World Population Day2023- क्या आप जानते हैं कि विश्व के दीर्घकालिक विकास और संसाधनों के समान वितरण के लिए जनसंख्या नियंत्रण नितांत आवश्यक है. आंकड़ों के मुताबिक देश के अंदर अप्रत्याशित रूप से बढ़ती आबादी ने हमारे विकास को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है.
दुनियाभर में बढ़ती जनसंख्या के कारण होने वाले नकारात्मक परिणामों की ओर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करने के लिए हर साल विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है, जिसकी स्थापना 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की गवर्निंग काउंसिल द्वारा की गई थी.
बढ़ती जनसंख्या पर समय रहते लगाम लगाना आवश्यक है क्योंकि यह किसी भी राष्ट्र के विकास में बाधा उत्पन्न करती है, जिसके कारण गरीबी, भुखमरी, अशिक्षा, बेरोजगारी आदि समस्याएँ उत्पन्न होती हैं. विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य बढ़ती जनसंख्या से होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक करना और उनका ध्यान इस ओर आकर्षित करना है.
आज के इस आर्टिकल में हम आपको विश्व जनसंख्या दिवस के बारे में विस्तार से बताएंगे.
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World Population Day क्यों मनाया जाता है?
जब हम जनसंख्या की बात करते हैं तो इसका मतलब होता है कि एक सीमित क्षेत्र में रहने वाले लोगों की संख्या और जनसंख्या वृद्धि का मतलब है जब किसी विशेष क्षेत्र में रहने वाले लोगों की संख्या आवश्यकता से अधिक हो जाती है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बढ़ती जनसंख्या के कारण भूख, गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी जैसी समस्याएं बढ़ती हैं. यदि लगातार बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण नहीं किया गया तो यह गंभीर चिंता का विषय बन सकता है.
वर्ष 1987 में विश्व की जनसंख्या 5 अरब का आंकड़ा पार कर चुकी थी. अनियंत्रित रूप से बढ़ती जनसंख्या के कारण हमारी पृथ्वी के पर्यावरण और विकास पर पड़ने वाले प्रभाव जैसी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए पूरे विश्व को इसके प्रति जागरूक होना आवश्यक था.
ऐसे में पूरी दुनिया को जागरूक करने के उद्देश्य से जनसंख्या दिवस मनाने की शुरुआत की गई, जो हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस (World Population Day) के रूप में मनाया जाता है.
World Population Day मनाने का उद्देश्य
विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य जनसंख्या संबंधी समस्याओं पर वैश्विक स्तर पर लोगों को जागरूक करना है. इसके माध्यम से विभिन्न जनसंख्या मुद्दों जैसे लैंगिक समानता, परिवार नियोजन, गरीबी, मातृ स्वास्थ्य और मानवाधिकार आदि विषयों पर गंभीरता से विचार किया जाता है.
World Population Day का इतिहास
इसकी शुरुआत 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की गवर्निंग काउंसिल द्वारा की गई थी, इस प्रकार पहली बार 11 जुलाई 1989 को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया गया, जिसमें जनसंख्या को नियंत्रित करने और लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में एक कार्यक्रम चलाया गया.
World Population Day 2023 Theme
संयुक्त राष्ट्र परिषद हर साल विश्व जनसंख्या दिवस की थीम तय करती है और यूएनएफपीए के मुताबिक, इस साल विश्व जनसंख्या दिवस पर विशेष ध्यान इस बात पर है कि महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य और अधिकारों की रक्षा कैसे की जाए और COVID-19 को कैसे रोका जाए.
World Population Day कैसे मनाया जाता है?
विश्व जनसंख्या दिवस पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जैसे शैक्षिक सत्र, सेमिनार, विचार-विमर्श, प्रतियोगिताएँ, नारे, वाद-विवाद, गीत आदि. यह एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम है जिसमें विभिन्न देश, संगठन भाग लेते हैं और संबंधित प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं और इसके प्रति समाज में जागरूकता फैलते हैं.
Final Words,
चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है और अगर भारत की जनसंख्या इसी दर से बढ़ती रही तो यह चीन से भी आगे निकल जाएगा. ऐसे में आप भी अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां की जनसंख्या पर नियंत्रण करना कितना जरूरी है.
अगर विश्व की जनसंख्या की बात करें तो यह लगभग 7.7 बिलियन है और वर्ष 2030 में इसके लगभग 8.5 बिलियन होने की संभावना है. यदि इसे वैश्विक स्तर पर नियंत्रित नहीं किया गया तो आने वाली पीढ़ियों पर इसका दूरगामी प्रभाव पड़ेगा. बढ़ती जनसंख्या के कारण एक बड़ी आबादी रोजगार,अच्छी स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, आवास, स्वच्छता, भोजन, पानी और ऊर्जा से वंचित हो सकती है.
जनसंख्या नियंत्रण एक महत्वपूर्ण कदम है और इसीलिए लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है.