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शेयर बाजार एक ऐसा मैदान है जहाँ कुछ लोग करोड़ों कमाते हैं और कुछ लोग अपना पूरा पैसा गँवा बैठते हैं. लेकिन फर्क सिर्फ एक चीज़ का होता है – सही जानकारी. जिनके पास पर्याप्त जानकारी होती है वो सफल होते हैं और जिनके पास पर्याप्त जानकारी का अभाव होता है वो बहुत बड़ी लॉस करते हैं.
हर निवेशक का मकसद अलग होता है – कोई जल्दी मुनाफा चाहता है, तो कोई लंबे समय के लिए सुरक्षित निवेश करता है. लेकिन एक बात सभी पर लागू होती है – बिना समझ के निवेश करना खतरे से खाली नहीं होता.
बाज़ार के जोखिमों से बचा जा सकता है किन्तु इसके लिए आपको अधिक से अधिक जानकारी एकत्र करने की जरुरत होगी. जो नए निवेशक होते हैं बिना सोंचे समझे कदम उठा लेते हैं जिसका खामियाजा उनको उठाना पड़ता है.Sharemarket में निवेश risky होता है इसलिए इसमें निवेश करने से पहले इसके हर पहलु से अवगत होना अनिवार्य है.
अगर आप भी शेयर मार्केट में अपने पैसे को बढ़ाना चाहते हैं, तो पहले इन 10+ ज़रूरी टिप्स को समझिए. ये खासकर नए निवेशकों के लिए बेहद काम की हैं.
शुरूआती लोगों के लिए share बाज़ार में प्रवेश करना थोड़ी मुश्किल काम हो सकता है क्योंकि इसके लिए सबसे पहले आपको Demat और Trading account खोलना पड़ेगा, कुछ documentation प्रक्रिया से भी गुजरना होगा और बाज़ार का जो जोखिम होगा वह अलग.
इसलिए आपके लिए मेरे हिसाब से पहला tips यही है कि सबसे पहले बिना पैसा खर्च किये trading करना सीखें और इसके लिए आप वर्चुअल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का चुनाव कर सकते हैं. यह एक आभाषी स्टॉक ट्रेडिंग है जो वास्तविक ट्रेडिंग के सामान है जहाँ आप स्टॉक खरीद और बेच सकते हैं.
यहाँ आप वास्तविक पैसों की जगह आभाषी पैसों से निवेश करके सीखते हैं अर्थात यहाँ आपको वास्तविक बाज़ार के सौदे डेमो मोड में करने का अवसर प्राप्त होता है. भारत में आभासी स्टॉक ट्रेडिंग सीखने के लिए कुछ श्रेष्ठ sites के नाम निचे दी गयी है.
• Moneybhai
• Trakinvest
• NSE Paathshala
• Dalal Street
किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले आपको उसके उत्पादों और उसकी कार्यप्रणाली को समझना अतिआवश्यक है. उसी कंपनी की ओर धयान देना चाहिए जो आर्थिक रूप से मजबूत हो.
अगर आप शेयर बाजार में निवेश करना शुरू कर रहे हैं तो हमेशा सरप्लस फंड का ही निवेश करें. कहीं ऐसा न हो कि निवेश के चक्कर में आप कर्ज में ही फंस जाएं. बाजार में अपने खर्चों और अन्य जरूरतों को पूरा करने के बाद जो पैसा बचा है उसे निवेश करें. निवेश में लाभ मिलेगा इसकी गारंटी कोई नहीं दे सकता इसलिए कभी भी कर्ज लेकर निवेश न करें.
लोन लेकर या इमरजेंसी फंड लगाकर शेयर खरीदना गलत रणनीति है.
Short term investment जैसे Intra-day trading ज्यादा लाभ दे सकता है किन्तु इसमें ज्यादा जोखिम भी आपको उठाना पड़ता है. बाज़ार में तेजी और मंदी का दौर चलता ही रहता है और यहाँ कुछ भी निश्चित नहीं होता है. बहुत हद तक संभव है कि तेजी के माहौल में घटिया शेयर का भी अच्छा प्रदर्शन हो और मंदी के दौर में बढ़िया शेयर भी निचे की और लुढ़क जाए.
यदि आप कम जोखिम उठाना चाहते हैं तो long term investment पर ध्यान केन्द्रित करें और कम से कम तीन वर्ष के लिए निवेश करें. यदि कंपनी का growth तेजी से हुआ तो आपको भी इसका लाभ पहुंचेगा. स्टॉक मार्केट की जानकारों की मानें तो वो भी लम्बी अवधि के निवेश पर विश्वास करते हैं.
