शेयर बाजार एक ऐसा मैदान है जहाँ कुछ लोग करोड़ों कमाते हैं और कुछ लोग अपना पूरा पैसा गँवा बैठते हैं. लेकिन फर्क सिर्फ एक चीज़ का होता है – सही जानकारी. जिनके पास पर्याप्त जानकारी होती है वो सफल होते हैं और जिनके पास पर्याप्त जानकारी का अभाव होता है वो बहुत बड़ी लॉस करते हैं. 


हर निवेशक का मकसद अलग होता है – कोई जल्दी मुनाफा चाहता है, तो कोई लंबे समय के लिए सुरक्षित निवेश करता है. लेकिन एक बात सभी पर लागू होती है – बिना समझ के निवेश करना खतरे से खाली नहीं होता. 


बाज़ार के जोखिमों से बचा जा सकता है किन्तु इसके लिए आपको अधिक से अधिक जानकारी एकत्र करने की जरुरत होगी. जो नए निवेशक होते हैं बिना सोंचे समझे कदम उठा लेते हैं जिसका खामियाजा उनको उठाना पड़ता है.Sharemarket  में निवेश risky होता है इसलिए इसमें निवेश करने से पहले इसके हर पहलु से अवगत होना अनिवार्य है.


अगर आप भी शेयर मार्केट में अपने पैसे को बढ़ाना चाहते हैं, तो पहले इन 10+ ज़रूरी टिप्स को समझिए. ये खासकर नए निवेशकों के लिए बेहद काम की हैं. 


share market success tips in hindi


1. पहले सीखो, फिर पैसे लगाओ

शुरूआती लोगों के लिए share बाज़ार में प्रवेश करना थोड़ी मुश्किल काम हो सकता है क्योंकि इसके लिए सबसे पहले आपको Demat और Trading account खोलना पड़ेगा, कुछ documentation प्रक्रिया से भी गुजरना होगा और बाज़ार का जो जोखिम होगा वह अलग.


इसलिए आपके लिए मेरे हिसाब से पहला tips यही है कि सबसे पहले बिना पैसा खर्च किये trading करना सीखें और इसके लिए आप वर्चुअल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का चुनाव कर सकते हैं. यह एक आभाषी स्टॉक ट्रेडिंग है जो वास्तविक ट्रेडिंग के सामान है जहाँ आप स्टॉक खरीद और बेच सकते हैं.


यहाँ आप वास्तविक पैसों की जगह आभाषी पैसों से निवेश करके सीखते हैं अर्थात यहाँ आपको वास्तविक बाज़ार के सौदे डेमो मोड में करने का अवसर प्राप्त होता है. भारत में आभासी स्टॉक ट्रेडिंग सीखने के लिए कुछ श्रेष्ठ sites के नाम निचे दी गयी है. 


Best Virtual Trading Platforms in India

Moneybhai

Trakinvest

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Dalal Street


2. जिस कंपनी को जानते हो, उसी में निवेश करो

किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले आपको उसके उत्पादों और उसकी कार्यप्रणाली को समझना अतिआवश्यक है. उसी कंपनी की ओर धयान देना चाहिए जो आर्थिक रूप से मजबूत हो.


3. बाजार में अतिरिक्त धन को ही निवेश करें


अगर आप शेयर बाजार में निवेश करना शुरू कर रहे हैं तो हमेशा सरप्लस फंड का ही निवेश करें. कहीं ऐसा न हो कि निवेश के चक्कर में आप कर्ज में ही फंस जाएं. बाजार में अपने खर्चों और अन्य जरूरतों को पूरा करने के बाद जो पैसा बचा है उसे निवेश करें. निवेश में लाभ मिलेगा इसकी गारंटी कोई नहीं दे सकता इसलिए कभी भी कर्ज लेकर निवेश न करें.


लोन लेकर या इमरजेंसी फंड लगाकर शेयर खरीदना गलत रणनीति है. 


4. लम्बी अवधि के लिए निवेश करें

Short term investment जैसे Intra-day trading ज्यादा लाभ दे सकता है किन्तु इसमें ज्यादा जोखिम भी आपको उठाना पड़ता है. बाज़ार में तेजी और मंदी का दौर चलता ही रहता है और यहाँ कुछ भी निश्चित नहीं होता है. बहुत हद तक संभव है कि तेजी के माहौल में घटिया शेयर का भी अच्छा प्रदर्शन हो और मंदी के दौर में बढ़िया शेयर भी निचे की और लुढ़क जाए.


