How to stop unnecessary purchases in Hindi : फालतू ख़रीदारी को कैसे रोकें?

How to stop unnecessary purchases in Hindi : Shopping करना हमारी ज़िन्दगी का एक अहम् हिस्सा है. अपनी और अपने परिवार की जरूरतों को पूरी करने के लिए यह हमारा दायित्व भी है. अपनी बजट के अनुसार और जरूरतों को पूरी करने तक तो खरीदारी करना ठीक है किन्तु इस आधुनिक समय में जब आप अपने फ़ोन के स्क्रीन से ही मनचाहा चीजें खरीद सकते हैं तो ऐसी स्तिथि में ध्यान रखें की कहीं आप गैरजरुरत चीजों पर पैसे तो बर्बाद नहीं कर रहे हैं?

मैंने ऐसे बहुत से लोगों को देखा है जिनका अपनी खरीदारी पर कोई नियंत्रण नहीं है. वे पूरी तरह से shopping addict हो चुके हैं. ऐसे लोगों की कमाई का एक बहुत बड़ा हिस्सा अनावश्यक चीजों पर खर्च हो जाता है. महीने के अंत तक इनकी आर्थिक स्तिथि बिगड़ जाती है और ऐसे में जब वे अपने पैसों का हिसाब लगाते हैं तो इनका सर दर्द बढ़ जाता है.

कई बार लोग जिन चीजों को वहन करने में असमर्थ होते है फिर भी उन चीजों को अपने बजट से बाहर जाकर खरीद लेते हैं. ऐसा लोग क्यों करते हैं? इसका जवाब मैं देता हूँ कि बहुत से लोग अपने पड़ोसियों को, साथियों को दिखाने के लिए ऐसा करते हैं. जब हमारा पड़ोसी कोई बेहतर ब्रांड खरीद कर लाता है तो हम भी अपना प्रभाव जमाने के लिए उससे प्रतिस्पर्धा करते हैं, वास्तव में यह एक सामाजिक दुष्चक्र है.

इसतरह की झूठी शान दिखाकर अपना आर्थिक बजट बिगाड़ना कोई बुद्धिमानी का काम तो नहीं है. हमें अपनी आय के अनुसार ही व्यय करना सीखना चाहिए. सच ही कहा गया है “तेते पाँव पसारिए, जैती लाँबी सौर.”

क्रेडिट कार्ड का चलन, ऑनलाइन शॉपिंग के आसान तरीकों की उपलब्धता, आकर्षक डील्स आदि के चक्कर में पड़कर हम अपनी खरीदारी पर नियंत्रण नहीं कर पाते हैं. कभी – कभी तो ‘2 खरीदें और 1 मुफ्त पाएं’ के चक्कर में पड़कर हम वैसे सौदों में शामिल हो जाते हैं जिसकी हमें जरुरत ही न हो और तीन लेकर घर चले आते हैं.

Shopping करने के मामलों में महिलाएं ज्यादा बदनाम हैं और कुछ लोग जिन्हें पैसों की समझ और अहमियत पता नहीं होता है वैसे लोग फिजूलखर्ची पर नियंत्रण नहीं कर पाते हैं. जिन लोगों के पास पैसों की समझ होती है ऐसे लोग पहले अपने वित्त को मजबूत करने के बारे में सोंचते हैं, वित्तीय सलाहकारों से राय लेकर निवेश सम्बन्धी बातों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, इसके बाद ही अतिरिक्त पैसे को ही बजट अनुसार इधर – उधर खर्च करते हैं.

यदि आप भी खरीदारी के गंभीर आदी हो गए हैं और इसपर नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं जिस कारण से आपका बहुत सारा पैसा अनावश्यक रूप से खर्च हो जा रहा है तो आपको पेशेवर मदद की आवश्यकता हो सकती है. यह लेख अनावश्यक खरीदारी पर नियंत्रण के लिए मार्गदर्शन का काम करेगी इसलिए इस लेख के साथ कृपया अंत तक जरूर बने रहें.

