Self-confidence कैसे बढ़ायें? आत्मविश्वास में कमी के लक्षण

Self-confidence कैसे बढ़ायें? आत्मविश्वास अर्थात Self Confidence यह कोई साधारण शब्द मात्र नहीं हैं क्योंकि इसी के बल पर किसी व्यक्ति के जीवन की सफलता और असफलता का अधिकांश भाग निर्भर करता है. आप अपने लक्ष्य तक तभी पहुँच सकते हैं जब आप में उस तक पहुँचने की क्षमता होगी किन्तु वह क्षमता आएगी कैसे? उस अद्भुत क्षमता का सृजन केवल आत्मविश्वास से ही होगा?

स्वामी विवेकानंद की यह महान वाणी स्मरण रहे “यदि आप खुद को मजबूत मानते हैं, तो आप मजबूत होंगे.” आप खुद को मजबूत मानते हैं अर्थात आपको अपने आप पर विश्वास है ; अपनी क्षमताओं पर विश्वास है और यदि ऐसा है तो संसार में ऐसी कौन सी बाधा विद्यमान है जो आपको आपके मार्ग से हटा सके?

आत्मविश्वास में कमी के कारण

नकारात्मक सोंच, विफलताओं का भय, हीन भावना, अपने को कमजोर दीन – हीन समझना, खुद पर भरोसा न होना आदि कारणों से आत्मविश्वास में कमी आती है इन सब के पीछे मुख्य कारण भय ही है क्योंकि यह वो चीज है जो मनुष्य को आजीवन सताता रहता है. अब आप ही देखिये किसी को रोजगार का डर, परीक्षा का डर, हार जाने डर, भविष्य का डर, मृत्यु का डर अर्थात भय मानव को भिन्न – भिन्न रूपों से डराता ही रहता है.

हमें विफलताओं के परिणामों को सोंचकर घबराने के बजाय भयमुक्त कर्म करना सीखना होगा.

जब आपका सामना किसी ऐसे व्यक्ति से होता है जिसके सामने आप खुद को तुच्छ मानते हैं तो उसके सामने प्राकृतिक रूप से आपका confidence का स्तर गिरता है. ऐसा क्यों होता है इसका विश्लेषण करना जीवन पथ पर अग्रसर होने के लिए अनिवार्य है.

यदि आप गरीब हैं तो आपको अमीरों के बीच जाने में घबराहट हो सकती है किन्तु आप गरीबों के बीच सामान्य होते हैं इसी तरह यदि आप अनपढ़ हैं तो पढ़े – लिखे लोगों के सामने आप संकोच कर सकते हैं किन्तु आप अपने ही तरह अनपढ़ लोगों के बीच सामान्य महसूस करते हैं. यहाँ पर common बात यही है कि आप अपने स्तर के लोगों के बीच सामान्य रहते हैं किन्तु जैसे ही आप अपने से ऊँचे स्तर के लोगों के बीच होते हैं आप संकोच महसूस करते हैं.

आपको खुद पर विश्वास नहीं है इसीलिए आप खुद को दूसरों से कमतर आंकते हैं, दूसरों के सामने अपनी बात कहने में संकोच करते हैं. दुनिया की इतनी ज्यादा परवाह क्यों? यदि मैं हार गया तो लोग क्या कहेंगे ऐसे सोंच वाला व्यक्ति सचमुच कभी जीत ही नहीं सकता है. ऐसा सोंचते – सोंचते एक दिन आप नकारात्मकता से इतनी ज्यादा घिर जाएंगे की एक सामान्य से व्यक्ति के सामने भी आपके हाथ – पाँव फूलने लगेंगे.

मान लेते हैं आप बहुत जानकार व्यक्ति हैं अर्थात ज्ञानी हैं किन्तु आपका ज्ञान तभी सफल होगा न जब आप अपने ज्ञान को दुनिया के सामने साबित करने में सक्षम होंगे और इसके लिए आत्मविश्वास चाहिए क्योंकि इसके बिना तो आप अपने ज्ञान को साबित ही नहीं कर पाएंगे तो आप ही सोंचे उस ज्ञान का तब क्या लाभ?

जितने भी आप सफल लोगों की जीवनी, कहानी या इतिहास पढ़ते हैं उन सबों में एक ही बात सामान्य है और वो है – “आत्मविश्वास.”