यदि आप कम जोखिम उठाना चाहते हैं तो long term investment पर ध्यान केन्द्रित करें और कम से कम तीन वर्ष के लिए निवेश करें. यदि कंपनी का growth तेजी से हुआ तो आपको भी इसका लाभ पहुंचेगा. स्टॉक मार्केट की जानकारों की मानें तो वो भी लम्बी अवधि के निवेश पर विश्वास करते हैं.


हम सभी जानते हैं कि बाज़ार में रोज चढ़ाव – उतराव होते रहते हैं और जब आप लम्बी अवधि के लिए निवेश करते हैं तो बाज़ार में होनेवाले रोज के उतार चढ़ाव से आपको घबराने की जरुरत नहीं होती है. इसके साथ ही आपको tax free dividend और लाभ प्राप्त होता है.


5. सारा निवेश एक ही कंपनी में नहीं करें

किसी एक प्रकार के कंपनी का share एक ही बार में ढेर सारा खरीदने से बचें और अलग – अलग sector के कंपनियों का share थोडा – थोडा खरीदें. आप चाहें तो अलग – अलग आकार के मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनियों जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्माल कैप कंपनियों के अनुसार भी diversify कर सकते हैं.


6. भरोसेमंद और मजबूत कंपनियों को चुनें

शेयर बाजार में निवेश करते समय मजबूत और प्रतिष्ठित कंपनियों को ही तरजीह दें क्योंकि ये कंपनियां शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव को झेलने में सक्षम होती हैं. वे बाजार में उतार-चढ़ाव के अधीन हैं लेकिन ये कंपनियां उनका सामना कर सकती हैं. साथ ही, ये लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न देते हैं और निवेशकों को अधिक लिक्विडिटी प्रदान करते हैं.


7. निवेश के फंडामेंटल तरीका अपनायें

बाजार से पैसा बनाने का एक अच्छा तरीका यह है कि हमेशा फंडामेंटल मेथड से निवेश करने की कोशिश करें और अटकलों के आधार पर निर्णय लेने से बचें. हमेशा कंपनी की ताकत पर ध्यान देना चाहिए न कि शेयर की कीमत पर. याद रखें कि कम कीमत वाला स्टॉक हमेशा लाभदायक नहीं हो सकता है.


8. लालच और डर को नियंत्रण में रखें

लालच और डर से आपको बाजार में भारी नुकसान हो सकता है इसलिए हर निवेशक को इसे नियंत्रित करना सीखना चाहिए. कहा जाता है कि शेयर बाजार अत्यधिक अस्थिर है, कई पुराने निवेशक भी बाजार की चाल को ठीक से समझ नहीं पाते हैं, तो नए निवेशकों का क्या?


जब बाजार में तेजी होती है, तो व्यापारी अधिक आकर्षित होते हैं और उस दौरान वे दौरान गलत शेयरों में निवेश करते देते हैं. बाजार की स्थितियों की अपेक्षाओं से कभी भी लालची न बनें.


9. पेनी स्टॉक्स से दूर रहें

अगर आप शेयर बाजार में नुकसान से बचना चाहते हैं तो पेनी स्टॉक में निवेश करने से भी बचना चाहिए. अक्सर ऐसा होता है कि जो नए निवेशक होते हैं, वे कम कीमत वाले शेयर खरीदने के चक्कर में घटिया शेयरों में निवेश कर देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है.


छोटे निवेशक ऐसे शेयरों की ओर आकर्षित होते हैं. इसलिए अगर आप नए हैं तो पेनी स्टॉक्स से दूरी बनाकर रखें और इसके बदले कोशिश करें कि हमेशा मजबूत फंडामेंटल वाले स्टॉक्स में पैसा लगाएं.


10. ट्रेंड के खिलाफ मत चलें

अगर आप इस क्षेत्र में नए हैं तो ट्रेंड के विपरीत जाकर निवेश करना नुकसानदेह साबित हो सकता है इसलिए प्रमुख ट्रेंड का पालन करने का प्रयास करें. आपको यह समझना होगा कि कभी बाजार में तेजी आ सकती है, जिसे अपट्रेंड कहते हैं, कभी-कभी मंदी हो सकती है, जिसे डाउनट्रेंड कहते हैं और जब बाजार सपाट चलता है, यानी उसी में चलता रहता है रेंज, तो इसे साइडवेज मार्केट कहा जाता है.