Stop unnecessary purchases

यकीन मानिये, कई लोग ऐसे होते हैं जिन्हे खरीदारी की बहुत बुरी लत लग चुकी होती है वे हफ्ते के हर दुसरे – तीसरे दिन खरीदारी करते हैं या इसके बारे में सोंचते हैं. घंटों shopping sites पर चीजें ढूंढकर अपना समय बर्बाद करते हैं. यदि वीकेंड पर मॉल नहीं जा पाते हैं तो खालीपन महसूस करते हैं, इनका मन कहीं लगता नहीं है, वेवजह तनावग्रस्त हो जाते हैं.

यहाँ पर आपको एक बात समझना जरुरी है कि shopping करना कोई बुरी बात नहीं है किन्तु जब shopping करना किसी के लिए लत बन जाये अर्थात खरीदारी किये बिना वह रह न पाये तो यह बहुत बुरी बात है और इसके काऱण वित्तीय नुकसान तो होता ही है साथ ही वेवजह का तनाव भी आता है.

हम में से सभी लोग shopping करते ही हैं. कुछ लोग जब उदास होते हैं तो दोस्तों या परिवार के साथ खरीदारी के लिए जाते हैं. हाँ कभी-कभी दोस्तों या परिवार के साथ ऐसा कर रहे हैं तो यह बुरा नहीं है लेकिन नशे की लत की तरह जरुरत से ज्यादा shopping करना सिर्फ और सिर्फ अपने पैसों, समय की बर्बादी है. यह आपको खुशियां नहीं दे सकती है बल्कि इसके कारण आप अपने जीवन में तनाव ले आते हैं.

अवांछित खरीदारी से बचने के उपाय

यहाँ पर अवांछित खरीदारी से मेरा आशय है कि अक्सर उन चीजों को खरीद लेना जिसकी हमें जरुरत नहीं होती है किन्तु हम व्यर्थ में उन चीजों को खरीदकर अपने पैसे बर्बाद करते हैं. यदि आप वेवजह शॉपिंग पर लगाम लगाते हैं तो यह न केवल आपको फाइनेंसियल लाभ पहुंचता है बल्कि यह मानसिक रूप से भी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है.

वेवजह शॉपिंग पर लगाम लगाना चाहिए, यह तो सही है, लेकिन कैसे? आइये कुछ टिप्स पर अपनी नजर दौड़ाते हैं जिसकी मदद से हम अवांछित खरीदारी पर नियंत्रण ला सकते हैं –

