Working capital क्या है? – दोस्तों, किसी भी बिजनेस के लिए वर्किंग कैपिटल बहुत जरूरी होता है। कई बार ऐसा देखा गया है कि कई कंपनियां शुरू तो हो जाती हैं लेकिन कुछ समय बाद अचानक बंद हो जाती हैं। यह समस्या स्टार्ट-अप क्षेत्र में व्यापक है। ऐसा तभी होता है जब कंपनी में रोजाना के खर्चों को पूरा करने का मैनेजमेंट ठीक से नहीं किया जाता है।
बिजनेस के अंदर रोजाना कई तरह के खर्चे आते हैं जैसे- कच्चा माल खरीदना, पानी, बिजली, बिलों का भुगतान, ट्रांसपोर्ट खर्च आदि और जब यह सब ठीक से नहीं किया गया तो एक दिन कंपनी अचानक बंद हो सकती है। यह सब कार्यशील पूंजी की समझ के अभाव में आता है।
किसी भी बिजनेस को अगर सुचारू रूप से चलाना है तो वर्किंग कैपिटल को समझना बहुत जरूरी है क्योंकि यह किसी बिजनेस में लगाने के लिए वह पूँजी होता है जो उस बिजनेस के रोजाना के काम के लिए जरूरी है। व्यवसाय को बिना किसी बाधा के निरंतर चलाने के लिए यह बहुत आवश्यक है।
अगर आप भी वर्किंग कैपिटल इसे समझना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक ध्यान से पढ़ें। तो आइये जानते हैं कि वर्किंग कैपिटल क्या है तथा यह हमारे business के लिए कितना महत्वपूर्ण है।
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Working capital क्या है?
वो Amount जो हमें day to day business operations को चलाने के लिए जरुरत होती है, Working Capital कहलाता है। Daily business operations के लिए जैसे कच्चे माल की खरीद से लेकर उसकी बिक्री तक बहुत सारे धन की जरूरत पड़ती है और ऐसे ही परिस्थितियों के लिए Working Capital बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाती है।
किसी भी व्यवसाय के दैनिक कार्यों को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक पूंजी को वर्किंग कैपिटल के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा बिजनेस का विस्तार करने के लिए भी बेहद जरूरी होता है।
Working Capital को हिंदी में क्या कहते हैं?
Working Capital जिसे हिंदी में कार्यशील पूंजी कहा जाता है. आपको बता दें कि जिस कंपनी के पास अधिक कार्यशील पूंजी होगी, वह अधिक उत्पादन कर सकेगी, अधिक लाभ कमा सकेगी और उसका टर्नओवर भी अधिक होगा।
वर्किंग कैपिटल फॉर्मूला
वर्किंग कैपिटल कैसे निकाला जाता है –
Working Capital = Current Assets – Current Liabilities
कार्यशील पूंजी = वर्तमान संपत्ति – वर्तमान देयताएं
कार्यशील पूंजी की गणना कंपनी की बैलेंस शीट पर सूचीबद्ध वर्तमान परिसंपत्तियों (Current Assets) से वर्तमान देनदारियों (Current Liabilities) को घटाकर की जाती है।
Working Capital का महत्त्व
Business शुरू करने से पहले इसे समझना बेहद जरुरी है। किसी भी business के अंदर वर्किंग कैपिटल बहुत ही महत्वपूर्ण है। व्यापर को smoothly run करने के लिए हमारे पास ऐसा पैसा होना चाहिये जिसे हम जब चाहे खर्च कर सके।
कोई भी व्यापर के अंदर बहुत सारी उतार -चढ़ाव होती है। व्यापार को smoothly run करने के लिए उसको analyse करने की जरूरत पड़ती है जहाँ हमे वर्किंग कैपिटल हमारी मदद करता है।
कोई भी सफल व्यापारी working capital management जरूर करता है। जिन कंपनियों का वर्किंग कैपिटल management ठीक से नहीं होता है वैसी कम्पनियाँ बंद पड़ जाती है।
Working capital का प्रबंधन क्यों जरुरी है?