11. टेक्निकल एनालिसिस भी सीखें

एक निवेशक को फंडामेंटल एनालिसिस के साथ-साथ टेक्निकल एनालिसिस करना भी आना चाहिए नहीं तो शेयर बाजार में भारी नुकसान हो सकता है. तकनीकी विश्लेषण मूल रूप से आपको स्टॉक, इंडेक्स, मुद्रा या कमोडिटी की दिशा बताता है. यह विशेषज्ञों द्वारा स्टॉक चार्ट, कैंडलस्टिक चार्ट और स्टॉक टिकर जैसे उपकरणों का उपयोग किया जाता है.


बिना सीखे बाजार में उतरना मतलब बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाना. शुरुआत में आप virtual trading से अभ्यास करें। इससे आप बिना पैसे गंवाए सीख सकते हैं. सबसे पहली बात आप अपने दिमाग में बैठा लीजिये कि आप देखकर या कुछ tips पढ़कर एक्सपर्ट बन जायेंगे, ऐसा नहीं हो सकता है. बाज़ार के बारे में अनुमान लगाना एक कठिन काम है. 


आपने जो बातें सैद्धांतिक तरीके से सीखा है वही व्यावहारिक तौर पर भी लागू हो यह आवश्यक नहीं है.इसके आलावा आपको business से सम्बंधित अखबार पढ़ना चाहिए या इससे सम्बंधित news भी देख सकते हैं जो आपकी समझ को बढाने में मददगार होगा.


दूसरों के बताये अनुसार उस कंपनी में कभी भी निवेश मत कीजिये जिसके बारे में आप नहीं जानते हैं. शुरुआत में आप उसी कंपनी का शेयर खरीदें जिसके बारे में आप जानते हैं. साधारण शब्दों में कहें तो उसी कंपनी से शुरुआत करें जिस कंपनी की products हमारे दैनिक जीवन में उपयोग किये जाते हैं.


कई लोग ऐसे होते हैं जो लालच में आकर गलत कदम उठा लेते हैं जिसका खामियाजा उन्हें उठाना पड़ता है. अपने जरुरत के पैसों को निवेश करने से बचना चाहिए और उसी धन को निवेश करना चाहिए जो अतिरिक्त हो.Short-term trading में रिस्क ज़्यादा होता है.अगर आप stable और consistent returns चाहते हैं, तो कम से कम 3 साल के नजरिए से निवेश करें.


सारे अंडे एक ही टोकरी में मत रखें यानी सिर्फ एक कंपनी या एक सेक्टर पर दांव न लगाएं. अपने निवेश को diversify करें – Large Cap, Mid Cap, Small Cap सभी में थोड़ा-थोड़ा लगाएं.Bluechip कंपनियाँ (जैसे – Reliance, Infosys, HDFC) बाजार के उतार-चढ़ाव को बेहतर संभाल सकती हैं. ये आपके निवेश को भी सुरक्षित रखती हैं.Low price stocks हमेशा फायदेमंद नहीं होते. 


कंपनी के फंडामेंटल्स – जैसे revenue, profit, debt – पर ज़्यादा ध्यान दें.लालच में आकर जबरदस्ती खरीदना और डर के कारण घाटे में बेचना – दोनों ही गलतियां नुकसानदायक हैं. खुद को मानसिक रूप से तैयार करें.कम दाम के शेयर खरीदने के चक्कर में लोग घटिया कंपनियों में पैसा फंसा लेते हैं.


 नए निवेशकों को इनसे दूरी बनाकर रखनी चाहिए.बाजार में क्या चल रहा है – ये समझना जरूरी है.


अपट्रेंड, डाउनट्रेंड और साइडवेज ट्रेंड को जानें और उसी हिसाब से अपनी रणनीति बनाएं.Technical analysis से आप ये जान सकते हैं कि कोई स्टॉक आगे कैसा प्रदर्शन करेगा. इसके लिए Candlestick Charts, RSI, Moving Average जैसे टूल्स का इस्तेमाल होता है.


Final Words,

Diversification ही शेयर बाजार का मंत्र है. निवेश को बैलेंस करने के लिए थोड़ा पैसा mutual funds, fixed deposits, और gold में भी लगाएं.हर व्यक्ति की जोखिम उठाने की क्षमता अलग होती है. 