हम सभी जानते हैं कि बाज़ार में रोज चढ़ाव – उतराव होते रहते हैं और जब आप लम्बी अवधि के लिए निवेश करते हैं तो बाज़ार में होनेवाले रोज के उतार चढ़ाव से आपको घबराने की जरुरत नहीं होती है. इसके साथ ही आपको tax free dividend और लाभ प्राप्त होता है.
किसी एक प्रकार के कंपनी का share एक ही बार में ढेर सारा खरीदने से बचें और अलग – अलग sector के कंपनियों का share थोडा – थोडा खरीदें. आप चाहें तो अलग – अलग आकार के मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनियों जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्माल कैप कंपनियों के अनुसार भी diversify कर सकते हैं.
शेयर बाजार में निवेश करते समय मजबूत और प्रतिष्ठित कंपनियों को ही तरजीह दें क्योंकि ये कंपनियां शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव को झेलने में सक्षम होती हैं. वे बाजार में उतार-चढ़ाव के अधीन हैं लेकिन ये कंपनियां उनका सामना कर सकती हैं. साथ ही, ये लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न देते हैं और निवेशकों को अधिक लिक्विडिटी प्रदान करते हैं.
बाजार से पैसा बनाने का एक अच्छा तरीका यह है कि हमेशा फंडामेंटल मेथड से निवेश करने की कोशिश करें और अटकलों के आधार पर निर्णय लेने से बचें. हमेशा कंपनी की ताकत पर ध्यान देना चाहिए न कि शेयर की कीमत पर. याद रखें कि कम कीमत वाला स्टॉक हमेशा लाभदायक नहीं हो सकता है.
लालच और डर से आपको बाजार में भारी नुकसान हो सकता है इसलिए हर निवेशक को इसे नियंत्रित करना सीखना चाहिए. कहा जाता है कि शेयर बाजार अत्यधिक अस्थिर है, कई पुराने निवेशक भी बाजार की चाल को ठीक से समझ नहीं पाते हैं, तो नए निवेशकों का क्या?
जब बाजार में तेजी होती है, तो व्यापारी अधिक आकर्षित होते हैं और उस दौरान वे दौरान गलत शेयरों में निवेश करते देते हैं. बाजार की स्थितियों की अपेक्षाओं से कभी भी लालची न बनें.
अगर आप शेयर बाजार में नुकसान से बचना चाहते हैं तो पेनी स्टॉक में निवेश करने से भी बचना चाहिए. अक्सर ऐसा होता है कि जो नए निवेशक होते हैं, वे कम कीमत वाले शेयर खरीदने के चक्कर में घटिया शेयरों में निवेश कर देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है.
छोटे निवेशक ऐसे शेयरों की ओर आकर्षित होते हैं. इसलिए अगर आप नए हैं तो पेनी स्टॉक्स से दूरी बनाकर रखें और इसके बदले कोशिश करें कि हमेशा मजबूत फंडामेंटल वाले स्टॉक्स में पैसा लगाएं.
अगर आप इस क्षेत्र में नए हैं तो ट्रेंड के विपरीत जाकर निवेश करना नुकसानदेह साबित हो सकता है इसलिए प्रमुख ट्रेंड का पालन करने का प्रयास करें. आपको यह समझना होगा कि कभी बाजार में तेजी आ सकती है, जिसे अपट्रेंड कहते हैं, कभी-कभी मंदी हो सकती है, जिसे डाउनट्रेंड कहते हैं और जब बाजार सपाट चलता है, यानी उसी में चलता रहता है रेंज, तो इसे साइडवेज मार्केट कहा जाता है.
एक निवेशक को फंडामेंटल एनालिसिस के साथ-साथ टेक्निकल एनालिसिस करना भी आना चाहिए नहीं तो शेयर बाजार में भारी नुकसान हो सकता है. तकनीकी विश्लेषण मूल रूप से आपको स्टॉक, इंडेक्स, मुद्रा या कमोडिटी की दिशा बताता है. यह विशेषज्ञों द्वारा स्टॉक चार्ट, कैंडलस्टिक चार्ट और स्टॉक टिकर जैसे उपकरणों का उपयोग किया जाता है.