जीवन में उतार – चढ़ाव निश्चित है इसे कोई रोक नहीं सकता. आप तभी जीत सकते हैं जब कोई हारेगा इसीतरह आप तभी हारते हैं क्योंकि कोई जीतता है किन्तु जब आप हार जाते हैं, गिर जाते हैं और आपको खुद पर भरोसा है तो आप गिरने के बाद भी पुनः उठ के खड़े भी हो सकते हैं. वास्तव में संसार वैसे ही लोगों के लिए है जो गिरकर भी उठने की क्षमता रखते हैं.

क्या होगा यदि आत्मविश्वास नहीं है?

यदि आपमें आत्मविश्वास की कमी है तो –

  • जीवन में सफलता आप नहीं पा सकते हैं
  • आप लक्ष्य तो निर्धारित कर सकते हैं किन्तु वहां तक कभी पहुँच नहीं सकते हैं
  • किसी इंटरव्यू का सामना आप नहीं कर पाएंगे
  • आप कभी भी लीडर नहीं बन सकते
  • किसी कार्य के प्रति उत्साह में कमी महसूस करेंगे
  • जीवन में आयी चुनौतियों का सामना करने में असमर्थ होंगे
  • अपने भाव व्यक्त नहीं कर पाएंगे
  • आप नजर से नजर मिलकर बात नहीं कर पाएंगे
  • आपको यह भय सताता रहेगा की मैं यह नहीं कर सकता ; मैं हार जाऊंगा

Self Confidence कैसे बढ़ायें?

सबसे पहले तो यह समझ लें कि आप जैसा हैं वैसा आपके विचारों ने ही आपको बनाया है अर्थात आप वैसा ही बन जाते हैं जैसा आप सोंचते हैं. विचारों में बड़ा बल होता है.

Self-confidence कैसे बढ़ायेंआप चाहें तो निम्न तरीकों को अपनाकर आपने आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं जैसे –

(1) इस संसार के लिए आप भी हैं ख़ास

सबसे पहले तो यह विश्वास बनायें कि इस संसार के लिए आप भी ख़ास हैं.

(2) अपने मजबूत पक्ष को पहचानिये

अपने मजबूत पक्ष को पहचाने कि आप में क्या है ख़ास जैसे कि आप आध्यात्मिक है, मेहनती हैं, रचनात्मक हैं, दयालु हैं, परोपकारी हैं, पढाई, खेल या किसी अन्य क्षेत्र में अच्छी हैं आदि कुछ भी.

(3) अपनी कमियों को दूर कीजिये

अपनी कमियों को आंकिये, उसका आत्मविश्लेषण कीजिये ताकि उस कमी को दूर करने के लिए आपको समाधान मिल सके.

(4) योगा, व्ययायाम और ध्यान कीजिये

नियमित योगा, व्ययायाम और ध्यान कीजिये ताकि आप शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत हो सकें.

(5) लोगों के बीच मेलजोल बढ़ायें

लोगों के बीच मेलजोल बढ़ायें. कभी भी नजरें चुराकर भागने का प्रयास नहीं करें बल्कि संसार का सामना boldly करना सीखें. लोगों के समक्ष अपनी बात स्पष्ट तरीके से खुलकर कहना सीखें संकोच न करें.

(6) जरूरतमंद लोगों की मदद करें

यदि कोई संकट में हो और आप उसके लिए कुछ कर सकने में सक्षम हैं तो जरूर कीजिये, इससे आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी. इसतरह का परोपकार जो निस्वार्थ भाव से किया जाता है मन को शांति प्रदान करता है, आपको ख़ुशी मिलेगी. आध्यात्मिक पथ पर अग्रसर होने की मनोकामना रखनेवाले व्यक्तियों के लिए तो यह एक प्रमुख गुण है.

(7) सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लें

यदि मौका मिलता है तो किसी कार्यक्रम, प्रतियोगिता, भाषण देने आदि में भाग लें. इससे आपके अंदर का झीझक दूर होगा

(8) चुनौतियों का सामना करना सीखें

किसी चुनौती से पीछा छुड़ाने का प्रयास करने के बजाय उसका सामना करने का हिम्मत रखें क्योंकि यह वह चीज है जो ज़िन्दगी में आती ही रहती है.