दूसरों को देखकर नहीं, बल्कि अपनी समझ और लक्ष्य के अनुसार निवेश करें.अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे शेयर करना न भूलें और अपने सवाल कमेंट में पूछें. अगली बार हम बताएंगे – शेयर मार्केट में Demat खाता कैसे खोलें और सही ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म कैसे चुनें.


डिस्क्लेमर: मैं कोई SEBI पंजीकृत वित्तीय सलाहकार नहीं हूँ. इस ब्लॉग में दी गई जानकारी केवल शिक्षात्मक और सामान्य जानकारी के उद्देश्य से साझा की गई है. कृपया किसी भी निवेश निर्णय से पहले खुद शोध करें या किसी प्रमाणित वित्तीय सलाहकार से सलाह लें. शेयर बाजार में निवेश जोखिम भरा होता है, और निवेशक को अपनी जिम्मेदारी पर ही निवेश करना चाहिए.


आज भले ही विज्ञान नई ऊंचाइयों को छू रहा है, लेकिन हमारी सबसे बुनियादी ज़रूरतें – शुद्ध हवा, साफ़ पानी और पौष्टिक भोजन – दिन-ब-दिन दूषित होते जा रहे हैं. इसका कारण तकनीक नहीं, बल्कि हम इंसान हैं, जो विकास की दौड़ में प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं.

हम पेड़ तो काटते हैं, लेकिन उन्हें लगाने की फुर्सत नहीं निकालते. जबकि सच्चाई ये है कि पेड़-पौधे सिर्फ ऑक्सीजन ही नहीं देते, बल्कि कई औषधीय गुणों से भी भरपूर होते हैं.

इस लेख में हम जानेंगे 10 ऐसे औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों (Herbs) के बारे में जो न सिर्फ आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि सदियों से भारतीय आयुर्वेद का हिस्सा रहे हैं.

औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों के नाम (Medicinal Plants and Herbs Names in Hindi)

  1. एलोवेरा (Aloe Vera)
  2. तुलसी (Basil)
  3. चिरायता (Swertia Chirata)
  4. हल्दी (Turmeric)
  5. पुदीना (Mint)
  6. नीम (Neem)
  7. पीपल (Peepal Tree)
  8. आंवला (Amla)
  9. गिलोय (Giloy)
  10. ईसबगोल (Psyllium Husk)

(1) एलोवेरा (Aloevera)

एलोवेरा (Aloe Vera) – त्वचा की खूबसूरती बढ़ाने से लेकर पाचन सुधारने तक, एक बहुउपयोगी औषधि.

एलोवेरा एक अचूक औषधि से भी बढ़कर काम करती है और इसके बारे में हर कोई थोड़ा बहुत जरूर जानता है. एलोवेरा को कई नामों से जाना जाता है जैसेग्वार पाठा, मुसब्बर, घृतकुमारी आदि. लोग आज भी कई बीमारियों के लिए घरेलु उपचार के तौर पर इसका इस्तेमाल करते हैं.  इसका प्रयोग पारम्परिक चिकित्सा, घरेलु उपचार के अलावा लोग अपनी खूबसूरती बढ़ाने के लिए भी करते हैं.

ज्ञात हो कि आजकल बाज़ारों में उपलब्ध अधिकांश ब्यूटीप्रोडक्ट्स में एलोवेरा होता है. एलोवेरा का पौधा खेत से लेकर लोग अपने गमलों में भी लगाते हैं. पूरी दुनिया में एलोवेरा के कई प्रकार पाए जाते हैं.

(2) तुलसी (Basil)

तुलसी (Basil) – “Queen of Herbs” के नाम से मशहूर, सर्दी-खांसी में रामबाण.

हिन्दू धर्म में पवित्र माना जानेवाला तुलसी (Basil) का पौधा एक औषधीय पौधा के रूप में विख्यात है. इस पौधे को लोग अपने घरों में लगाते हैं. हिन्दू धर्म के लोग तो इस पौधे को एक देवी के रूप में पूजते हैं इसलिए अधिकांश हिन्दुओं के घरों के आँगन में या गमलों में आपको यह पौधा देखने को मिल जाएगा.