हमें किसी भी प्रकार का व्यापार शुरू करने से पहले पुरे finance की understanding बनानी पड़ती है। यदि आप day to day business operations के लिए finance manage नहीं कर सकते है तो आप कभी भी व्यापार में सफल नहीं हो सकते हैं। Working capital management के बिना हो सकता है की creditors आपका पीछा ना छोड़े।
Working capital management हमारे लिए इतना जरुरी है की यह हमे bankrupt होने से बचा सकती है। Liquidity की problem से यदि बचना है तो हमें वर्किंग कैपिटल को manage करना अतिआवश्यक है। समस्या रहित व्यापर की परिचालन हेतु Working capital बेहद जरुरी है।
व्यापार के लिए वर्किंग कैपिटल क्यों आवश्यक है?
आप यह कतई नहीं सोचें की व्यापर छोटा है या बड़ा या वर्किंग कैपिटल केवल बड़े व्यापार के लिए ही जरुरी होता है। यदि आप कोई व्यापार में संलग्न हैं या भविष्य में कोई व्यापार करना चाहते हैं तो इसकी महत्व को समझें यह किसी भी व्यापार के लिए चाहे वो छोटा हो या बड़ा हो बेहद महत्वपूर्ण है।
आप खुद से सोंचे अगर आप अपने व्यापार के दैनिक कार्यों को सही से नहीं कर पाएंगे तो आपका व्यापार का आनेवाला भविष्य कैसा होगा।
व्यापार के दैनिक कार्यों को सुचारु रूप से चलने के लिए जिस पूंजी की आवश्यकता होती है उसे ही हम Working capital के नाम से जानते हैं। इतना ही नहीं की केवल व्यापार के दैनिक कार्यों को ही सुचारू रूप से चलाने के लिए बल्कि व्यापार के विस्तार करने के लिए भी Working capital हमारे व्यापार में प्रयाप्त मात्रा में होना चाहिये।
इसकी मदद से किसी भी व्यापार की short term finance को समझा जा सकता है। यह Current Assets और Current Liabilities के बीच का अंतर होता है या साधारण भाषा में कहें तो यह वर्तमान संपत्ति और वर्तमान दायित्व के बिच का अंतर होता है जहाँ दायित्व का मतलब उन भुगतानों से है जो हमें देने हैं।
Working capital operating cycle क्या है?
Working capital को अच्छे से समझने के लिए हमे वर्किंग कैपिटल operating cycle को समझना पड़ेगा। इसे cash to cash cycle भी कहते हैं। आप जानते ही होंगे की किसी भी तरह का production की शुरुआत कच्चे माल की खरीद के साथ शुरू होती है जिसके लिए आपको cash की जरूरत पड़ेगी।
उसके बाद उत्पादन का कार्य होता है जिसे हम work in progress के नाम से भी जानते हैं। उत्पादन जब हो जाता है तो उसे हम finished goods कहते हैं और उसके बाद sales का कार्य शुरू होता है।
यहाँ पर धयान देने वाली बात यह है की जब हम उत्पादित माल को sale करते हैं तो पैसा हमे तुरंत नहीं मिलता है, इसका कुछ टाइम पीरियड होता है उसके बाद ही हमें cash प्राप्त होगा।
तो cash से लेकर cash मिलने तक का पुरे process को ही Working capital operating cycle कहते हैं। अब ध्यान देने वाली बात यह है की cash से लेकर cash मिलने तक का पुरे process के बीच जो खर्चे होंगे उसकी पूर्ति आपको ही करने होंगे।
PURCHASE OF RAW MATERIAL – MANUFACTURING – FINISHED GOODS – SELLING इस पुरे processing के दौरान बिक्री किये गए माल से cash प्राप्त होने तक का सारा खर्चों का निर्वहन आपको स्वयं करना होगा।
आशा है आज के article (Working capital in hindi) में आप समझ ही गए होंगे की Working Capital क्या है और यह हमारे व्यापार के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है। Working capital operating cycle को अच्छे से समझने के लिए आप comment box पर comment कर सकते हैं। मैं यथाशीघ्र आपके सवालों का बेहतर जवाब देने का प्रयास करूँगा।
Bhai blog mujhe v likhne ka soq h…I am also a accountant in Bhagalpur Bihar. By the way nice blog for my M com syllabus