बिना सीखे बाजार में उतरना मतलब बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाना. शुरुआत में आप virtual trading से अभ्यास करें। इससे आप बिना पैसे गंवाए सीख सकते हैं. सबसे पहली बात आप अपने दिमाग में बैठा लीजिये कि आप देखकर या कुछ tips पढ़कर एक्सपर्ट बन जायेंगे, ऐसा नहीं हो सकता है. बाज़ार के बारे में अनुमान लगाना एक कठिन काम है.
आपने जो बातें सैद्धांतिक तरीके से सीखा है वही व्यावहारिक तौर पर भी लागू हो यह आवश्यक नहीं है.इसके आलावा आपको business से सम्बंधित अखबार पढ़ना चाहिए या इससे सम्बंधित news भी देख सकते हैं जो आपकी समझ को बढाने में मददगार होगा.
दूसरों के बताये अनुसार उस कंपनी में कभी भी निवेश मत कीजिये जिसके बारे में आप नहीं जानते हैं. शुरुआत में आप उसी कंपनी का शेयर खरीदें जिसके बारे में आप जानते हैं. साधारण शब्दों में कहें तो उसी कंपनी से शुरुआत करें जिस कंपनी की products हमारे दैनिक जीवन में उपयोग किये जाते हैं.
कई लोग ऐसे होते हैं जो लालच में आकर गलत कदम उठा लेते हैं जिसका खामियाजा उन्हें उठाना पड़ता है. अपने जरुरत के पैसों को निवेश करने से बचना चाहिए और उसी धन को निवेश करना चाहिए जो अतिरिक्त हो.Short-term trading में रिस्क ज़्यादा होता है.अगर आप stable और consistent returns चाहते हैं, तो कम से कम 3 साल के नजरिए से निवेश करें.
सारे अंडे एक ही टोकरी में मत रखें यानी सिर्फ एक कंपनी या एक सेक्टर पर दांव न लगाएं. अपने निवेश को diversify करें – Large Cap, Mid Cap, Small Cap सभी में थोड़ा-थोड़ा लगाएं.Bluechip कंपनियाँ (जैसे – Reliance, Infosys, HDFC) बाजार के उतार-चढ़ाव को बेहतर संभाल सकती हैं. ये आपके निवेश को भी सुरक्षित रखती हैं.Low price stocks हमेशा फायदेमंद नहीं होते.
कंपनी के फंडामेंटल्स – जैसे revenue, profit, debt – पर ज़्यादा ध्यान दें.लालच में आकर जबरदस्ती खरीदना और डर के कारण घाटे में बेचना – दोनों ही गलतियां नुकसानदायक हैं. खुद को मानसिक रूप से तैयार करें.कम दाम के शेयर खरीदने के चक्कर में लोग घटिया कंपनियों में पैसा फंसा लेते हैं.
नए निवेशकों को इनसे दूरी बनाकर रखनी चाहिए.बाजार में क्या चल रहा है – ये समझना जरूरी है.
अपट्रेंड, डाउनट्रेंड और साइडवेज ट्रेंड को जानें और उसी हिसाब से अपनी रणनीति बनाएं.Technical analysis से आप ये जान सकते हैं कि कोई स्टॉक आगे कैसा प्रदर्शन करेगा. इसके लिए Candlestick Charts, RSI, Moving Average जैसे टूल्स का इस्तेमाल होता है.
Diversification ही शेयर बाजार का मंत्र है. निवेश को बैलेंस करने के लिए थोड़ा पैसा mutual funds, fixed deposits, और gold में भी लगाएं.हर व्यक्ति की जोखिम उठाने की क्षमता अलग होती है.
दूसरों को देखकर नहीं, बल्कि अपनी समझ और लक्ष्य के अनुसार निवेश करें.अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे शेयर करना न भूलें और अपने सवाल कमेंट में पूछें. अगली बार हम बताएंगे – शेयर मार्केट में Demat खाता कैसे खोलें और सही ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म कैसे चुनें.
डिस्क्लेमर: मैं कोई SEBI पंजीकृत वित्तीय सलाहकार नहीं हूँ. इस ब्लॉग में दी गई जानकारी केवल शिक्षात्मक और सामान्य जानकारी के उद्देश्य से साझा की गई है. कृपया किसी भी निवेश निर्णय से पहले खुद शोध करें या किसी प्रमाणित वित्तीय सलाहकार से सलाह लें. शेयर बाजार में निवेश जोखिम भरा होता है, और निवेशक को अपनी जिम्मेदारी पर ही निवेश करना चाहिए.
The Japanese call it Hanakotoba, and King Charles II brought it to Sweden from Persia in the 17th century. Read More