हमारे आयुर्वेद में तुलसी का एक महत्वपूर्ण स्थान है. सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने के साथसाथ यह कई बीमारियों के लिए कारगर ईलाज है. इस पौधे को घर पर रहने से वातावरण शुद्ध होता हैQueen of herbs इसे यूँ ही नहीं कहा जाता है, इसमें कई बीमारियों से लड़ने की अदभुत क्षमता होती है. सामान्य सर्दी जुकाम और खांसी में इसका उपयोग तो आम है. घरेलु नुस्खे के तौर पर आज भी यह कई घरों में उपयोग किया जाता है.

तुलसी का पौधा झाडी के रूप में उगता है अर्थात यह एक झाड़ीनुमा पौधा है. इसके कई प्रजातियां पायी जाती है. हरे रंग और हलकी बैगनी रंग लिए हुए पत्तियों वाली दो प्रधान रूप से पायी जानेवाली तुलसी के प्रजाति हैं. यह तुलसी के दोनों ही प्रकार सामान्यतः हमारे आसपास ही देखे जा सकते हैं.

(3) चिरायता (Swertia Chirata)

चिरायता (Swertia Chirata) – कड़वा जरूर है, लेकिन खून साफ करने और स्किन प्रॉब्लम्स के लिए असरदार.

हमारे देश भारत में Swertia Chirata को चिरायता के नाम से पहचाना जाता है. औषधीय गुणों से युक्त इसके बारे में हमारे गांव के बड़ेबूढ़ों को भी काफी कुछ पता होता है. नेपाल के जंगलों में इस पौधे का पाया जाना आम है. यह बहुत ही प्राचीन आयुर्वेदिक जड़ीबूटी है जिसका उपयोग खासतौर पर त्वचा से संबंधित विकारों में किया जाता है. रक्तविकार और खुजली जैसी समस्याओं के लिए भी इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है.

कई लोग चाहकर भी इसका सेवन नहीं कर पाते हैं क्योंकि इसका स्वाद बहुत ही कड़वा होता है. इसके जरिये कई प्रकार के रोगों का ईलाज किया जाता है. यह हमारे आसपास के बाज़ारों में बड़े ही आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं. इसके पौधों की आयु लगभग एक वर्षों की होती है अतः आप कह सकते हैं कि यह एक एकवर्षीय पौधा है.

(4) हल्दी (Turmeric)

हल्दी (Turmeric) – एंटीसेप्टिक गुणों वाली यह पीली चमत्कारी जड़ी हर घर में जरूरी है.

हल्दी के बीना तो खाने का रंग ही फीका पड़ जाता है. भोजन के रूप में इसका उपयोग तो किया ही जाता है, लोग कई प्रकार के घरेलु उपचार और अपना सौंदर्य निखारने के लिए भी इसका उपयोग करते हैं. इसमें पाया जानेवाला एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुण हमें कई प्रकार से लाभ पहुंचाते हैं.

खाने का रंग और स्वाद हल्दी से बढ़ता ही है इसके अलावा यह कई बीमारियों से हमें बचाती है. आयुर्वेद में भी हल्दी के बारे में विस्तृत उल्लेख मिलता है. हल्दी हमारी इम्युनिटी पावर को भी बढ़ाती है. लोग स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए हल्दी मिले दूध भी पीते हैं और वास्तव में यह काफी लाभकारी सिद्ध होता है.
हल्दी का एक ख़ास गुण यह भी है कि यह घावों और चोटों को भी भर सकने में सक्षम है. कई लोग तो इसका उपयोग दर्द निवारक के तौर पर भी करते हैं. कहते हैं कि कहीं यदि चोट लगी है तो उसपर हल्दी को चूने में मिलाकर लगाने से दर्द से राहत मिलता है.

हल्दी का उपयोग लोग अपना सौंदर्य निखारने के लिए भी करते हैं. इसके लिए लोग विभिन्न विधियों को अपनाकर हल्दी का लेप, फेस पैक, उबटन आदि तैयार करते हैं. त्वचा सम्बन्धी कई प्रकार के समस्याओं से निजात पाने में भी यह सहायक है.

(5) पुदीना (Mint)

पुदीना (Mint) – ठंडक देने वाला, पाचन में मददगार और खुशबूदार हर्ब.

पुदीना (Mint) में कई प्रकार के औषधीय गुण पाये जाते हैं और इसका महत्व आयुर्वेद में भी बताया गया है. अपने अनोखे स्वाद के लिए जाना जानेवाला पुदीना हमारे लिए काफी स्वास्थ्यवर्धक है. इसके स्वाद के कारण ही लोग खासतौर पर पुदीना का चटनी खाना पसंद करते हैं. इसका उपयोग कई चीजों में होता है जैसे toothpaste, mouth freshener, chewing gums, candies आदि में.

