओं का क्रय – विक्रय करता है.

यह भारत सरकार और राज्यों के बैंक के एजेंट और सलाहकार के रूप में कार्य करता है. देश के सभी वाणिज्यिक बैंकों को ऋण रिज़र्व बैंक से ही प्राप्त होते हैं. इसी कारण से इसे बैंकों का बैंक कहा जाता है. यह केंद्र और राज्य सरकारों के लिए बैंकिंग कार्य करता है.

संक्षेप में यदि कहा जाए तो RBI निम्नलिखित कार्य करता है:

  • भारत की मुद्रा जारी करना
  • सभी बैंकों का रेगुलेटर बनकर कार्य करना
  • बैंकों को लाइसेंस देना
  • विदेशी मुद्रा विनिमय दर को नियंत्रित करना
  • सरकार का बैंकर बनकर काम करना

भारतीय रिजर्व बैंक के उद्देश्य

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का मुख्य उद्देश्य देश की मौद्रिक नीति को नियंत्रित करना, मुद्रास्फीति को संतुलित रखना, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना, विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन करना, बैंकिंग प्रणाली की स्थिरता बनाए रखना आदि है.

निष्कर्ष,

भारतीय रिजर्व बैंक न केवल भारत की मौद्रिक नीति को नियंत्रित करता है, बल्कि यह देश की आर्थिक रीढ़ भी है. अपनी स्थापना के बाद से इसने देश को आर्थिक स्थिरता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. भारत की बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली RBI के बिना अधूरी है.

क्या आप जानते हैं?

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