  • अपनी पैसों की समझ बढायें, इसके लिए आप अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए निवेश करना सीखिए. आपके मासिक बजट से जो भी पैसा अधिक हो उस पैसों को आप अपनी जरुरत के हिसाब से कई तरीकों से invest कर सकते हैं.
  • पैसों की बचत और निवेश सम्बंधित बातों पर अपनी रूचि बढ़ाने के लिए आप व्यक्तिगत वित्त (Personal Finance) से सम्बंधित books पढ़ें. ऐसे कई कई बेहतरीन पुस्तकें मौजूद हैं जिसे पढ़कर आप अपने पैसों की समझ बढ़ा सकते हैं.
  • मानसिक कामकाज को प्रभावित करने में स्मार्टफोन का काफी योगदान रहा है इसलिए अपने स्मार्टफोन का कम इस्तेमाल करना सीखिए. अब आप सोंच रहे होंगे कि स्मार्टफोन का शॉपिंग से क्या कनेक्शन है तो याद रखें स्मार्टफोन का कम उपयोग करने से आप आत्म नियंत्रण फिर से स्थापित कर सकते हैं और अपने दैनिक कार्य समझदारी से कर सकते हैं. अब आप ही बताइये अनावश्यक वस्तुओं पर पैसे खर्च करना कहाँ की समझदारी है.
  • संभव हो सके तो क्रेडिट या डेबिट कार्ड का उपयोग करने के बदले cash का इस्तेमाल करें. जब हम क्रेडिट या डेबिट कार्ड का उपयोग करते हैं तो हमारा आवेग में आकर ज्यादा खर्च करने की संभावना बढ़ जाती है. ज्यादातर समय खरीदारी करने के लिए नकदी का उपयोग करने का प्रयास करें इससे आवेगपूर्ण खरीदारी से बचा जा सकता है.
  • व्यक्तिगत वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक सूचि तैयार करें और उसके लिए बचत करने का प्रयास करें. हर किसी का व्यक्तिगत वित्तीय लक्ष्य अलग – अलग हो सकता है जैसे कोई विद्यार्थी अपने पॉकेट मनी से पैसे बचाकर अपने लिए एक लैपटॉप प्लान कर सकता है.
  • Society Pressure को खुद पर हावी न होने दें अर्थात अपने साथियों या पड़ोसियों को यह दिखाने के लिए उस सामान को न खरीदें जिसे आप वहन (afford) नहीं कर सकते हैं.
  • यदि आपके पास निवेश के बारे में कोई विचार नहीं है और यह नहीं पता कि पैसे का क्या करना है तो किसी पेशेवर की मदद लीजिये. यदि किसी कारणवश आपकी आय बढ़ गयी हो तो याद रखिये पैसे से पैसा बनाया जा सकता है और उसका एकमात्र फॉर्मूला है – “निवेश.”
  • सेल्स मैन को ना कहना सीखिए क्योंकि इनका काम ही है किसी भी तरह से ग्राहकों को बहला फुसलाकर अपने सामान की बिक्री करवाना. इस क्षेत्र में ये बहुत मंझे हुए खिलाड़ी होते हैं और ग्राहक की नब्ज आसानी से टटोल सकते हैं. ये अपनी बातों पर आसानी से आपको बहका सकते हैं. ऐसे वक़्त में यह ध्यान रखिये कि जिस चीज को आप खरीदने जा रहे हैं वास्तव में वो चीज आपके जरुरत की है या नहीं है.
  • कभी भी shopping करने जाने से पहले यह सुनिश्चित कर लें की जिन चीजों की आवश्यकता आपको सबसे ज्यादा है उसी चीज को पहले प्राथमिकता दें. खरीदारी के लिए जाने से पहले अपनी बजट को जरूर जांच लें यह आपको उचित निर्णय लेने में मदद करेगा.
  • अपनी बजट बनायें और उसपर टिके रहें. वैसे लोगों के लिए मासिक बजट महत्वहीन होते हैं जिनके पास बहुत सारा पैसा होता है. ऐसे लोग किसी बजट पर बंधें हुए नहीं होते हैं. बजट बनाने का वास्तविक अर्थ होता है कि आप अपने मेहनत से कमाये हुए पैसों को उन चीजों पर खर्च करेंगे जिनकी आपको वास्तव में जरूरत है. एक बजट के अंतर्गत आप विभिन्न मासिक जरूरतों के लिए धन का एक निश्चित अनुपात आवंटित करने का हिसाब बैठाते हैं.
  • यदि आप अपनी वित्तीय भलाई पर खुद ध्यान केंद्रित नहीं करेंगे तो कोई दूसरा आपके लिए यह नहीं करेगा. कई बार ऐसा होता है कि जो चीज हमें पसंद नहीं हो फिर भी हम उस महत्वहीन और अप्रासंगिक चीज खरीद लेते हैं, केवल इसलिए कि वह चीज पहले से हमारे दोस्तों या सहकर्मियों के पास मौजूद होती है.

अन्य महत्वपूर्ण बातें

यदि आप वास्तव में अनावश्यक वस्तुओं को खरीदने से खुद को रोकना चाहते है तो इसका सबसे कारगर तरीकों में से एक है कि आप अपने खर्च करने की आदतों को ट्रैक करना सीखें. इस आवेगपूर्ण खरीदारी के पीछे का मनोविज्ञान को समझने का प्रयास करें. क्या आप बाजार में आये नए technology या फैशन से सम्बंधित चीजों को देखते ही तुरंत उसे पाने के लिए उत्तेजित तो नहीं हो रहे हैं?

जीवन में पैसों का महत्व को भी समझना सीखिए क्योंकि विपरीत परिस्तिथि से निपटने के लिए यह सबसे बड़ा सहायक है. इसलिए ध्यान दीजिये कि आप अपने एक बड़े वित्तीय लक्ष्य के लिए बचत कर पाने में सक्षम हो पा रहे हैं अथवा नहीं.

Lal Anant Nath Shahdeo

मैं इस हिंदी ब्लॉग का संस्थापक हूँ जहाँ मैं नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए उपयोगी जानकारी प्रस्तुत करता हूँ. मैं अपनी शिक्षा की बात करूँ तो मैंने Accounts Hons. (B.Com) किया हुआ है और मैं पेशे से एक Accountant भी रहा हूँ.

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