यदि आपको उलटी रही है तो पुदीना का रस पीने से यह समाप्त हो सकती है. इसमें मौजूद मेन्थोल हमें शीतलता प्रदान करता है. यह पाचन क्रिया के लिए भी फायदेमंद है. कई प्रकार के मौखिक विकारों को दूर करने के साथसाथ यह हमारी सांसों को भी तरोताजा कर देता है. नींबू पुदीने का शर्बत भी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है. खासकर यह गर्मी के मौसम में शरीर को ठंडक प्रदान कर राहत प्रदान करता है.

(6) नीम (Azadirachta indica)

नीम (Neem) – कड़वा दोस्त जो स्किन, बाल और इम्यूनिटी के लिए फायदेमंद है.

हमारे देश भारत में हज़ारों वर्षों से नीम का प्रयोग किया जा रहा है. इस वृक्ष से तो हम सभी परिचित हैं किन्तु इसके औषधीय गुणों के बारे में बहुत से लोगों के पास ख़ास जानकारी नहीं होती है. ज्ञात हो कि स्वाद में कड़वापन लिए यह हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी है. कई प्रकार के रोगों से निजात दिलाने में यह सक्षम है.

नीम का पत्ता चबाना हमें कई प्रकार से स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है. आज भी कई लोग नियमित रूप से नीम का दतुवन उपयोग में लाते हैं. खासतौर पर चर्म रोग, घावों आदि समस्याओं के लिए नीम फायदेमंद साबित होता है. ऐसे कई प्रकार के साबुन, शैम्पू, लोशन बाज़ार में उपलब्ध होते है जिसका निर्माण नीम का उपयोग करके किया जाता है.
यदि कोई व्यक्ति चेचक से ग्रसित है तो गुनगुने पानी में नीम की पत्तियां डालकर नहाने से राहत मिलती है. कई प्रकार के बीमारियों के ईलाज में नीम का उपयोग किया जाता है. इसमें जीवनिरोधक गुण मौजूद होते हैं. खुजली से राहत पाने में यह काफी कारगर साबित होता है. इसके कोमल पत्तों के सेवन से रक्त साफ़ होता है. नीम की छाल का लेप कई तरह के घावों और चर्म रोग के निवारण हेतु कारगर है. सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि कई देशों में औषधि और घरेलू उपाय के के तौर पर इसका उपयोग किया जाता है.

नीम के औषधीय लाभ तो है ही इसके साथसाथ यह पर्यावरण संरक्षण और उद्योगों की आवश्यकताओं को भी पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है. हमारे देश में व्यापक रूप से नीम का पेड़ लगाने के लिए कई अभियान भी चलाये जा चुके हैं.

(7) पीपल (Ficus Religiosa)

पीपल (Peepal Tree) – ऑक्सीजन देने वाला चमत्कारी पेड़ और आयुर्वेद का अमूल्य हिस्सा.

पीपल के पेड़ से हम सभी परिचित होते हैं और अक्सर यह पेड़ हमें देखने को मिल जाता है. वनस्पति विज्ञान और आयुर्वेद में भी इस पेड़ को महत्वपूर्ण माना गया है. हिन्दू धर्म के लोगों के लिए तो यह पेड़ और भी ख़ास है क्योंकि ये लोग इस पेड़ की पूजा भी करते हैं. इसका वृक्ष विशाल होता है और यह हज़ारों वर्षों तक जीवित रहता है. इस पेड़ की छाया हमें ठंढक प्रदान करती है.

पीपल के पेड़ इसलिए भी विशेष माना जाता है कि यह ताजा प्राणवायु (Oxygen) छोड़ता है और कार्बन डाइआक्साईड सोखता है. केवल इतना ही नहीं ऐसे कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ मनुष्य इस पेड़ के जरिये प्राप्त कर सकता है. इस पेड़ का छाल और इसके पत्ते का रस कई प्रकार के औषधिय उपयोग में लाया जाता है. अपने दांतों को मजबूत करने के लिए कई लोग इसका दातुन भी उपयोग में लाते हैं.