(9) अपने अच्छे कार्यों को याद करें

अपनी सफलताओं को याद करें यह आपको आपके विपरीत समय से निकलने में सहायक होगा. आपने यदि अपने जीवन में कुछ साहसिक किया है तो कठिन समय में उससे प्रेरणा लें.

(10) शक्तिदायी विचारों को अपनायें

इतिहास, किस्से – कहानियों, धार्मिक ग्रंथों में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जिसे पढ़कर आप प्रेरणा न ले सकें. ऐसे महान लोगों को पढ़ें अर्थात उनके शक्तिदायी विचारों को अपनायें.

(11) सीखना कभी बंद न करें

अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहें क्योंकि अज्ञानता आत्मविश्वास में कमी लाता है. अज्ञानता अन्धकार के सामान है इसीलिए सीखते रहें और कहते हैं न सीखना बंद तो जीतना बंद.

(12) की गयी गलतियों से सबक लें

आप कुछ कार्य को अपने हाथ में लेंगे तो गलतियां तो होंगी ही, आपने गलती की अर्थात कुछ नया करने का प्रयास किया इसलिए अपनी गलतियों से सीखें.

(13) आपने आप को दूसरों से हीन न समझें

कभी भी आपने आप को दूसरों से हीन न समझें क्योंकि शास्त्रों में भी यह कहा गया है कि मानव जीवन अनमोल है तो आप हिन् या दीन कैसे हो सकते हैं? हो सकता है आप भले ही अपने जीवन में बार – बार हार का सामना किया हो, आप ऊँचे पद और प्रतिष्ठा पाने में असफल रहे हों, आप गरीब हों आदि इसका मतलब ये कतई नहीं की आप कुछ नहीं हो. यदि आप ऐसा सोंच रखते हैं तो आपका मानव होना व्यर्थ है. आप जहाँ हैं जैसे हैं वहीँ से उठ खड़े होने का प्रयास करें. आप मानव हैं इसलिए ख़ास हैं और आपमें भी कुछ ख़ास है जो संसार में अन्य किसी के पास नहीं है.

(14) अच्छे लोगों के संपर्क में रहें

हमेशा अच्छे लोगों के संपर्क में रहें और ऐसा कार्य करने से बचें जिससे आपको अपने परिवार या समाज में शर्मिंदा होना पड़े.

और अंतिम टिप्स (Self Confidence कैसे बढ़ायें) यही है कि आध्यात्मिक बनें, जीवों के प्रति करुणा रखें, सेवा भाव रखें यह गुण आपको शांति प्रदान करेगी.

अंतिम बात : निष्कर्ष

जो लोग आत्मविश्वासी होते है वैसे लोगों का कॉन्फिडेंस उनके हाव – भाव से ही झलकता है. आप एक योग्य व्यक्ति हैं फिर भी यदि आपमें कॉन्फिडेंस नहीं है तो उसे आप साबित नहीं कर सकते हैं इसीलिए खुद की काबिलियत पर आपको भरोषा करना सीखना होगा. अपने आप को मजबूत बनाइये क्योंकि किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए यह जरुरी है.

और एक महत्वपूर्ण बात “भय” एक ऐसा रोग है जो मनुष्य का बहुत बड़ा शत्रु है इसीलिए खुद के आत्मविश्वास को सबल बनाने के लिए उस कार्य को जरूर करें जिसे करने से आपको डर लगता है. अब आप पूछ सकते हैं कि इससे क्या होगा?

इसका उत्तर है कि कोई भी व्यक्ति उसी काम से दूर भागता है जहाँ वो समझता है कि यह कार्य मेरे वश में नहीं है, कहीं न कहीं वह खुद को कमजोर महसूस करने लग जाता है इसलिए वह घबराता है. किन्तु भागना समाधान नहीं है क्योंकि मानव जीवन में तो चुनौतियाँ आती ही रहेगी तो हम कब तक भागते रहेंगे? इसीलिए जरुरी है अपनी कमजोरियों को ही अपना ताकत बनाने की क्षमता हमें लाना होगा.

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Lal Anant Nath Shahdeo

मैं इस हिंदी ब्लॉग का संस्थापक हूँ जहाँ मैं नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए उपयोगी जानकारी प्रस्तुत करता हूँ. मैं अपनी शिक्षा की बात करूँ तो मैंने Accounts Hons. (B.Com) किया हुआ है और मैं पेशे से एक Accountant भी रहा हूँ.

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