Nifty क्या है? – यदि आपसे पुछा जाए कि आप किसी देश की economy की health कैसे पता कर सकते हैं तो आपके पास क्या जवाब होगा? इसके लिए आप उस देश की stock market को track कर सकते हैं. अपने देश भारत की यदि बात करें तो आप sensex और nifty से stock market को track कर सकते हैं. यदि आप शेयर बाजार में रुचि रखते हैं तो आप लगातार NSE और Nifty जैसे शब्दों से रूबरू होते होंगे.
हमारे देश भारत के अन्दर sensex और nifty दो major indexes हैं stock market के. जहाँ Sensex sensitive Index का short form है और Nifty national 50 का.
Sensex 30 shares पर आधारित है जब की Nifty 50 शेयरों पर आधारित है इसतरह निफ्टी market की स्तिथि को बड़े पैमाने पर प्रतिनिधित्व करता है.
Sensex BSE (Bombay Stock Exchange) का major index है और Nifty NSE (National Stock Exchange) का major index है. चलिए विस्तारपूर्वक समझते हैं कि Nifty क्या है (What is Nifty in Hindi) तथा इसकी गणना कैसे की जाती है.
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Nifty क्या है? (What is Nifty in Hindi)
निफ्टी को निफ्टी 50 निफ्टी के रूप में भी जाना जाता है, जो National और Fifty के combination से बना है. Nifty 50 NSE (National Stock Exchange) का major index है जहाँ 50 का मतलब होता है top 50 shares. ये 50 shares National Stock Exchange पर listed होते हैं.
सरल शब्दों में यदि कहा जाये तो निफ्टी 50 प्रमुख शेयरों का Index (सूचकांक) है. निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) द्वारा शुरू किया गया एक लोकप्रिय स्टॉक मार्केट इंडेक्स है. निफ्टी शेयर बाजार का एक बेंचमार्क इंडेक्स है जो पूरे शेयर बाजार की हाल बताता है. इसे देखकर बताया जा सकता है कि शेयर बाजार ऊपर है या नीचे.
निफ्टी की तरह सेंसेक्स भी शेयर बाजार का हाल बताता है। आपको बता दें कि भारतीय शेयर बाजार में दो इंडेक्स होते हैं सेंसेक्स और निफ्टी. यहाँ different sectors के शीर्ष पचास कम्पनियाँ शामिल हैं तथा इसकी गणना विभिन्न क्षेत्रों के शीर्ष शेयरों के प्रदर्शन से की जाती है.
निफ्टी की गणना कैसे की जाती है?
Nifty की गणना करने के निम्न प्रमुख कारक हैं जिन्हें धयान रखा जाना चाहिए:
- आधार वर्ष (base year) – 1995
- आधार मूल्य (base value) – 1000
आधार वर्ष का मतलब यह होता है कि इस समय स्टॉक market आधार वर्ष के मुकाबले कहाँ पर है. यहाँ पर इसे एक उदाहरण के द्वारा समझने का प्रयास करते हैं –
मान लेते हैं कि Nifty 8500 है तो इसका मतलब क्या हुआ? इसका मतलब हुआ कि आधार वर्ष 1995 के मुकाबले निफ्टी में 8.5 गुना वृद्धि हुई. ध्यान रहे दिन – भर के ट्रेडिंग के दौरान आंकड़ा घटता – बढ़ता रहता है. Nifty का calculation समझने के लिए पहले हमें समझना होगा कि
- Market Capitalization क्या है?
- Free Float Market Capitalization क्या है? और
- Index Value
Market Capitalization क्या होता है?
Market Capitalization कंपनी द्वारा जारी किये गये total shares तो उस share के बाज़ार भाव से गुणा करके निकाला जाता है अर्थात – Market Capitalization = Total number of shares Χ Market Price Per Share
मान लेते हैं कि किसी कंपनी के द्वारा 10 रुपया face value के 1000 shares जारी किये गये तो कंपनी की total capital हुई – 10 Χ 1000 = 10000. अब आगे समझते हैं :
Free Float Market Capitalization क्या है?
हम ऊपर देख चुके हैं कि कंपनी का shares 1000 हैं जिसमें से मान लेते हैं promoters का हिस्सा 200 shares है तो Free Float Market Capitalization इसप्रकार होगा –
Free Float Market Capitalization – Share Price x (Total number of shares issued – Number of shares not available for trading) अर्थात :
10 x (1000 – 200) = 800
चलिए अब आगे देखते हैं –
मान लेते हैं X और Y दो कम्पनियाँ हैं. X के पास 1000 shares हैं जिसमें से promoters hold 200 शेयर्स हैं और बाकी 800 active trading के लिए उपलब्ध है. प्रति शेयर कीमत 10 रुपया है. इसीप्रकार Y के पास 2000 shares हैं और इसके promoters 1000 हैं और बाकी के 1000 फ्री-फ्लोटिंग हैं. प्रति शेयर कीमत 20 रुपया है –
- X का कूल market capital = 1,000 x 10 = 10,000
- Free-float market capital = 800 x 10 = 8,000
- Y का कूल market capital = 2,000 x 20 = 40,000
- Free-float market capital = 1000 x 20 = 20,000
- इसतरह कुल Free-float market capital हो गया X + Y = (8,000+20,000) 28,000
अब nifty निकालने के लिए मान लेते हैं कि आधार वर्ष 1995 का Index 1000 और Market Cap Rs. 5000 था तो –
Nifty = 28,000 x 1000/5,000 = 5,600 (Total free float market cap x Index value in 1995/Market Cap in 1995)
Final Word,
निफ्टी क्या है (What is Nifty in Hindi) और इसे कैसे गिनते हैं इस बारे में तो आप समझ ही गये होंगे. क्योंकि यह 50 सर्वोच्च शेयरों पर आधारित है और और इसके जरिये हम बाज़ार के हाल को समझ सकते हैं. यदि निफ्टी में तेजी है तो बाज़ार में भी तेजी है ऐसा माना जा सकता है और यदि इसमें गिरावट है तो यह माना जा सकता है कि बाज़ार में भी गिरावट है.
इसे एक और उदहारण के द्वारा समझ लेते हैं जैसे कि मान लेते हैं आज nifty का मूल्य 15000 है तो हम कह सकते हैं कि इसके shares की कीमत 1995 के मुकाबले 1500 प्रतिशत बढ़ चुकी है.