अपने वातावरण को शुद्ध रखने के लिए पीपल का पेड़ अवश्य लगायें क्योंकि यह वायु को शुद्ध रखता है और सबसे अहम् बात यह है कि किसी अन्य पेड़ों के मुकाबले यह अधिक ऑक्सीजन वायुमंडल में छोड़ता है. घरेलु इलाज के तौर पर लोग आज भी लोग विभिन्न रूपों में इसका इस्तेमाल करते हैं. इस पेड़ का छाल, पत्ते, फल, इसके पत्ते से निकलने वाला दूध सभी घरेलु इलाज के तौर पर उपयोग में लाये जाते हैं. सेहत से जुड़े लाभ प्रदान करने के साथसाथ यह पेड़ हमारे पर्यावरण के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है.

(8) आंवला (Indian gooseberry)

आंवला (Amla) – विटामिन C से भरपूर “अमृतफल” जो बालों, त्वचा और पाचन के लिए उपयोगी है.

आंवला का कोई एक नहीं अनेक फायदे हैं. यह सबसे प्राचीन आयुर्वेदिक औषधियों में से एक है. केवल भारत में ही नहीं अपने गुणों के कारण यह दुनियाभर में लोकप्रिय है. इस फल का उपयोग लोग अपने त्वचा और बालों के लिए तो करते ही हैं साथ ही यह कई बीमारियों के लिए भी औषधि के रूप में उपयोग में लाया जाता है.

आंवला जूस लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है क्योंकि यह अनेक प्रकार से स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता हैं. हमारे आयुर्वेद में तो इसे अमृतफल के नाम से जाना जाता है. आंवला Vitamins, Minerals, और Nutrients से भरपूर होते हैं साथ ही इसमें antibacterial गुण भी होते हैं. बेजान, सफेद और रूखे बालों से छुटकारा पाने में आंवला बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.

पाचन शक्ति बढ़ाने, मोतियाबिंद, आँखों की रौशनी बढ़ाने आदि के लिए भी आंवला औषधीय रूप से उपयोग में लाया जाता है. इसका उपयोग जूस, अंचार, इसका चूर्ण बनाकर, तेल, इसका कच्चा फल आदि विभिन्न रूपों में किया जाता है.

(9) गिलोय (Tinospora Cordifolia)

इस कोरोना काल में हमारे देश भारत में यदि कोई आयुर्वेदिक औषधि सबसे ज्यादा चर्चा में रहा है तो वह गिलोय है. इसका कारण यह है कि इसकी इम्यूनिटी पावर बढ़ाने की शक्ति. यह हमारे इम्यून सिस्टम को बूस्ट तो करता ही है साथ ही यह कई रोगों से हमें बचाती भी है. गिलोय देखने में जंगली झाड़ की तरह दीखते हैं और इसकी पत्तियां पान के पत्ते की तरह होते हैं.

भारत में औषधी के रूप में गिलोय का उपयोग काफी प्राचीन है और इसका इस्तेमाल आज भी बड़े पैमाने पर किया जाता है. यह एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो स्वाद में कड़वा होता है. यह आँखों की रौशनी बढ़ाने में भी कारगर मानी जाती है. गिलोय का जूस नियमित रूप से सेवन करने से रक्त शुद्ध होता है. पेट से सम्बंधित कई बीमारियों के लिए यह फायदेमंद है. इसका जूस बड़े ही आसानी से बाज़ारों में मिल जाते हैं.

(10) ईसबगोल (Psyllium)

ईसबगोल (Psyllium) शायद आप इसके बारे में जानते होंगे. बहुत से लोग इसका इस्तेमाल खासतौर पर कब्ज की समस्या से छुटकारा पाने के लिए करते हैं. इसमें प्रचूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है. यह कई रोगों के लिए कारगर ईलाज माना जाता है. हमारे देश भारत में ईसबगोल की खेती व्यवसायिक स्तर पर की जाती है.

कई लोग रात को सोने से पहले पानी के साथ ईसबगोल का सेवन करते हैं. इसका भूसी का उपयोग तो किया ही जाता है इसके साथसाथ इसके तने, जड़, फूलपत्ती, बीज सभी किसी किसी रूप में उपयोग में लाये जाते हैं. दस्त की समस्या में भी यह काफी कारगर माना जाता है. आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने के लिए आज भी ईसबगोल का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है. कब्ज और गैस की के ईलाज के तौर पर आज भी बहुत से लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. इसका भूसी का उपयोग पानी या दूध में मिलाकर किया जा सकता है.